सिद्धार्थ गोरखपुरी Tag: शेर 351 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 Jun 2022 · 1 min read तुम्हारे लफ्ज तुम्हारे लफ्ज और आवाजों के ऊँचे डेसिबल मुझे आज भी चुभते हैं जैसे चुभे थे कभी मैं वह नहीं रहा न मेरा मिजाज वो रहा के गलतियां दूजे की भी... Hindi · शेर 1 262 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 20 Jun 2022 · 1 min read रेस -ए -जिन्दगी रेस -ए -जिन्दगी में वैसे मशविरे हजार मिले मौका -ए - वक़्त पर शायद ही दो चार मिले -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 134 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Jun 2022 · 1 min read लम्स लम्स की आरजू मरकूज है बस खयालों तक वो मेरे रूबरू हो तो फिर कुछ याद नहीं रहता - सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 2 226 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 16 Jun 2022 · 1 min read डीह बाबा से विजया के अर्जी मऊर बताईं कब चढ़ी हमरे कपार पे लागल बाटी शादी खातिर कबसे कतार में अगुआ से कहत - कहत जान हमार जाता दूसरा के का बुझाई जवन हमका बुझाता शादी... Hindi · शेर 259 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 16 Jun 2022 · 1 min read बशर्ते पाषाण -ए - हर्ट में ग्रो कर जाता है बीज -ए - मोहब्बत, बशर्ते क्वालिटी उम्दा, बेहतरीन और वाकमाल रहे -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 2 190 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 Jun 2022 · 1 min read मर्जी आदमी को ग़ुमान था के सब उसकी जद में है मर्जी ऊपर वाले की चली... और गुरुर टूट गया -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 147 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 14 Jun 2022 · 1 min read आता है कभी??? मेरा खयाल आता है कभी ??? हकीकत जानते हैं मगर पूछते हैं सभी -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 123 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 14 Jun 2022 · 1 min read खबर पुराने अख़बार में मिलेगी खबर मेरी है तो गड्डी में मगर रद्दी भी तो है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 136 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 14 Jun 2022 · 1 min read ढूढ़ा जाऊंगा पुराने अखबार की जरूरी खबर हूँ मैं जब जरूरत होगी तो ढूंढा जाऊंगा -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 3 4 506 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 11 Jun 2022 · 1 min read खुशियाँ समेट कर फेंक दो अपनी उम्मीदों को सफ़ेद चादर लपेट कर वरना हर शख्स ले जाएगा तुम्हारी खुशियाँ समेट कर -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 3 122 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 8 Jun 2022 · 1 min read किस्मत काश कोई किस्मत तक मेरी बात ले चले के किस्मत पकड़ के हाथ अपने साथ ले चले -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 343 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 7 Jun 2022 · 1 min read पीछा जिन्दगी के रास्ते को ऊँचा -नीचा कर रहा हूँ मैं एक अरसे से खुद का पीछा कर रहा हूँ -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 3 120 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Jun 2022 · 1 min read बहुत कुछ बहुत कुछ याद आता है बहुत कुछ भूल जाने को आदमी क्यों नहीं लगता खुद का मूल पाने को -सिद्धार्थ Hindi · शेर 340 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 5 Jun 2022 · 1 min read पैरवी ऐतबार तुमपे न किया जाएगा कान में पैरवी अब पैसों की है - सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 131 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 3 Jun 2022 · 1 min read कमतर यार वो कमतर दिखाई दे रहा है क्या मुझे बदतर दिखाई दे रहा है? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 309 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 3 Jun 2022 · 1 min read खाक वक़्त के इशारे को इत्तेफाक समझते रहे बात ग़र यही है तो क्या खाक समझते रहे -सिद्धार्थ Hindi · शेर 131 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 2 Jun 2022 · 1 min read दो जून खुशियाँ रेहन हैं दो जून की रोटी के एवज में आदमी खुश हो जाए या तो रोज पेट भरे -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 2 161 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 31 May 2022 · 1 min read मर्जी न पूछ सवाल ये के कहाँ - कहाँ रख दी हमारी बात थी हमने जहाँ मर्जी वहां रख दी -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 219 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 31 May 2022 · 1 min read गिले -शिकवे परोसकर अरसे बाद शाम को उसके घर मैं क्या गया उसने रख दी थाली सामने गिले - शिकवे परोसकर -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 288 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 May 2022 · 1 min read बिसात पत्थरों पर भी शजर उगते हैं ऐ बंजर तेरी बिसात क्या है? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 171 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 May 2022 · 1 min read सिक्के निकाल लेते थे जेबों से सिक्के टटोल के वे दिन भी लद गए और सिक्के भी लद गए -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 125 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 May 2022 · 1 min read बाईलाज में ग़र सब कुछ लिखा जिन्दगी के बाईलाज में तो फिर गलतफहमियाँ आज़ भी क्यों लाईलाज हैं -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 158 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 May 2022 · 1 min read अय्यारी यार के अय्यारी से निजात पाना है? खुद को खुद का रहबर बना के देख जरा -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 333 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 May 2022 · 1 min read फनकार आदमी बदल रहा है रूप, रंग, नीयत अपनी क्या सच में बहुत बड़ा फनकार हो गया है?? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 2 247 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 May 2022 · 1 min read माना के माना के हैसियत नहीं है मेरी पर सुनना वसीयत नहीं है मेरी -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 132 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 May 2022 · 1 min read फ़ितरत फितरत वक़्त के आगे बेबस है अभी वक़्त को बेबस न कर दे तो आदमी कैसा? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 194 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 May 2022 · 1 min read रस्ता रास्ता नीरस है,सुनसान है खुद तक जाने का तय तुम्हे करना है के जाना है या नहीं -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 117 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 May 2022 · 1 min read राब्ता उसका मुझसे बस इतना राब्ता है जिसे सब चाहते है वो मुझे चाहता है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 263 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 May 2022 · 1 min read आफ़ताब आफ़ताब कहते हो न खुद को जान लो दुनिया सिर्फ दाग देखती है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 144 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 May 2022 · 1 min read दलीलें झूठी हो सकतीं हैं मन की अदालत में मै खड़ा हूँ दिल मेरी वकालत कर रहा है ..... दलीलें झूठी हो सकतीं हैं -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 221 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 21 May 2022 · 1 min read चाय हो जाए ठंडा - वंडा, काफ़ी - वाफी महज ढकोसला है यारों चाय का दिन है! चाय हो जाए -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 220 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 19 May 2022 · 1 min read मना कौन करे तुम्हे हक है मुझे गुनहगार समझो तुम्हारे हक में वक़्त है तो फिर मना कौन करे -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 180 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 18 May 2022 · 1 min read यूँही वक़्त तय करता है क़ीमत सबकी लोग यूँही बेशकीमती बने जा रहे हैं -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 249 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 18 May 2022 · 1 min read सब बदल जाते हैं लहजा, सज्जा, छज्जा, मज्जा सब बदल जाते हैं समय और उम्र जब भी ढलने लगता है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 104 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 May 2022 · 1 min read कौन चाहे मतलबी भीड़ में मशहूर होना कौन चाहे आखिर खुद से बहुत दूर होना कौन चाहे -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 160 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 May 2022 · 1 min read वायदे हजार वायदे तो हजार कर दिए थे होशोहवास में न जाने कब लत उन्हे पैमाने की लग गयी -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 272 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 May 2022 · 1 min read ज्यादा मैंने उम्मीद तुमसे कुछ ज्यादा किया था क्योंकि तुमने वादे पर वादा किया था -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 228 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 May 2022 · 1 min read कुतर गए वायदे महज लफ्ज थे जो जेहन से उतर गए तुम उम्मीद की चादर ओढ़ के सोए थे चूहे कुतर गए -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 1 285 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 7 May 2022 · 1 min read कुछ लफ्ज कुछ लफ्ज मोहब्बत के ग़र कहने ही हैं तुमको हो रूबरू आईने के और कह डाल जो है कहना -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 129 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 7 May 2022 · 1 min read ऐ समंदर ऐ समंदर!तेरे पानी में इजाफा क्या हुआ तूने तो इसे सबकी आँखों में बाँट दिया चलो बाँट ही दिया है, तो बस इतना बता दो कि उसे भावनाओं से तुमने... Hindi · शेर 1 130 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 May 2022 · 1 min read खुद से हैसियत है तो उस से मोहब्बत कर लो ग़र नहीं तो खुद से मोहब्बत कर लो -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 200 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 May 2022 · 1 min read जिन्दगी की अंगीठी पे आदमी इतराता बहुत है अपनी जरा सी तकनीकी पे अरे अच्छे अच्छे ख्वाब सुलग जाते हैं जिन्दगी की अंगीठी पे -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 87 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 May 2022 · 1 min read खरीद कर ज्यादा गफलतें न पाल बहुत कुछ खरीद कर ग़र दम है तो दिखा दे किसी का गम खरीद कर -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 167 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 May 2022 · 1 min read लहजा लहजा वक़्त देखकर बदल जाता है आप से तुम, तुम से तूँ का सफ़र यूँही नहीं होता -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 410 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 4 May 2022 · 1 min read कुछ एक कुछ एक अपने भी हुआ करते थे कभी वक़्त अच्छा था तो दुआ करते थे सभी -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 179 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 May 2022 · 1 min read बुत रिश्ते बुत थे और निभाना इबादत थी अब लोग.. बुतपरस्ती के खिलाफ हो गए -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 143 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 May 2022 · 1 min read ऐब मोहब्बत ऐब है बस... ग़र करना ही है तो खुद से करो -सिद्धार्थ Hindi · शेर 1 110 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 30 Apr 2022 · 1 min read साथ चले धूप तेज हो तो हवा साथ चले अब मुमकिन कहाँ है के दुआ साथ चले -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 390 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 Apr 2022 · 1 min read निःशुल्क ये मुल्क अब पुराना मुल्क न रहा यार!! अब प्रेम निःशुल्क न रहा -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 377 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 23 Apr 2022 · 1 min read सही कभी -कभी सही का एहसास इसकदर सही होता है कि लगता है की मै उतना ही सही था जितना सही! सही होता है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 402 Share Previous Page 2 Next