Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" Language: Hindi 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 23 Jul 2016 · 1 min read वो मेरी हस्ती मिटाने को चला वो मेरी हस्ती मिटाने को चला फूंक से पर्वत उड़ाने को चला यूँ नहीं था ख़ास मक़सद चलने का सिर्फ अपनी ज़िद निभाने को चला पैरहन उजला पहनकर, देखिए दाग़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 896 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 5 Aug 2016 · 1 min read शब्दों और भावों का रण हृदय का अभिमान ढूंढ़ता अधरों का जलपान ढूंढ़ता शब्दों और भावों के रण में रोज़ नया मैं गान ढूंढ़ता नए-पुराने प्रतिमानों से कुछ अपने कुछ मेहमानों से समझौता कर चलता... Hindi · कविता 481 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 6 Aug 2016 · 1 min read अक़ीदत झूठ की करता नहीं मैं अक़ीदत झूठ की करता नहीं मैं बदी के रास्ते चलता नहीं मैं मुझे आता है लड़ना मुश्किलों से किसी भी हाल में डरता नहीं मैं रखा करता हूँ रिश्तों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 475 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 3 Aug 2016 · 1 min read ज़िन्दगी हमको बिताना आ गया ज़िन्दगी हमको बिताना आ गया रोते रोते मुस्कुराना आ गया ज़ख्म देने में लगे इंसान सब आजकल कैसा ज़माना आ गया माँ मिली जो घर के बाँटे में हमें झोली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 476 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 30 Jul 2016 · 1 min read किसी का टूट जाये दिल कभी वो बात मत कहिये किसी का टूट जाये दिल कभी वो बात मत कहिये मुहब्बत पाक बंधन है इसे ख़ैरात मत कहिये सुबह से शाम तक इक आपकी ही फ़िक्र रहती है मुहब्बत को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 446 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 25 Jul 2016 · 1 min read न फैला हाथ तू अपना ज़रा सम्मान पैदा कर न फैला हाथ तू अपना ज़रा सम्मान पैदा कर हमेशा सर उठा के जीने का अभिमान पैदा कर लुटा दे ज़िन्दगी हिंदोस्तानी आन की ख़ातिर मेरे भाई तू खुद में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 420 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 2 Aug 2016 · 1 min read तिश्नगी दिल की वो बढ़ाते हैं तिश्नगी दिल की वो बढ़ाते हैं दुश्मनी हमसे ज्यों निभाते हैं बेहयाई तो देखिये उनकी ज़ख्म देते हैं मुसकुराते हैं लूट लेते हैं वो ही गुलशन को जिनको हम बागबाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 380 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 10 Aug 2016 · 1 min read आइना खुद को दिखाना आ गया आइना खुद को दिखाना आ गया राब्ता सच से निभाना आ गया जब से हम करने लगे हैं शायरी दर्द की महफ़िल सजाना आ गया आसमानी सोच उसकी हो गई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 344 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 15 Sep 2016 · 1 min read राहो-मंज़िल सभी की जुदा देखिये राहो-मंज़िल सभी की जुदा देखिये आदमी आदमी से ख़फ़ा देखिये झांकिए मत गिरेबां हमारा मियाँ इक दफ़ा आप भी आइना देखिये इश्क़ की आग से बच सका कौन है जिसको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 301 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 23 Jul 2016 · 1 min read अगर तुम साथ चल दो तो सफ़र आसान हो जाये अगर तुम साथ चल दो तो सफ़र आसान हो जाये तुम्हे पाकर के हम सबसे बड़े धनवान हो जाये वज़ाअत और सीरत में तेरी जादूगरी ऐसी तुम्हे जो देख ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 312 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 18 Oct 2016 · 1 min read हाले-दिल गैरों से खुलकर के बताया न गया हाले-दिल गैरों से खुलकर के बताया न गया ज़ख़्म ऐसा था किसी तरह् छुपाया न गया टूटे रिश्तों में यकीं फिर से जगाया न गया फ़ासिला दरमियाँ दिल के था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 304 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 22 Jul 2016 · 1 min read भुलाता जा रहा है सादगी को भुलाता जा रहा है सादगी को ये क्या होने लगा है आदमी को जिधर देखो अँधेरा ही अँधेरा चलो हम ढूँढ लाये रोशनी को उठाता हाथ है औरत पे जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 298 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 25 Jul 2016 · 1 min read बेवफ़ा है ज़िन्दगी और मौत पर इल्ज़ाम है बेवफ़ा है ज़िन्दगी और मौत पर इल्ज़ाम है मौत तो इस ज़िन्दगी का आखिरी आराम है लोग जाने क्यों भटकते हैं खुदा की ख़ोज में खोजिये ग़र माँ के क़दमों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 314 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 22 Jul 2016 · 1 min read कहो कैसे जिए इस ज़िन्दगी को कहो कैसे जिए इस ज़िन्दगी को ज़रूरत आपकी है आशिकी को मिटाकर फ़ासले आराम दे दो बहुत मुश्किल है सहना बेरुखी को बहाकर आसमां आँसू मुसलसल बुझाता है जमीं की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 266 Share Mahesh Kumar Kuldeep "Mahi" 20 Jul 2016 · 1 min read हमें कब तलक आजमाते रहोगे हमें कब तलक आजमाते रहोगे गिराते रहोगे उठाते रहोगे बचाओगे कैसे मुहब्बत से दामन अगर आप नज़रें मिलाते रहोगे कि बेकार हो जायेगी सब दुआएँ अगर दूसरों को सताते रहोगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 252 Share