करन ''केसरा'' Tag: ग़ज़ल 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid करन ''केसरा'' 26 Jan 2024 · 1 min read आज़ादी के दीवाने आजादी के दीवानों ने सुलगाई जो चिनगारी। ज्वाला बनकर टूट पड़ी थी अंग्रेजों पर अति भारी।।_२ यह ज्वाला झांसी में प्रगटी, रणचंडी बन कूद पड़ी। सांस चली थी जब तक... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 246 Share करन ''केसरा'' 29 Dec 2023 · 1 min read खालीपन मन के उदास कोने में खालीपन की छटपटाहट अपनों की भीड़ के बीच भी, अकेला कर देती है। ऐसा तब महसूस होता है जब हम खुद को पूर्ण नहीं पाते!... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 2 275 Share करन ''केसरा'' 17 Mar 2023 · 1 min read सिसकता लोकतंत्र मैंने लोकतंत्र को छुप छुप आंसू बहाते देखा है! सिसकते देखा बिलखते देखा चिंघाड़ते-भागते देखा कराल काल बनते देखा सोते हुये भी देखा और रोते हुये भी देखा हाँ मैंने... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 1 168 Share करन ''केसरा'' 12 Feb 2023 · 1 min read गज़ल सादगी का लिबास ओढ़ते हैं गैरों की महफिल में अपनों को तो लोग, खंजर की नोक पर रखते हैं। अपना कहना और अपनों की तरह रखना,बात अलग है यहां सबके... Hindi · ग़ज़ल 1 164 Share