manjula chauhan Language: Hindi 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid manjula chauhan 2 Sep 2024 · 1 min read व्यर्थ है कल्पना व्यर्थ है कल्पना युग-युगों, ब्रम्हांड की, जिसका ना आधार-विचार हो तुम। सत्य स्वरुप को खोजती ज्ञानता में, निरंकार को आकार हो तुम। मृगतृष्णा की माया से जब, आत्मा भी विचलित... Hindi 1 63 Share manjula chauhan 1 May 2024 · 1 min read धरती ईश्वर की एक अद्भुत रचना, बिना जिसके जीवन बस एक सपना । विलक्षण स्वरूप, सुन्दरता अकाट्य, पर हारी अपनो से ही प्रेम से जिनके बाध्य। ममता का प्रेममयी रूप-अनूप, रहते... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 99 Share manjula chauhan 24 Apr 2024 · 1 min read नहीं पाए किसी भी राह ठहरकर कभी चल नहीं पाए, अपने सपनों को हकीकत में बदल नहीं पाए। मैदान-ए-जंग में औरों की जरूरत क्या? जब खुद से जंग अपनी जीत नहीं पाए।... Hindi 2 67 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read ख्वाहिशें के पूरा होने की जद में उम्र-एं-रवां है, ख्वाहिशें के पूरा होने की जद में उम्र-एं-रवां है, सपनों की दुनिया का कुछ हिस्सा हमारा भी है। Poetry Writing Challenge-2 · शेर 3 1 90 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read टूटते तारे से यही गुजारिश थी, टूटते तारे से यही गुजारिश थी, की सपना जहां होता कैसा है। Poetry Writing Challenge-2 2 108 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read रूप श्रंगार रूप श्रंगार मे उसके सब अलंकृत, कजरारे नैन जैसे श्यामलता घोर। केशविन्यास करे जब जब, लगे की कही बरसे घटा घनघोर। अक्षर खिले उत्पल रूपी, मन चंचल जैसे कोई चितचोर।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 89 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल पढ़ते हो ग़ज़ल पढ़ते हो क्या बात है, लगता प्रियसी आसपास है। तुम भी गज़ब खुमारी में पड़े हो, लगता है ली तुमने भी खुराक है। अगर जज़्बात असली है, तो फिर... Poetry Writing Challenge-2 · हास्य-व्यंग्य 2 102 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read दिन गुनगुनाए जब, तो रात झिलमिलाए। दिन गुनगुनाए जब, तो रात झिलमिलाए। आहटे अब मन की, कौन ही बताए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 54 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read उसकी जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती, उसकी जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती, एक मां ही है जो कभी थकती नहीं। Poetry Writing Challenge-2 · कोटेशन 1 75 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read प्रण होते है प्रण होते है जब अटल तो, हर चुनौती विजयी किया करते है। सूरज की तपिश से क्या ही होता है? वे सूरज से आग उधार लिया करते है। स्वर्णिम रेख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 57 Share manjula chauhan 21 Feb 2024 · 1 min read आईने की सदाकत से पता चला, आईने की सदाकत से पता चला, कुछ है जो बनावटी बहुत है। Poetry Writing Challenge-2 · शेर 1 79 Share manjula chauhan 19 Feb 2024 · 1 min read गिरें क्या जरा सा! गिरें क्या जरा सा! उठकर चलना क्यों भूल गए? याद रहे, ज़माना दम का है; बेदम का नहीं। Poetry Writing Challenge-2 1 156 Share manjula chauhan 19 Feb 2024 · 1 min read कहते है ये कहते है ये वो रास्ता है जो सच की तरफ बढ़ता है, पर शायद ही अब कोई इस रास्ते पर चलता है। मिलावटी दूध दाल है, बड़ा बुरा हाल है,... Poetry Writing Challenge-2 · हास्य-व्यंग्य 1 100 Share manjula chauhan 19 Feb 2024 · 1 min read खामोशियों खामोशियों की सदा जब भी हमको आती है, तो इत्मीनान से हम भी सुन लेते है। ये दिल की वो आवाज़ है जिसे, जल्दी अनसुना किया नहीं करते। Poetry Writing Challenge-2 · कोटेशन 1 103 Share manjula chauhan 17 Feb 2024 · 1 min read शाम के ढलते शाम के ढलते ही एक दौड़ सी खत्म हुई, शहर के शोर शराबे की सदा सी खत्म हुई। ढूंढ रहे थे हम भी सपनों को इन आंखों में, पर उससे... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 150 Share manjula chauhan 17 Feb 2024 · 1 min read तपकर तपकर लोहा बन गए जब, तो सोने मे ढलने की चाहत नहीं। जीवन संघर्ष बना रहे तो ही सही है, मधुबन मे रहने की अब चाहत नहीं। Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 1 63 Share manjula chauhan 17 Feb 2024 · 1 min read नदियां सदियों का प्रयास है नदियां, पहाड़ो को काटकर रास्ते बनाए; तो पत्थरो को चीरकर बहना सीखा। न जाने कितनी सभ्यताएं बनी, तो न जाने कितनी बिगड़ी। पर जो अनंत है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 128 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read भोले प्रीत करे जब भोले की, मोह माया फिर न होए। वन पहाड़ विचरण करे, और रहे श्मशान मे खोए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 118 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read दोहे बड़े काम की है लेखनी, बड़े काम के है लेख। लिखे तो मन निर्मल करे, पढ़े तो आपहउ होए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 57 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read शायरी न जाने कैसी खुदगर्जी का दौर है, जी भी रहे है तो बस मरने के लिए। Poetry Writing Challenge-2 · शेर 1 96 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read दोहे सकल काज की बाते, जग जाहिर न की जाए। जब तक न हो पूरी, तब तक रखो जग से छुपाए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 61 Share manjula chauhan 14 Feb 2024 · 1 min read बसंत पतझड़ को करके विदा, बसंत ने दी दस्तक है। महकी-महकी फिजाएं, खुशनुमा बयार है। आकाश निर्मल है, पक्षियों के नव-गायन है; नए साल का आगमन है। खेतों मे फसलें तैयार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 201 Share manjula chauhan 14 Feb 2024 · 1 min read पत्थर पत्थर के शहर है, तो कांच से दिल है। पुख़्तगी तो छोड़िए जनाब! थोड़ी सी लग़्ज़िश से भी, ये टूट जाते है। Poetry Writing Challenge-2 · शेर 1 122 Share manjula chauhan 14 Feb 2024 · 1 min read सबक सबक है जिंदगी, जो समझ जाएंगे! वो संवर जाएंगे। जो नहीं समझेंगे, वो भंवर हो जाएंगे। Poetry Writing Challenge-2 · कोटेशन 2 1 200 Share manjula chauhan 12 Feb 2024 · 1 min read फूलों ने कली फूलों ने कली से कहा इस गुल-ए-बहार का राज़ क्या है? तबस्सुम में फैली इस महक में नया अंदाज सा क्या है? कलियों ने फूलों से कहा…. शायद किसी महरूम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 98 Share manjula chauhan 11 Feb 2024 · 1 min read गुलें-ए-चमन कैसा गुलें-ए-चमन है, कैसी सओख़ बहार है। जिंदगी पर रहते है सितम, ख़ैर जिंदगी से ही प्यार है। मुद्दतें लाख कोशिशें कि है, अब किस्मत से! या तो आर है... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 112 Share manjula chauhan 9 Feb 2024 · 1 min read कैसी कैसी उल्फतों के जाल है ताउम्र लगता है यही हाल है। जिधर देखो उधर हुस्न के मेले है, फिर भी खुश है कि हम अकेले है। मैखानो पर भीड़ से... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 134 Share manjula chauhan 9 Feb 2024 · 1 min read जमाने में जमाने में दिल का सार कोई नहीं बताता, मारते हैं कितने ही खंजर पीठ पर; कायर कभी अपना वार नहीं बताता। होते है घायल कितने ही पर पंछी ऊंचे आकाश... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 145 Share manjula chauhan 10 Jul 2023 · 1 min read कावड़ियों की धूम है, कावड़ियों की धूम है, बादलों ने हर गली मौहल्ले; को धेरा है। सावन आया झूम के; शम्भू के जयकारों से; हर मन्दिर का कोना - कोना है। भीगता हर कोई,... Hindi · कविता 2 295 Share manjula chauhan 10 Jul 2023 · 1 min read दुनिया जमाने में दुनिया जमाने में न जाने कितनी ही ज़िंदगियां पड़ी है, इसी जमाने की भीड़ में कहीं अपनी भी जिंदगी खड़ी है। कुछ गुरबत में तो कुछ सुकून में कट जाती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 334 Share manjula chauhan 9 Jul 2023 · 1 min read फितरत ये न कहो की बस गिरगिट को ही, रंग बदलते देखा है। ज़माना नया है इन्सानी फितरत को भी, बदलते देखा है। हर फितरती अंदाज का अपना अलग खेल है,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 5 1 97 Share manjula chauhan 7 Jul 2023 · 1 min read जिंदगी भर ख्वाहिशों का बोझ तमाम रहा, जिंदगी भर ख्वाहिशों का बोझ तमाम रहा, उस मोड़ पर हमें अब खुद का ही इंतजार रहा। Hindi · Quote Writer 3 435 Share