Mandeep Gill Dharak 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mandeep Gill Dharak 1 Nov 2018 · 1 min read माँ ( माँ से बढ़कर कोई रिश्ता हैं नहीं ) माँ के बिना यह दुनियां है नहीं , माँ से बढ़कर कोई रिश्ता है नहीं। माँ की ममता है सबसे निराली, जिसको मिले वो है भाग्यशाली। माँ होती भगवान से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 89 228 2k Share Mandeep Gill Dharak 3 Nov 2018 · 1 min read बुत लगाए और कहीं गिराए जाते हैं बुत कही लगाए और कहीं गिराए जाते है, इस तरह भी लोगों को मुद्दे भुलाएं जाते हैं। नाम ले कर भगवान का तो कभी शैतान का, फिर अपनों से अपने... Hindi · कविता 48 26 465 Share Mandeep Gill Dharak 16 Dec 2020 · 1 min read नई आफ़त (करोना) करोना नई यारों एक आफ़त आई, जिसने सारी दुनिया डराई। पहले कहा वायरस करोना, अब कहने लगे कोविंड- ऊनी। कोई कहे अमरीकें ने छोड़ा, कोई कहे यह पैदाईश चीनी। कोई... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 33 77 832 Share Mandeep Gill Dharak 16 Feb 2019 · 1 min read फ़ौजी वीर जवान, देश लिए है जानें वारदे फ़ौजी वीर जवान, घर -बार का मोह त्यागते फ़ौजी वीर जवान। कभी कभी ही मना पाते परिवार के साथ त्योहार, देश की रक्षा के लिए... Hindi · गीत 21 8 587 Share Mandeep Gill Dharak 30 Nov 2018 · 1 min read संभालों पर्यावरण संभालों पर्यावरण ,ना तुम प्रदूषण फैलाओं। अपना और अपनों का यह जीवन बचाओं। मिल कर बचाए वृक्ष ,धरती,हवा और पानी को, ज़रूरत है इस की हर जीव-जंतु और प्राणी को।... Hindi · कविता 19 4 412 Share Mandeep Gill Dharak 6 Dec 2018 · 3 min read पानी का गंभीर होता संकट पानी हमें कुदरत की तरफ से बखस्या ऐसा अनमोल अमृत है जिस के करके ही धरती पर जीवन पाया जाता है, पानी की अनुपस्थिति करके ओर ग्रहों पर जीवन नहीं... Hindi · लेख 17 1 328 Share Mandeep Gill Dharak 28 Dec 2018 · 1 min read बिछड़ गए लाल गुरूयों के बिछड़ गए लाल गुरूयों के, बिछड़ गईया माएँ, चढ़ -चढ़ आए सिरसा, चढ़ती घटाएँ और चलती तेज हवाएँ। बाणी पढ़ते, बाँट कर छकते, सिक्ख गुरूयों के प्यारे। महलों में खेडण... Hindi · कविता 13 1 315 Share Mandeep Gill Dharak 31 Dec 2018 · 1 min read नव वर्ष लो बई यारों फिर नया साल आ गया, पुराना किसी को हँसा और किसी को रुवा गया। होना था जो हो गया, भूल जाओ अब बीते को, सिख लो सबक... Hindi · कविता 13 4 298 Share Mandeep Gill Dharak 9 Nov 2019 · 1 min read गुरपुरब बनानक का आओ जन्म दिवस मनाएं बाबे नानक का, घर - घर में संदेश पहुचाएं बाबे नानक का। जबर -ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ यारों उठानी है, ग़रीब और भूखे को रोटी भी... Hindi · गीत 13 3 307 Share Mandeep Gill Dharak 28 May 2023 · 1 min read बाबा नानक आओ जन्म दिवस मनाएं बाबे नानक का, घर - घर में संदेश पहुचाएं बाबे नानक का। जबर -ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ यारों उठानी है, ग़रीब और भूखे को रोटी भी... Poetry Writing Challenge · गीत 3 118 Share Mandeep Gill Dharak 27 Nov 2021 · 1 min read ਪੰਜਾਬੀ ਹੱਕਾਂ ਖ਼ਾਤਰ ਜੇਕਰ ਕੋਈ ਹੁਣ ਤੱਕ ਲੜਿਆ ਹੈ, ਸਭ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਯਾਰੋ ਫਿਰ ਪੰਜਾਬੀ ਖੜਿਆ ਹੈ। ਨਾਲ ਹਕੂਮਤ ਭਿੜਨਾ ਖੂਬੀ ਹੈ ਪੰਜਾਬੀ ਜੀਨ ਚੋਂ, ਤਾਹਿਓ ਖਾੜਕੂ ਨਾਮ ਇਹਦਾ ਹਾਕਮਾਂ ਘੜਿਆ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 2 2 290 Share Mandeep Gill Dharak 28 May 2023 · 1 min read ज़िंदगी कभी कड़वे और कभी मीठे पलों से मिलाती है ज़िंदगी, अपने एवं अपनों के लिए जीना सिखाती है ज़िंदगी। गिरती है, उठती है, अपने पैरों पर खड़ा कराती है ज़िंदगी,... Poetry Writing Challenge · कविता 2 62 Share Mandeep Gill Dharak 28 May 2023 · 1 min read तकदीर जहाँ चले न ज़ोर कोई वह खेल है तकदीरों की, यूं तो यहाँ पर हर कोई खेले, खेल तदबीरों की। दिल के अरमान दिल में ही दब कर मर जाते... Poetry Writing Challenge · कविता 2 77 Share Mandeep Gill Dharak 9 Jan 2022 · 1 min read ਸਰਬੰਸ ਦਾਨੀ ਕਦੇ ਉਹ ਚੇਲਾ ਤੇ ਕਦੇ ਪੀਰ ਬਣਿਆ ਸੀ। ਜ਼ਾਲਮਾਂ ਲਈ ਤਲਵਾਰ ਤੇ ਤੀਰ ਬਣਿਆ ਸੀ। ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਲਈ ਤਾਂ ਉਹ ਪੀਰ ਬਣਿਆ ਸੀ, ਵੈਰੀ ਲਈ ਲਿਸ਼ਕਦੀ ਸਮਸ਼ੀਰ ਬਣਿਆ ਸੀ। ਗੁਰੂ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 2 328 Share Mandeep Gill Dharak 31 Dec 2021 · 1 min read ਨਵਾਂ ਵਰ੍ਹਾ ਲਵੋ ਬਈ ਯਾਰੋ ਬੀਤ ਗਿਆ ਇੱਕ ਹੋਰ ਵਰ੍ਹਾ , ਕਿਸੇ ਲਈ ਮਾੜਾ ਸੀ ਕਿਸੇ ਲਈ ਬਹੁਤ ਖ਼ਰਾ। ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਹੱਥਾਂ ਚੋਂ ਸਮਾਂ ਇਹ ਖਿਸਕਦਾ ਜਾਵੇਂ , ਕਰਲੋ ਕੋਈ ਕੰਮ ਸਵਲਾ ਇਹ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 1 248 Share Mandeep Gill Dharak 25 Dec 2021 · 1 min read ਮਾਤਾ ਗੁਜ਼ਰੀ ਦੇ ਦੁਲਾਰੇ ਕੰਧਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਜ਼ਾਲਮ ਬਣਾ ਤਾਂ ਉਹ ਕਿਹੋ-ਜਿਹੇ ਪਾਪੀ ਬੰਦੇ ਸੀ, ਸਰਹੰਦ ਤੇ ਦਾਗ਼ ਲਗਾ ਗਏ ਉਹ ਕਰਦੇ ਕਿਹੋ-ਜਿਹੇ ਧੰਦੇ ਸੀI ਤੱਕ ਕੇ ਚਿਹਰੇ ਮਾਸੂਮ ਜਿਹੇ ਨਾ ਜ਼ਾਲਮਾਂ ਦੇ ਹਿਰਦੇ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 1 309 Share Mandeep Gill Dharak 28 May 2023 · 1 min read खबरा पढ़ो देश मेरे की छपी हुई ख़बरें को, तों महसूस करोगे रोते हुएं अक्षरों को। कोई दुःखी है यारों अपनी ग़रीबी से, परेशान है कोई अपने ही करीबी से। किसे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 124 Share Mandeep Gill Dharak 28 May 2023 · 1 min read आने वाली पीढ़ी ना बीते से सबक कोई, ना चिंतां है कल दी, आने वाली पीढ़ी देखियो की कुछ है झल दी। विरसे ली रोते हैं जो, वह संभालन आज को, टाल लैन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 77 Share Mandeep Gill Dharak 28 May 2023 · 1 min read किसी को दिखें ना दिल पर लगी चोट किसी को दिखें ना, अन्दर लगा जो रोग किसी को दिखें ना। बाहरो देख के अंदाजा लगाना औखा है, के दिल अन्दरली खोट किसी को दिखें... Poetry Writing Challenge · कविता 1 188 Share Mandeep Gill Dharak 28 May 2023 · 1 min read जिक्र ज़ालिम का जब भी होता है जिक्र कभी ज़ालिम का, आ जाता है ज़ुबान पर नाम हाकिम का। जस्न मनाते है लोक सोर मचा-मचा के, पर होता नहीं सोर कभी भी मातम... Poetry Writing Challenge · कविता 1 104 Share Mandeep Gill Dharak 28 May 2023 · 1 min read सहारा यहाँ हर कोई ढूँढता है जीवन में सहारा यहाँ, ज्यादा देर ना हो पाए अकेले का गुज़ारा यहाँ। यह सब किस्मत और तदबीरों के खेल ने सारे, कभी तो मिल जाए... Poetry Writing Challenge · कविता 78 Share