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ये कैसा गणतन्त्र है?
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
हालात-ए-कोरोना
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
अब तो ज़ख्मो से रिश्ता पुराना हुआ....
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
शिकायत खुद से है अब तो......
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
लेखनी
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
छोटा सा दिल
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
स्वदेश के ही नाम पर
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
दिल तेरा बदले नही
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
प्यार का दस्तूर
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
तेरी तस्वीर बनाने में
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
जीत लूँ दुनियां को मैं
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
तुमने मुझको चाहा ऐसे
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
लम्बी उमर हो
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
रक्षाबन्धन
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
हर गम छुपाकर
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
मोहब्बत का पानी मिलेगा कहाँ पर...
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
तुम चाहो तो सारा जहाँ मांग लो.....
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
सीखने की भूख
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
सरजमी है दोस्तों की
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
कोरोना हो गया...
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
शायराना अंदाज़
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
ऐ मेरे प्यारे वेतन,,,
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
चमचों की दुनियाँ
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
बिस्तर की सिलवटों में
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
अंधेरों से कह दो
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
लड़कियाँ
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
तुम्हारी याद जैसे हो
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
माँ
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
तुम्हें अपना समझते थे
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
तुम्हारे संग चलना है
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
मेरा चाँद ही काफी है
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
आंधियां चल रही हैं जहर की
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
ज़िगर में प्यास बाकी है
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
मन में ग़र विश्वास रहे
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
थे अंधेरा, अब रोशन समां बन गए
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
बेखौफ़ जिंदगी है,,
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
मानव को मानव समझे
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
जाने क्यूँ भटके मानव
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
माँ हिंदी के गुण गाते हैं,
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
कलम ये मेरी
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
क्या हुआ है मुझे,
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
जाने क्या है रिस्ता अपना,
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
क्या राज़ सजोया है दिल में
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
नाव कागज़ की
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
मुस्कुराना टूटकर भी
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
दर्द ही दर्द
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
आईना हूँ
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
तुम्हारी याद काफी है
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
योग
डॉ. अनिल 'अज्ञात'