डॉ.मनोज कुमार 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ.मनोज कुमार 21 Sep 2017 · 1 min read कहाँ हो बेटा कहाँ हो तुम शून्य में मुस्कुराहट को ढूढता एक पिता जिसने सुबह तक देखी हो उसकी चंचलता को एक पल में विवश हो गया चाहता हैं कुछ कहना सुने कौन... Hindi · कविता 1 1 279 Share डॉ.मनोज कुमार 3 Sep 2017 · 1 min read बिखरते सपने एक खंडहर में कंक्रीट की बहुमंजिली इमारत जिसमे रोज दफ़न हो रहे है लाखों सपने किसी के घर के रोज ध्वस्त हो रहे है लाखों अरमान कौन सुने उस इमारत... Hindi · कविता 306 Share डॉ.मनोज कुमार 31 May 2017 · 1 min read समरसता मेल जोल भाईचारा से समरस जगत बनाये हम प्रेम और सदभाओं का चल सौ सौ कमल खिलाये हम कोई छोटा बड़ा नहीं है मेल जोल से रहना ऊँच नीच की... Hindi · कविता 1k Share डॉ.मनोज कुमार 28 Feb 2017 · 1 min read कनॉट प्लेस दिल्ली का दिल कनॉट प्लेस एक वृत्त पर सीमित सफेद खंभों पर टिकी इमारतें जो याद दिलाती हमारी गुलामी की चौराहे के धूरी पर घूमती दो जिन्दगियाँ एक इंतजार करती... Hindi · कविता 329 Share डॉ.मनोज कुमार 4 Feb 2017 · 1 min read तलाक़ तलाक़ तलाक़ तलाक़ एक लब्ज़ जो कर देता है पल भर में रिश्तों को तार तार काँप जाती है रूह सुनकर औरतो के साथ हो रहा एक खिलवाड़ सदियों से... Hindi · कविता 297 Share डॉ.मनोज कुमार 27 Jan 2017 · 1 min read लोकतंत्र लोकतंत्र गुलाम है परिवारवाद का वंशवाद का सदियों से और आज भी मिली आजादी किसे? सोचो जरा तुम्हें या इन्हें? तानाशाह कल भी थे और आज भी हैं तरीके बदल... Hindi · कविता 387 Share डॉ.मनोज कुमार 24 Jan 2017 · 1 min read किराये की कोख़ एक कोख़ किराये की जिसमें पलता है भ्रूण किसी और का मज़बूरी किसी की भी हो पालती है नौ महीने तक सींचती है अपने खून से भरतीं है उसमें अपनी... Hindi · कविता 357 Share डॉ.मनोज कुमार 22 Jan 2017 · 1 min read नशामुक्ति भारत भर में हो सफल, नशामुक्ति अभियान | मानव की श्रृंखला से, बढ़ा बिहारी मान ||1|| रहा देश में सर्वदा, आगे राज बिहार | मिला बुद्ध को ज्ञान गुण, जाने... Hindi · दोहा 240 Share डॉ.मनोज कुमार 22 Jan 2017 · 1 min read जिन्दगी जिन्दगी आओ जी लें जिन्दगी हर अभाव हर तनाव में मुश्किलों की छाँव में संघर्षो के गाँव में आओ जी लें जिन्दगी सुख शान्ति के साथ में भाईचारा और प्यार... Hindi · कविता 239 Share डॉ.मनोज कुमार 21 Jan 2017 · 1 min read दिखावा इंसान दिखावे में परेशान हैं कोई गाड़ी कोई बगला कोई पैसा दिखाने में परेशान है कोई सोना कोई चाँदी कोई हीरा दिखाने में परेशान है कोई भैस कोई कुत्ता खोजवाने... Hindi · कविता 1k Share डॉ.मनोज कुमार 20 Jan 2017 · 1 min read पुस्तक मेला पुस्तक मेला अजब का है खेला ये है पुस्तक मेला कहीँ पर दुकानें सजी पुस्तकों की कहीँ पर लगा लेखकों का झमेला यह है पुस्तक मेला यह है पुस्तक मेला... Hindi · कविता 643 Share डॉ.मनोज कुमार 20 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ कब तक बंद करोगे चार दिवारी में इन्हें अपने झूठी मान झूठी शान के लिये मार देते हो इनको आने से पहले क्या है इनका दोष बता दो एक बार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 229 Share डॉ.मनोज कुमार 19 Jan 2017 · 1 min read मेरा मंदिर नया साल नई सुबह नये उत्साह के साथ मंदिरों में उमड़ती भीड़ कतारों में न जाने किस चीज की तलाश में घर में उपस्थित जीवित देवी देवता को छोड़ उनके... Hindi · कविता 248 Share