Madhuri mahakash Language: Hindi 31 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Madhuri mahakash 25 Aug 2024 · 1 min read पांडव संग गोपाल नहीं पांडव संग गोपाल नहीं ****************** (वर्तमान विकट समस्या पर रचना) एकत्र हुए हैं सारे कौरव पांडव संग गोपाल नहीं, सभा मध्य रो रही द्रौपदी वसन वरद दयाल नहीं है। पीट... Hindi 70 Share Madhuri mahakash 29 May 2024 · 1 min read 🌿मनमौजा🌿 🌿मनमौजा🌿 मौजा बैठा गुरु धाम में मनवा करे किलोल बाहर बतिया एक न फूटे मनवा बाजे ढोल। फूल फुलाये भर भर बगिया, भीतर फूटे बास सारा कपट कलुष हेराई हिरदा... Poetry Writing Challenge-3 88 Share Madhuri mahakash 28 May 2024 · 1 min read सात पात बिछाए मौजा सात पात बिछाए मौजा सब पर परसे खीर सात पात की सुंदर दोनिया भर भर देवे नीर। अजब अनंदा मनवा डोले रोआँ तक सिहराय सगर जगत तमासा लागा मौजा दे... Poetry Writing Challenge-3 67 Share Madhuri mahakash 27 May 2024 · 1 min read हां मैं योद्धा बनूंगी हां मैं योद्धा बनूंगी जीवन युद्ध मुझे लड़ना है अनेक अवरोधों के प्रस्तर होंगे उनको खंड-खंड करना है । कठिन तपस्या करनी होगी होंगे आयुध भी भरपूर , अनेक शक्तियों... Poetry Writing Challenge-3 90 Share Madhuri mahakash 26 May 2024 · 1 min read स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां देख रही ओझल होते बच्चे ले जाती संग भविष्य स्वप्न के कुछ भावों के ज्वार बड़े कच्चे। प्रति पल संवार रही है माँ हंसकर... Poetry Writing Challenge-3 1 60 Share Madhuri mahakash 25 May 2024 · 1 min read जीवन का रंगमंच जीवन का रंगमंच 🌸🌸🌸🌸🌸🌸 बड़ी आसानी से कह देते हैं हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं चलती हुई मात्र कहानियां हैं सब अपने हिस्से का पाठ खेलने आए हैं,... Poetry Writing Challenge-3 99 Share Madhuri mahakash 23 May 2024 · 1 min read कनक थाल बैठे दो दीपक कनक थाल बैठे दो दीपक कहें हिया का हाल धरती अंबर कान लगाए समय बदलता चाल। दूध भात ले राह देखती आज कोसला माइ कागा बैठा कनक भवन में जूठन... Poetry Writing Challenge-3 2 76 Share Madhuri mahakash 22 May 2024 · 1 min read किलकारी भर कर सुबह हुई किलकारी भर कर सुबह हुई पग पग चलते हुई दोपहर, जो शाम हुई थक कर बैठा आ मृत्यु खड़ी हुई बेपहर। हंसी खेल में दिन यह बीते सुधि बिसर गयी... Poetry Writing Challenge-3 60 Share Madhuri mahakash 21 May 2024 · 1 min read नीम की झूमती डाल के पार नीम की झूमती डाल के पार उगता हुआ लाल सा सूरज पूरे व्यास पर डोलती नीम की पत्तियां सौंदर्य कई गुना , शीतल ,सुंदर सूरज आंखों को शीतल कर रहा... Poetry Writing Challenge-3 38 Share Madhuri mahakash 20 May 2024 · 1 min read ले चेतना के पंख सजीले ले चेतना के पंख सजीले नभ अनंतर उड़ रहे हम दिव्य गंध सुगंध भर सुप्त श्वासें जग रहे हम। कोकिल कलरव गुंजायमान मौन का है आह्वान देख रहे देखो चितेरे... Poetry Writing Challenge-3 1 39 Share Madhuri mahakash 19 May 2024 · 1 min read जिंदगी का कागज... जिंदगी का कागज... कोरा रखने से अच्छा है कि एक मधुर गीत लिख दिया जाए , कोरा छोड़ने से अच्छा है, प्रश्न ना लिखे जाएं ... उत्तर ना लिखे जाएं... Poetry Writing Challenge-3 1 36 Share Madhuri mahakash 18 May 2024 · 1 min read मेरे खामोश होते ही मेरे खामोश होते ही मेरे आसपास सन्नाटा छा जाता है तो क्या सारा कोलाहल मेरा ही परावर्तन है कोई और नहीं मैं ही स्वयं से बोल रही थी कोई और... Poetry Writing Challenge-3 55 Share Madhuri mahakash 17 May 2024 · 1 min read कभी-कभी .. कभी-कभी .. अपने आसपास सब एक चित्र सा रह जाता है मैं तटस्थ होती हूं किसी को नहीं पहचानती हूं वास्तविक स्थिति के घेरे में रहते हुए भी... विलग हो... Poetry Writing Challenge-3 44 Share Madhuri mahakash 16 May 2024 · 1 min read अटल खड़े देवदार ये अटल खड़े देवदार ये किसने मिट्टी को सहलाया? किसने भर प्राणों में ऊर्जा नभ तक तरु को पहुंचाया? अनेक कठिन परिस्थितियों में विषमता ही साध्य बनी है अति वर्षा हिमपात... Poetry Writing Challenge-3 1 57 Share Madhuri mahakash 15 May 2024 · 1 min read एक बूँद पानी💧 एक बूँद पानी💧 --------------- क्या तुम्हारे पास , एक बूंद पानी है? जिसमें मैं तैर सकूं थोड़ा पी सकूँ, थोड़ा सा जी सकूँ क्या दो तिहाई भरी , पृथ्वी में... Poetry Writing Challenge-3 38 Share Madhuri mahakash 14 May 2024 · 1 min read अवधपुरी है आस लगाए अवधपुरी है आस लगाए रामलला में रमने को विश्व खड़ा है पलक बिछाए भाग सदी का बनने को। जगमग होगा भारत सारा राम अवध में आएंगे सरयू तट पर लाखों... Poetry Writing Challenge-3 74 Share Madhuri mahakash 13 May 2024 · 1 min read राम राम🌿🌿 वन में राम सहर्ष गए, लिए हुए अद्भुत विश्वास संग भरत का प्रेम ले, चले अनेक मित्र भी साथ। राह सूर्पनखा मिलती है नाना प्रकार कर अद्भुत शृंगार, करती... Poetry Writing Challenge-3 1 49 Share Madhuri mahakash 12 May 2024 · 2 min read औरत औरत को.... हाँ औरत को बेचारी किसने कहा? शायद औरत ने ही.. रच कहानियों के तिलिस्म ....... तो कुछ कालजयी रचनाओं ने... काल के हाथ झुनझुना पकड़ा दिया.. और औरत... Poetry Writing Challenge-3 45 Share Madhuri mahakash 10 May 2024 · 1 min read बिन पानी के मर जायेगा ******************* घुटी घुटी हवाएं हैं दम होते बेदम सिसकियों में नित ही खोती है सरगम । जल रही दिशाएं चीत्कार है चहुंओर दिशा विहीन से सब दिखे न कोई ओर... Poetry Writing Challenge-3 51 Share Madhuri mahakash 9 May 2024 · 1 min read पारितन्त्र 🌱🌱🌱 गांव की चाहत में प्रकृति के साहचर्य को शहर वाले गाँव में जा बैठे। गाँव शहर बन गए... खेत भूखण्ड बन गए.. तबेलों के मोलभाव हो गए.. कंक्रीट पर... Poetry Writing Challenge-3 1 46 Share Madhuri mahakash 8 May 2024 · 1 min read शाम **** शाम लिए जाती है मुझको छोड़ दिन का हाथ, छोड़ लालिमा का साथ एक अंधकार में, एक चन्द्रहार में शाम लिए जाती है मुझको ले जाती है विश्रांत में... Poetry Writing Challenge-3 1 70 Share Madhuri mahakash 7 May 2024 · 1 min read जीवन का जाप इस जीवन का जाप अधूरा मालाएं कैसे टूट गईं पुण्य मार्ग पर चलते थे हम वे राहें कैसे छूट गईं । प्यास बहुत थी अमर कलश की कंठ रसीले सूख... Poetry Writing Challenge-3 2 56 Share Madhuri mahakash 6 May 2024 · 1 min read होली बरसाने की प्रेम गलिन में बहती है रसधार भीग रही हैं कुंवर राधिका भीगा उनका प्यार। अबीर गुलाल हाथ भरे हैं संग भरी पिचकारी गोप गोपियां रंग रंगे हैं रंगी... Poetry Writing Challenge-3 87 Share Madhuri mahakash 5 May 2024 · 1 min read आज का युवा दबे दबे से स्वर अकुलाए मांग रहे क्यों ठौर, तेज तुम्हारे मुख मंडल का कहता है कुछ और। दिख रहीं भुजाएं बलिष्ठ बहुत फड़क रही हैं मीन, छुपा हुआ यह... Poetry Writing Challenge-3 41 Share Madhuri mahakash 4 May 2024 · 1 min read गंगा माँ गंगा 🌸🌸🌸 धोकर कितनों के तुम पाप गंगा कैसे बनी सरल वो गुण मुझे सिखा दो मां कैसे बहती तुम अविरल। यद्यपि मिली मलिनता से पावन धारा मलिन हुई,... Poetry Writing Challenge-3 41 Share Madhuri mahakash 3 May 2024 · 1 min read कोयल ****** जब तक यह मधुमास रहेगा कूक तुम्हारी अमर रहेगी, कूक पड़ी जब भी कानों में, मन में मीठी सिहरन होगी। आम्र मंजरी का प्रेम अमर, हृदय के द्वार को... Poetry Writing Challenge-3 1 71 Share Madhuri mahakash 2 May 2024 · 1 min read जीवन इस जीवन का जाप अधूरा मालाएं कैसे टूट गईं पुण्य मार्ग पर चलते थे हम वे राहें कैसे छूट गईं । प्यास बहुत थी अमर कलश की कंठ रसीले सूख... Poetry Writing Challenge-3 65 Share Madhuri mahakash 1 May 2024 · 1 min read वसन्त 🌻🌻🌻🌻 फूली सरसों ने दिए रंग अमराई ने भर दी सुगंध नव अलंकार सजे आद्यंत कलियों में मुस्काया वसन्त। आज शरद ने ली अंगड़ाई नवांकुर पर छाई तरुणाई प्रकृति छेड़ती... Poetry Writing Challenge-3 2 57 Share Madhuri mahakash 21 Apr 2024 · 2 min read औरत औरत को.... हाँ औरत को बेचारी किसने कहा? शायद औरत ने ही.. रच कहानियों के तिलिस्म ....... तो कुछ कालजयी रचनाओं ने... काल के हाथ झुनझुना पकड़ा दिया.. और औरत... Hindi 49 Share Madhuri mahakash 6 Apr 2024 · 1 min read कोयल कोयल ****** जब तक यह मधुमास रहेगा कूक तुम्हारी अमर रहेगी, कूक पड़ी जब भी कानों में, मन में मीठी सिहरन होगी। आम्र मंजरी का प्रेम अमर, हृदय के द्वार... Hindi 1 66 Share Madhuri mahakash 6 Apr 2024 · 1 min read स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां स्कूल गेट पर खड़ी हुई मां देख रही ओझल होते बच्चे ले जाती संग भविष्य स्वप्न के कुछ भावों के ज्वार बड़े कच्चे। प्रति पल संवार रही है माँ हंसकर... Hindi 41 Share