Maya Sharma Language: Bhojpuri 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Maya Sharma 28 Mar 2022 · 1 min read बखरा मुक्तक- ****** भइल बिहाने धक्का-मुक्की। बात रहे बस हेत्ती चुक्की। लोटा-थरिया खेत बंँटाइल, बखरा आइल टुक्का-टुक्की।। (माया शर्मा) Bhojpuri · मुक्तक 2 2 237 Share Maya Sharma 15 Mar 2022 · 1 min read फागुन छन्द-वाद्विभक्ती छन्द #फागुन- अब आइ गइल फागुन,मन धीर धरे कहँवाँ। सब खेल रहल होली,शुचि प्रेम बसे जहँवाँ।। बउराइ गइलि बगिया,मधुमास सुहावन बा। उजियार भइल दुनिया,हर चीज लुभावन बा।। मद मस्त... Bhojpuri · कविता 1 2 418 Share Maya Sharma 26 Nov 2021 · 1 min read बाल विवाह विधा-मुक्तक अबहिन बेटी एतने जाने,पढ़ल-लिखल खेलल-खाइल। देखि झंँवाइल ई का होता,जब डोली दुवरे आइल। रहे बाप-माई के चिन्ता,जाँह पबित्तर हो जाओ, बेटी हो तूँ बर के भइलू ,हाथ-बाँहि अब पकड़ाइल।... Bhojpuri · मुक्तक 272 Share Maya Sharma 19 Nov 2021 · 1 min read पिता के दर्द विधा-कुण्डलिया कइसे-कइसे के इहाँ,अइलें सोंच सहेज। बेटहा क ई माँङ बा,दुलहिन अउर दहेज। दुलहिन अउर दहेज ,बराबर दूनू चाहीं। ना तऽ देब चहेट,करब हम शादी नाहीं। सुनि क बेटिहा ठाढ़,काठ... Bhojpuri · छंद 1 342 Share Maya Sharma 19 Nov 2021 · 1 min read बेटी के दुर्भागि कुण्डलिया-- कहीं जहर के घूँट बा, कहीं धरावल आगि। फँसरी पर झूलल कहीं, बेटी के दुर्भागि। बेटी के दुर्भागि,बाप के पगरी नीचा। पढल लिखल बेकार,लगल मन घींचम-घींचा। अइसन क्रूर समाज,जनक... Bhojpuri · छंद 442 Share Maya Sharma 5 Nov 2021 · 1 min read दीया सुमुखी सवैया-- घमण्ड रहे न अमावस के जब दीपक में उजियार रहे। जरे घर भीतर बाहर लौ हर झोंक बदे तइयार रहे। लड़े भर राति हरे तम के हर मारग... Bhojpuri · सवैया 373 Share Maya Sharma 21 Oct 2021 · 1 min read महिषासुर मर्दिनी महिषासुर संग्राम के,लिहली माई जीत। देव-मनुज जै जै करें,बाकी सब भयभीत।।१।। महिषासुर के जीत लें,धरि के काली रूप। डर के टारत धुंध जब,निकले जय के धूप।।२।। महिषासुर के मर्दिनी,भरत चले... Bhojpuri · दोहा 387 Share Maya Sharma 21 Oct 2021 · 1 min read मजूरा किसान शक्ति छन्द--(मजूरा किसान) ************************* रवाइल सजी धान अब खेत में। कथी बा किसानन बदे नेत में।। बतायीं तनीं आजु भगवान जी। बनावल बिगाड़ल करीले सजी।।१।। भरोसा जता के किसानी करीं।... Bhojpuri · छंद 560 Share Maya Sharma 7 Oct 2021 · 1 min read मलिया (उबटन पात्र) **मलिया**(उबटन पात्र) कुण्डलिया– मलिया,बुकुवा-तेल बिन,झंखत बाटे आज। जेके समझि नुमाइसी,रखले हवे समाज। रखले हवे समाज,साथ में बा कजरौटा। अब ना ओकर पूछ,दिठौरी बिना मुखौटा। भइली आज अलोप,मोनिया दउरी डलिया। पूछे... Bhojpuri · छंद 375 Share