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एक बड़े राजा का बेटा--आर के रस्तोगी
Ram Krishan Rastogi
मासूम शिव भक्त – एक सच्ची कहानी
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बाल कविता हिन्दी वर्णमाला
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मत पूछो यारो,कोरोना में दिन कैसे काट रहा हूँ
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माँ --आर के रस्तोगी
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उम्र को हराना है तो शोक को जिंदा रखिए
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बाप धूप में,माँ चूल्हे में जलती है ,तब कहीं औलाद पलती है
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शराब पर दोहे
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अगर तुम्हे कुछ बनना है
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लिखता रहा इश्क भरे खत
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दुश्मन को कभी मित्र न मानो -रस्तोगी
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पति पत्नी की नोक झोंक पर हास्य व्यंग
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मर्द व नामर्द की पहचान
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भगवान के दर्शन - एक सच्ची दर्द भरी कहानी
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मैंने हर रोज जमाने को रंग बदलते देखा है --आर के रस्तोगी
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क्या भगवान है ? एक सच्ची कहानी
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न भूलेंगे हम वो बरसात की रात
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जब से हुई है उनसे मेरी मुलाकात
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मां बाप की दुआओं का असर
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बरसात के दिन भूले नहीं हम
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एक हास्य रचना -सलवार दिवस --आर के रस्तोगी
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साजन सजनी की बरसात
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दुपट्टे पर एक गजल ---आर के रस्तोगी
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गरीब के हालात
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कौन कहता है, बुढ़ापे में इश्क नहीं होता
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वो जिन्दगी भी क्या,जो छाँव छाँव चली ---आर के रस्तोगी
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गुरु की महिमा पर कुछ दोहे
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कविता में मुहावरे
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इस जीवन की चादर में ,साँसों के ताने-बाने है ---आर के रस्तोगी
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मै हूं एक मिट्टी का घड़ा
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माँ बाप का बटवारा
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एक गजल बरसात पर
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प्रेम गीत कैसे लिखू,जब चारो तरफ गम के बादल छाये हुए है --आर के रस्तोगी
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सच्चे मित्र की पहचान
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बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं
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तिरंगे महोत्सव पर दोहे
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कौन किसके बिन अधूरा है
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सेक्स मंडी
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कविता पर कुछ मुक्तक
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पिता
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दो जून की रोटी
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ग्रुप का अर्थ
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झरने और कवि का वार्तालाप
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बारूद के ढेर पर बैठी है आज ये दुनिया
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बुढ़ापे में जीने के गुरु मंत्र
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डोली व अर्थी में वार्तालाप
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आदमी कितना नादान है
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दूल्हे अब बिकते हैं (एक व्यंग्य)
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मेरे दिल के करीब,आओगे कब तुम ?
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पति पत्नी की नोक झोंक (हास्य व्यंग)
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