Nagendra Nath Mahto Tag: कविता 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nagendra Nath Mahto 27 Jun 2021 · 1 min read #अब तो लिखना आ गया मुझे# अब तो लिखना आ गया मुझे। अब हर रात पर लिखेंगे, हर बात पर लिखेंगे।। अब कोई क्या रोकेगा मुझे? तुम्हारे साथ पर लिखेंगे, तुम्हारे हाथ पर लिखेंगे। हर ताब... Hindi · कविता 2 704 Share Nagendra Nath Mahto 26 Jun 2021 · 1 min read हर हाल में हर हाल में तुमको जीना है। ज़माने के दिए हर गम-ए-अश्क को पीना है। रहमत है तुमपे खुदा का,खुदाई के लिए ज़ख्मों को सीना है।। है ज़मीर तेरा बाखुदा शक्ल... Hindi · कविता 2 626 Share Nagendra Nath Mahto 22 Jun 2021 · 1 min read #किसान दादा भोर भई रे भईया, उठो रे किसान दादा। बेरा भईल लाल, समय चलत आपन चाल। लई दतुन-पानी, मुँँह कुरकुर्चा करो रे भईया। खाईके माड़-भात, बैलो को नारो भईया। खेतन को... Hindi · कविता 3 2 578 Share Nagendra Nath Mahto 19 Jun 2021 · 1 min read #N N MAHTO क्या गुलजार, क्य मजरूह? क्या बख्शी,क्या मीर? सब हैं अतुलनीय पर मैं भी आ रहा हूँ , आपके दिलों में दस्तक देने। लेकर कुछ अलग, कुछ ताजगी भरे, कुछ नवीन,कुछ... Hindi · कविता 403 Share Nagendra Nath Mahto 18 Jun 2021 · 1 min read #ये गाँव की गलियाँँ ये खेत और ये खलिहान, ये गांव की गलियां और ये पगडण्डीयाँ। ना चाहते हुए भी, मुझे बरबस ही याद आ जाया करती हैं। याद आए भी क्यूँ ना, इनसे... Hindi · कविता 544 Share Nagendra Nath Mahto 18 Jun 2021 · 1 min read #उम्मीदों का दामन एक और ख्वाब तेरा, टुट गया तो क्या हुआ ? उम्मीदों का दामन अभी थामे रख। यकीनन सटीक निकलेगा, इसबार तीर कमान से तेरे। अपने लक्ष्य की ओर निशाना साधे... Hindi · कविता 3 2 719 Share Nagendra Nath Mahto 17 Jun 2021 · 2 min read #कटी-पतंग कटी-पतंग थी। उडते-उडते गिरीं जमीन पे। शायद हवाएँ दबंग थींं।। कमजोर माँझा था या झोंकाएँ तेज थी। जहाँ पे अटक गई मैं वो पथरीली रेत थी। तेज धुप था और... Hindi · कविता 3 4 1k Share Nagendra Nath Mahto 17 Jun 2021 · 1 min read #राहीं मैं राहीं हूँ, इन राहों का बस चल रहा हूँ। मंजिलें मिलेगीं मुझे आशाओं की, इसलिए वक्त के साथ ढल रहा हूँ। मैं राहीं हूँ, इन राहों का,बस चल रहा... Hindi · कविता 1 4 505 Share Nagendra Nath Mahto 16 Jun 2021 · 1 min read #दर्पण दर्पण हूँ,झूठ बोलना जानू ना। खुद जाँचती,किसी का बोलना मानूँ ना। लोगों को आईना दिखाती,सजीव तस्वीरें चित्रित करती। राज़ को राज़ रखती,राज़ खोलना जानूँ ना। दर्पण हूँ, झूठ बोलना जानूँ... Hindi · कविता 1 2 538 Share Nagendra Nath Mahto 16 Jun 2021 · 2 min read #रक्तरंजित# होके रक्तरंजित मैं पडी हूँ लथपथ निढाल। ना कोई रहा सुध लेने वाला मेरी, धरा पर इंसानियत का अब क्यूँ हो रहा अकाल।। देख मुझे अट्टाहास कर रहा गगन, त्रेता,सत्य,द्वापर... Hindi · कविता 1 2 390 Share Nagendra Nath Mahto 15 Jun 2021 · 1 min read #आहटें# ये कैसी है आहटेंं तेरी, अक्सर सोते हुए भी मुझे जागने सा एहसास करा जाती हैंं! यादोंं के जंगल मे शेरनी बने बैठे हो,ख्वाबो ख्यालोंं की बनी हो मल्लीका! आखोंं... Hindi · कविता 5 6 407 Share Nagendra Nath Mahto 15 Jun 2021 · 2 min read #औरत# मैं औरत हूँ। मैं स्त्री, मैं जननी। मैं पुरूष बल की पौरस हूँ। मै औरत हूँ।। करूँ श्रृंगार तो रूपवती मेनका हूँ। काजर डारूँ तो कजरारी माँ काली हूँ। साँवली-सलोनी... Hindi · कविता 4 8 864 Share Nagendra Nath Mahto 15 Jun 2021 · 2 min read #कलम# दिल की कलम,हाथों में लिए। सच्चाई की स्याही से, कोरे कागज पे नित् नए अल्फाज़ भरे। दूरदृष्टि रख, कर्म पादुका लिए,कभी मंद-मंद तो कभी तीव्र गति से चलता चले। सरपट... Hindi · कविता 1 395 Share Nagendra Nath Mahto 13 Jun 2021 · 1 min read #पूर्वा-बयार # देखो-रे-देखो, पूर्वा -बयार है आयो। संग लायो, काले मेघन के सायो।। उमड़-घुमड़ बदरा बरसन को आतूर, तनिक धीरज धरो। चिलचिलाती धूप कूँ ढ़ाँकत-ढ़ाँकत, तीखा निदाघ देखो काफूर कियो। शीतलता ही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 16 641 Share Nagendra Nath Mahto 13 Jun 2021 · 2 min read #पानी# पानी रे पानी, क्या है तेरा स्वरूप?।। कभी वर्षारानी तो कभी जीवनदात्री माता कहलाये तो कभी भाग्यविधाता। श्रृष्टी मेंं सर्वश्रेष्ठ हो तुम ही एक जीवनदाता। गर्मियों की तपिश मेंं जब... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 13 579 Share Nagendra Nath Mahto 11 Jun 2021 · 2 min read ।।आया सावन झूम के।। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी, आया सावन झूम के। चेहरे पे आई नई ताजगी। जब पहली वारिश की पहली बूंदें गिरीं जमीं पे, मेरे चेहरे को चूम के।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 6 469 Share