नन्दलाल सुथार "राही" 31 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नन्दलाल सुथार "राही" 31 May 2023 · 3 min read नादान दोस्त 1 मोती आज बहुत खुश था। उसे नया दोस्त जो मिल गया था। अब दिन भर उसी के साथ रहता ,उसे अपना खाना खिला देता,उससे ढेर सारी बाते भी करता।... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी · दोस्तीप्यार · लघु कथा 4 1 119 Share नन्दलाल सुथार "राही" 26 May 2021 · 1 min read दो पहलू धरा के ताप को हलधर के अभिशाप को हर लेती है बरसात। धरा में अकाल को प्राणियों की प्यास को हर लेती है बरसात। कृषकों को अनाज से बगिया को... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 6 302 Share नन्दलाल सुथार "राही" 16 May 2023 · 1 min read ज़िंदगी अस्त व्यस्त सी है जिंदगी जी रहे है कभी खुशी की बूंदे तो कभी गम के आँसू पी रहे है। कभी ठहर सी जाती है तो कभी तूफान बन जाती... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 2 1 219 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read नारी तुम खुली हवा में घूमने वाले मैं पिंजरे में बंद बटेर हूँ कहते तो है सब देवी मुझको पर मैं गृह मंदिर में कैद हूँ । मेरा दर्द तुम क्या... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 2 204 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read पंछी और पेड़ पंछी और पेड़ इक पंछी कुछ गीत गाये जा रहा था मैंने बुलाया, और उससे पूछा न मौसम सुहाना, न बारिश न पानी फिर गीत क्यूँ तुम गाये जा रहे... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 2 2 461 Share नन्दलाल सुथार "राही" 16 Jul 2021 · 5 min read प्रतीक्षा प्रतीक्षा १ विक्रमनगर में आज प्रातः की शुरुआत ही शंख की पवित्र ध्वनि और ढोल - नगाड़ों की गूंज से हुई। आज सम्पूर्ण नगर में हर्ष और उल्लास का माहौल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 309 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read सफ़ेदे का पत्ता सफेदे का एक पत्ता आ गिरा सो रहा था मैं जहाँ ऊपर मेरे तब खो गया मैं इस जगत से उस अलौकिक जगत में जहाँ अक्सर खोते है कोई साधक।... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · मुक्तक 1 250 Share नन्दलाल सुथार "राही" 26 May 2021 · 1 min read पिता तुम हो महान हे प्राणदाता हे जीवनदाता तुम हो महान , सबसे महान अंगुली पकड़ के , मुझे चलना सिखाया कांधे बिठाकर, मुझे हँसना सिखाया एक एक खुशी का वो रखते है ध्यान... Hindi · कविता 1 268 Share नन्दलाल सुथार "राही" 16 May 2023 · 2 min read हिंदी जब हृदय के भाव बहकर,ऊफान पर आ जाते है आ जाते है तब भाव बहकर,भाषा वो बन जाते है भाषाएँ तो जग में हर पग ,रूप बदलती जाती है जो... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 137 Share नन्दलाल सुथार "राही" 16 May 2023 · 1 min read चेहरा एक चेहरे के पीछे छिपा होता है एक और चेहरा वो चेहरा जो वास्तविक होता है जो दिखता है वो होता है एक नकाब ऐसा नकाब जो बदलता भी रहता... Poetry Writing Challenge · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 191 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read जीवन ये जीवन है काँटो से सुसज्जित तू मत होना इसमें लज्जित पथ में हर पग शूल मिले या फूल मिले तू मत इनके वश में होना फूल मिले तो खुशबू... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 303 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read चिड़िया रानी एक नन्हीं सी प्यारी सी चिड़िया रानी उड़कर वो आकर बोली सयानी तू देखे मुझे इस तरह से मैं प्यारी बहुत हूँ इसी वजह से फिर मैंने बोला ओ प्यारी... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · मुक्तक 1 221 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read बहुत याद आती है माँ में अब समझा तुझे जब तुमसे बहुत दूर आ गया माँ अब मुझे तेरी हर बात याद आती है सुबह के अलार्म में तेरी आवाज याद आती है, भूख... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 166 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read नया सवेरा *नया सवेरा* हर कोई देगा साथ तुम्हारा कांटे भी कोई चुभाएगा पर तुम न अगर आये सामने हालात वही फिर रह जायेगा। मिलकर करना आसान बहुत है पर सबको कौन... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 168 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read बचपन भाग दौड़ भरे इस जीवन में जब आंखों को बंद करता हूँ सोचता हूँ जीवन के बारे में कैसा रहा सफर ये मेरा क्या किया है मैंने खास क्या रहा... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 274 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read हम तो कवि है *हम तो कवि है* ये बारिश का पानी ये नदिया सुहानी हरी सब है झाड़ी भरी है पहाड़ी झर-झर रे झरना धरती का गहना पंछी है उड़ते गाते है गीत... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 254 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read धूल है अंधेरा हर राह पर फूलों में भी शूल है, हो गया है आज भारत जैसे बिखरी धूल है। भुखमरी और है लाचारी बहनों पे है विपदा भारी नेता जिसको... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · मुक्तक 1 284 Share नन्दलाल सुथार "राही" 15 May 2023 · 1 min read भ्रम का जाल भ्रम का है जाल फैला, है सभी यहाँ भ्रम में, मानते है, जानते है, खुद को अच्छा, सबसे अच्छा, सच उलट तो है सभी का, है सभी यहाँ भ्रम में......... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 178 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read श्रीराम का पता कुछ पूछते है किस जगह पर रहता तेरा राम है जो चल रही है प्राणधारा उसमें रहता राम है। बहती हवा में राम है और व्योम में भी राम है... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · दोहा · मुक्तक 1 269 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 2 min read भारत भारत भरत भारत राम भारत ब्रह्मा विष्णु महेश भारत देवो का निवास भारत। थार भारत पहाड़ भारत बर्फ, मैदान, पठार भारत है पवित्र भूमि भारत। गंग भारत यमुना है भारत... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · बाल कविता · मुक्तक 1 149 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read मौत ऐ मौत तू बहुत खूबसूरत होगी न जाने कब तेरा दीदार होगा जब भी होगा यह तय है वह पल सबसे खास होगा ऐ मौत मैंने देखा न देवता कभी... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 314 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read माँ सब उपमाओं से परे तेरी सूरत है सब उपमाओं से परे तेरा मृदुल व्यवहार चाहे अंधेरे का महासागर फैला हो तेरे जीवन में पर न जाने कहाँ से उम्मीद की... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 209 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read ख़याल मेरे मन में तो बार-बार ये ख़याल आता है अगर मैं ना हुआ सफ़ल ये बारम्बार आता है कभी-कभी ये दिल बहुत घबरा जाता है कभी-कभी दिल दिल से ही... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 121 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read चाँदनी पूनम की वह रात सुहानी बना शशि था तब अभिमानी बोला मेरी चाँदनी शीतल जब पहुँचती है यह भूतल सारा जग है जगमग होता मेरे होते 'काम' ना सोता मैं... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 135 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 2 min read प्रकृति एवं मानव देखा जब मैंने चंदा को वो अपनी कमी बताता है आती है अमावस रात जब मैं पूरा ही खो जाता हूँ। बोला मैंने उस चंदा को क्या अपनी कमी तू... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 1 125 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read इक दिन तो जाना है जन्म जो लिया तुम्हें इक दिन तो जाना है कोई ना तेरा नहीं कोई ठिकाना है इस जगत की रोशनी में, तू क्यों खोया रहता है बहती है गंगा, तुम्हें... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · मुक्तक 1 293 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read ताप "ताप" सर्दी की धूप जैसे बुझी-बुझी सी होती है मानो मिट गया हो अहंकार उसका जो गर्मी में झुलसाती थी तड़पाती थी सताती थी करती थी गर्व अपने ताप पर... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · मुक्तक 1 190 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read शहीद की पत्नी *शहीद की पत्नी* (शहीद का पार्थिव शरीर घर में आने पर उसकी पत्नी का रुदन गीत) तुम आओगे घर आँगन में मैंने द्वार सजा के रखा था तुम आ भी... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · मुक्तक 1 258 Share नन्दलाल सुथार "राही" 14 May 2023 · 1 min read पुस्तकें पुस्तकें कुछ अनकही बातों की दास्तां होती है पुस्तकें दिल में दबी बातों की जुबां होती है पुस्तकें जो कभी वृद्ध न हो ऐसी जवां होती है पुस्तकें अनिद्रा में... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · बाल कविता · मुक्तक 1 181 Share नन्दलाल सुथार "राही" 31 Oct 2022 · 1 min read जिस शहर में ... जिस शहर में.... जिस शहर में तू ना आये वो शहर वीरान है चल रही है तेरी धड़कन तब तक मुझमें जान है। जिस शहर में.... मेरी दुनियाँ तुझमें बसती... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 125 Share नन्दलाल सुथार "राही" 30 Oct 2022 · 1 min read जाति जाति सुबह के दस बज चुके थे और राहुल अभी भी सपनो में खोया हुआ था। एक नींद ही वो समय है जब आदमी सब कुछ भूल जाता है पर... Hindi · कहानी · लघु कथा · लेख 125 Share