Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2021 · 2 min read

#कलम#

दिल की कलम,हाथों में लिए।
सच्चाई की स्याही से,
कोरे कागज पे नित् नए अल्फाज़ भरे।
दूरदृष्टि रख,
कर्म पादुका लिए,कभी मंद-मंद तो कभी तीव्र गति से
चलता चले।
सरपट दौडे,हर मौसम,हर पहर,
चाहे सुबह हो या शाम ढले।
दृढप्रतिज्ञ बने,
राख करे असूरों का,वो ज्वाला बने।
दिल की कलम,हाथों में लिए।
सच्चाई की स्याही से,
कोरे कागज पे नित् नए अल्फाज़ भरे।।

ये कलम रूकने न पाए।
किसी के आगे झूकने न पाए।
घुटने न टेके सामप्रदायिक ताकतों के सामने।
राजनीतिक गतिविधियों का आकलन करे।
धर्म -अधर्म का संकलन करे।
दिल की कलम,हाथों में लिए।
सच्चाई की स्याही से,
कोरे कागज पे नित् नए अल्फाज़ भरे।।

कलमबद्ध करे हर मार्मिक परिदृश्य का।
शिष्ट-बिशिष्ठ -शिष्टाचार काअवलोकन करे।
पाखंडीयों,धर्म के ठेकेदारों का गर्दन धरे।
अवरोधों से रूकने न पाए।।
स्वतंत्र-स्वच्छन्द बहे नीर की तरह।
दाँत खट्टे करे दे दही की तरह,
शहद बन स्वाद बने खीर की तरह।
चीर दे सीना दुश्मनों का,वतनपरस्तों का।
तीक्ष्न रहे, बेवाक रहे।
दिल की कलम,हाथों में लिए।
सच्चाई की स्याही से,
कोरे कागज पे नित् नए अल्फाज़ भरे।

बेवजह किसी का जुल्म न सहे।
सात्विक, सत्संग व अखणडता का पाठ करे।
गरीब-गुरबा की ताकत बने।
साक्षर बने,अशिक्षा दुर करे।
ठाठ बने,लाठ धरे दिलों के गांठ खोले।
चाटुकारिता त्यागे,न झूठा दम्भ भरे।
दिल की कलम,हाथों में लिए।
सच्चाई की स्याही से,
कोरे कागज पे नित् नए अल्फाज़ भरे।

शिक्षा का द्विप धरे,
जग आलोकित करे।
गुलामी त्यागे, स्वतंत्रता का प्रतीक बने।
मानवतावादी बने,सच्चाई के लिए हरदम लडे।
अचल रहे पर्बत की तरह अविचल डटे रहे।
जुल्म न सहे,गंगा की तरह स्वच्छ बहे,
सदा पवित्र रहे।
दिल की कलम,हाथों में लिए।
सच्चाई की स्याही से,
कोरे कागज पे नित् नए अल्फाज़ भरे।

दुनिया को कलम की ताकत का ईल्म कराए।
हर भाव को समेटे,निडर,निरन्तर चलता चले।
जगत् की हर तस्वीर को,
अपने कलम से कलमबद्ध कर,
नःस्वार्थ भावों को उकेरे।
दिल की कलम,हाथों में लिए।
सच्चाई की स्याही से,
कोरे कागज पे नित् नए अल्फाज़ भरे।

••••••• ••••••• •••••••
••••••• ••••••• •••••••
स्वरचित कवि, गीतकार,
संगीतकार व गायक :- Nagendra Nath mahto.
तिथि:- 14/जुन/2021
All copyrights:- Nagendra Nath mahto.

Language: Hindi
1 Like · 428 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नारी वेदना के स्वर
नारी वेदना के स्वर
Shyam Sundar Subramanian
अधूरी कहानी (कविता)
अधूरी कहानी (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
Fantasies are common in this mystical world,
Fantasies are common in this mystical world,
Chaahat
धूम मची है दुनिया-भर में, जन्मभूमि श्री राम की (गीत)
धूम मची है दुनिया-भर में, जन्मभूमि श्री राम की (गीत)
Ravi Prakash
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
Ravikesh Jha
माना उससे कोई रिश्ता नहीं हमारा जनाब
माना उससे कोई रिश्ता नहीं हमारा जनाब
ruchi sharma
वचन बड़े अनमोल हैं ( उल्लाला छंद )
वचन बड़े अनमोल हैं ( उल्लाला छंद )
n singh
बसंत
बसंत
Lovi Mishra
जल जंगल जमीन
जल जंगल जमीन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"तुलना"
Dr. Kishan tandon kranti
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
कबाब में हड्डी
कबाब में हड्डी
Sudhir srivastava
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।
Rj Anand Prajapati
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मतलब का सब नेह है
मतलब का सब नेह है
विनोद सिल्ला
तेरे लिखे में आग लगे
तेरे लिखे में आग लगे
Dr MusafiR BaithA
मोहिनी
मोहिनी
Rambali Mishra
अटरू ली धनुष लीला
अटरू ली धनुष लीला
मधुसूदन गौतम
श्रद्धा तर्क, तर्कबुद्धि तथा ईश्वर (Faith, Logic, Reason and God)
श्रद्धा तर्क, तर्कबुद्धि तथा ईश्वर (Faith, Logic, Reason and God)
Acharya Shilak Ram
कुछ ख़ुशनसीब ऐसे हैं जो आगे किस्मत से बढ़ गए!
कुछ ख़ुशनसीब ऐसे हैं जो आगे किस्मत से बढ़ गए!
Ajit Kumar "Karn"
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुसाफिर.......
मुसाफिर.......
Harminder Kaur
रिश्ता और परिवार की तोहमत की वजह सिर्फ ज्ञान और अनुभव का अहम
रिश्ता और परिवार की तोहमत की वजह सिर्फ ज्ञान और अनुभव का अहम
पूर्वार्थ
3835.💐 *पूर्णिका* 💐
3835.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हमारी आखिरी उम्मीद हम खुद है,
हमारी आखिरी उम्मीद हम खुद है,
शेखर सिंह
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
Pramila sultan
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
Rekha khichi
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
Rajesh Kumar Arjun
घाव दिए जिसने सभी ,
घाव दिए जिसने सभी ,
sushil sarna
Loading...