Munish Bhatia 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Munish Bhatia 18 May 2024 · 1 min read ਅੱਜ ਕੱਲ੍ਹ ਅੱਜ ਕੱਲ੍ਹ ਲੋਕ ਬਹੁਤ ਸਯਾਨੇ ਹੋ ਗਏ ਹਨ ਅੱਜ ਕੱਲ੍ਹ, ਕੰਮ ਦੇਖ ਕੇ ਰਿਸ਼ਤੇ ਇਥੇ ਬਣਦੇ ਹਨ ! ਬੋਲ ਕੇ ਲੋਕ ਤੁਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅੱਜ ਕੱਲ੍ਹ, ਪਰ ਜ਼ੁਬਾਨ ਨਾਲ ਵੀ... Punjabi 206 Share Munish Bhatia 18 May 2024 · 1 min read आजकल आजकल सयाने बहुत हो गए हैं लोग आजकल, बनाते हैं रिश्ते जो अपना अपना काम देखकर ! शब्द बोलकर यूँ ही निकल जाते हैं लोग आजकल, जुबान के शब्दों से... Hindi 125 Share Munish Bhatia 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात किससे कहूँ जग में व्यथा अपने ह्रदय की और किस अज़ीज़ पर यकीन करूं अब मैं मौन निमंत्रण भेजा जब भी ठुकराया जग में उतनी ही बार गया ! जीवन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 1 486 Share