Mahendra Narayan Language: Hindi 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Mahendra Narayan 4 Mar 2023 · 1 min read गज़ल टीस मन से हमारे निकल जायेगी रंग मसले का फिर ये बदल जायेगी पेड़ पर जैसे पत्ते नये आतें हैं होके पतझड़ बहारों में ढ़ल जायेगी लोग कहतें हैं मुझमें... Hindi 1 249 Share Mahendra Narayan 4 Mar 2023 · 1 min read अज़ीब था फूलों से चोट खाता था पत्थर अजीब था कहते थे जिसको ज़ालिम रहबर अजीब था ज़ख्मों के हर हिसाब पू्छता है कौन फिर ग़ैरों को अपना कर गया खंज़र अजीब... Hindi 2 185 Share Mahendra Narayan 3 Mar 2023 · 1 min read कहाँ लिखता है जमीं लिखता है आसमां लिखता है हकीक़तर - ए दिल कोई कहाँ लिखता है तुम न बताओ भले ही राज़ अपना तेरे हद को तो तेरा गुमां लिखता है उड़ते... Hindi 4 198 Share Mahendra Narayan 9 Feb 2023 · 1 min read ग़ज़ल - इश्क़ है दरिया का तूफान इश्क है जिसमें एक इंसान इश्क है कोई न जाने कब क्या होगा ख़ुद से भी अनजान इश्क है ना समझो आसान इश्क है समझो तो नादान... Hindi 2 216 Share Mahendra Narayan 6 Feb 2023 · 1 min read ग़ज़ल बहके हुए हैं लोग नज़र की ज़बान से ख़ुद का मकान देख ग़ैर के मकान से कुछ भी कहो सबको सभी आज़ाद हैं पी रहें सभी हैं ज़हर अपने कान... Hindi 1 146 Share Mahendra Narayan 23 Dec 2022 · 1 min read ग़ज़ल फिक्र क्यों कुछ जो बेहिसाब नज़र आतें हैं ज़िन्दगी भर के वो जबाब नज़र आतें हैं चला हूँ दूर तलक उम्र गवाह है इसका खुशी में फिर क्यों इंकलाब नजर... Hindi 2 165 Share Mahendra Narayan 8 Nov 2022 · 1 min read देख रहा था नदी किनारे बैठ डुबकियाँ देख रहा था कैसे उछलें डूब मछलियाँ देख रहा था ज़ज़्बातों की लहरें उठती जब -जब मन में ख़ुद में ख़ुद को झाँक खिड़कियाँ देख रहा... Hindi 3 1 197 Share Mahendra Narayan 30 Oct 2022 · 1 min read नवगीत दर्द की स्याही से खुशी के गीत लिखता हूँ... शब्द चेहरे से निकलतें हैं, जब चमक जैसे I फूट पड़तें हैं भाव मन की तब दमक जैसे ॥ वक्त के... Hindi 2 257 Share Mahendra Narayan 28 Aug 2022 · 1 min read पत्थर दिखता है . (ग़ज़ल) सिमटा सिमटा एक समन्दर दिखता है बाहर से भी ख़ुद के अन्दर दिखता है साथ सभी को जब लेकर वो चलता है टूटा -टूटा मुझको अक्सर दिखता है टकराता है... Hindi 3 1 178 Share Mahendra Narayan 21 Aug 2022 · 1 min read नवगीत - पहचान लेते थे दूर से जिनको कभी पहचान लेते थे आज अपने को करीबी मानतें हैं दर्द दिल के पर मेरे नही जानतें हैं जान ही लेते हैं जो कभी जान लेते थे... Hindi 3 2 215 Share Mahendra Narayan 23 Jul 2022 · 1 min read मिटाने लगें हैं लोग मिटने लगे हैं लोग मिटाने लगें हैं लोग औकातअपनी ज़िद की दिखाने लगें हैं लोग साँसों के सियासत की बहस हो रही ऐसे अब झूठ को ही सच से बचाने... Hindi 1 199 Share Mahendra Narayan 22 Jul 2022 · 1 min read कविता मेरे जैसा दिन भी टूटा शाम हुई ज्यों धुँधली आशा गढ़ता रहा नई परिभाषा स्वयं स्वयं के मन की कोई धूम्र में जैसे धँसी निराशा लगा आईना हाथ से छूटा... Hindi 1 1 312 Share Mahendra Narayan 13 Jul 2022 · 1 min read ग़ज़ल ख़ुद में ख़ुद की तलाश करता हूँ ख़ुद को जब भी मैं खास करता हूँ मुझे अक्सर वहीं खुश करतें हैं जिन्हे हर पल उदास करता हूँ दूर मुझसे वो... Hindi 4 1 230 Share Mahendra Narayan 8 Jul 2022 · 1 min read कविता - नई परिभाषा मेरे जैसा दिन भी टूटा शाम हुई ज्यों धुँधली आशा गढ़ता रहा नई परिभाषा स्वयं स्वयं के मन की कोई धूम्र में जैसे धँसी निराशा लगा आईना हाथ से छूटा... Hindi 3 1 245 Share Mahendra Narayan 28 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल मैं हूँ शीशा मुझे पत्थर से बचाते रहिए। आईने की निगाह मुझको दिखाते राहिए। कौन कहता है कि काँटे ख़राब होतें हैं। फूल का उनको बस एहसास दिलाते रहिए। रात... Hindi 1 200 Share Mahendra Narayan 14 Jun 2022 · 1 min read चलना ही पड़ेगा ये ज़िन्दगी सफर है तो चलना ही पड़ेगा ग़र है वफाई आग तो जलना ही पड़ेगा कितने रुके थके नज़रअंदाज उसे कर आगे सफर में हमको निकलना ही पड़ेगा वाकिफ़... Hindi 3 1 558 Share Mahendra Narayan 12 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल - आँखों का भी मौसम रोज बदलता है देख ज़माना इक दूजे को चलता है बंजर कही, कहीं हरियाली होती है मन का बादल जैसे जहाँ पिघलता है लोग आईना एक... Hindi · ग़ज़ल 1 289 Share Mahendra Narayan 7 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल आना जाना सब का चलता रहता है मंजिल से पथ सदा यही तो कहता है सबका मन၊ तिनके के जैसे होता है हवा जिधर की होती उधर ही बहता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 245 Share Mahendra Narayan 5 Jun 2022 · 1 min read नवगीत विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ - गुलदस्ता नहीं बाग बनाओ जीवन को चह- चह करती चिड़िया जिसमें प्रातःखिलती कलियाँ उसमें एक नया फिर राग बनाओ जीवन को सर्दी के... Hindi · कविता 2 250 Share Mahendra Narayan 1 Jun 2022 · 1 min read गीत - आज जब जाने लगी, घर धूप बनकर छाँव.. याद फिर आने लगे, पुरवाईयों के गाँव .. खो गयी है भीड़ में , गाँव की वो मस्तियाँ I भोर को भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 408 Share Mahendra Narayan 20 May 2022 · 1 min read जीवन साँसों का संसार है जीवन इक दूजे से प्यार है जीवन जो इंसा से इंसा बाँटें वो तो इक दीवार है जीवन दुख आये तो लोग कहें ये मेरा तो... Hindi · कविता 3 321 Share Mahendra Narayan 15 May 2022 · 1 min read नवगीत - चेहरा साँसे चंचल आँखें चमड़ी पर इठलाना मत बाहर से है चिकना जितना खुरदरा भद्दा अन्दर उतना छैल छबीली चाल नशीली सुन्दरता पर जाना मत हड्डी चर्बी रक्त माँस सभी... Hindi · कविता 2 1 276 Share Mahendra Narayan 13 May 2022 · 1 min read ग़ज़ल माँ मेरी जब उदास होती है वो मेरे दिल के पास होती है भूख को अपने बाँटती सबसे खा लो कहती है ख़ास होती है रात भर नीद से वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 282 Share Mahendra Narayan 13 May 2022 · 1 min read गीत - याद तुम्हारी सोनजुही सी याद तुम्हारी आती है जब जब मन की बगिया एहसासों की महक उठे तब तब मुस्कानों की याद से काटूँ दुख की सारी रात सुबह होठ की लाली... Hindi · कविता 3 423 Share Mahendra Narayan 17 Apr 2022 · 1 min read ग़ज़ल आज ग़ज़ल से बात हुई अनजाने में । गाने लगा हूँ उसको मैं अफसाने में । अपने ग़म की ओढ़ काफिया रहती है। और रदीफ़ लगा है खुशी निभाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 275 Share Mahendra Narayan 14 Jan 2021 · 1 min read कैसी विकट घड़ी आई है - कैसी विकट घड़ी आई है,हर मानव भयभीत हैं... पूछ रही है अब मानवता, हे प्रभु ! कैसी प्रीत है... किसने छेड़ा है सूरज को,तन में ताप जगाये। किसने छेड़ा है... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 12 336 Share Previous Page 2