Mahima shukla Tag: कविता 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahima shukla 13 May 2024 · 1 min read 25- 🌸-तलाश 🌸 25---कविता 🌸एक तलाश🌸 ---------------------- ज ब देखूँ अपनी ओर. खालीपन सा लगता है सब कुछ पाकर भी खुद को कभी ना पाया है घिरा रहा हर रिश्ते से नाते भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 72 Share Mahima shukla 13 May 2024 · 1 min read 24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸 आज चाँद देर से निकलता है? =================== ".... कोहरे में चाँद"... -------------=------ चाँद अब कम ही दिखता है. और देर से भी निकलता है सीमेंट के बढ़ते जंगल हैँ. फिर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 72 Share Mahima shukla 12 May 2024 · 1 min read - 🇮🇳--हमारा ध्वज --🇮🇳 - 🇮🇳--हमारा ध्वज --🇮🇳 - ----=======----- देश की आन और बान को पूरी शान और पहचान को सलाम तिरंगे के मान को जो रखे ऊँचा स्वाभिमान को नहीं तिरंगा सिर्फ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 85 Share Mahima shukla 12 May 2024 · 1 min read 🌸मन की भाषा 🌸 🌸मन की भाषा 🌸 ================== नहीं है जिसका विवाद किसी से न झगड़ा किसी भाषा -बोली से मन से मन का मेल मिलाती मातृ भाषा हिंदी हर बोली से जिसमें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 102 Share Mahima shukla 10 May 2024 · 1 min read 21-- 🌸 और वह? 🌸 21-- 🌸 और वह ? 🌸 ------====------ कोई कहता उसे आम आदमी कोई कहता सडक का आदमी और कोई तो मज़लूम भी जो हो हैं सब मजबूर ही । ना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 110 Share Mahima shukla 10 May 2024 · 1 min read 20-- 🌸बहुत सहा 🌸 20--- ....बहुत सहा.... अब नहीं। ........ ................. क्या क्या न कहा गया हमसे क्या क्या न सहा है हमने. मर्यादा के एक बंधन कैसे में एक सीमा में बांध दिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 73 Share Mahima shukla 10 May 2024 · 1 min read 🌸 आशा का दीप 🌸 🌸 "आशा का दीप "🌸 ============ फैली है रात एक काली चादर सी पसरा हुआ है अँधेरा चारोँ तरफ ना दिख रहा कुछ भी कहीं ओर खोता जा रहा इंसान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 93 Share Mahima shukla 9 May 2024 · 1 min read 19--🌸उदासीनता 🌸 19--🌸उदासीनता 🌸 ========== तुम क्या समझोगे और क्यों किस पीड़ा से इंसा गुज़रा है कोई मर मर के जी रहा है और कोई जीते जी मर रहा है तुमने तो... Hindi · कविता 85 Share Mahima shukla 9 May 2024 · 1 min read 18--- 🌸दवाब 🌸 18- 🌸-दवाब 🌸 जंगल की रीति- नीति यही है कमज़ोर पर ताकत का राज हो जो शक्तिशाली है वही राजा होगा सब पर राज करेगा और मनमानी भी ये दुनिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 227 Share Mahima shukla 9 May 2024 · 1 min read 17== 🌸धोखा 🌸 17-- 🌸धोखा 🌸 ========= ---- ऐसा पर्दा डाला गया है आँखों में कुछ का कुछ दिखाया जाता है - जो दिखाया गया वैसा कुछ हुआ नहीं सच क्या है किसी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 632 Share Mahima shukla 9 May 2024 · 1 min read 16---🌸हताशा 🌸 16--- 🌸हताशा 🌸 =============9 आज फिर याद आयी है तुम्हारी बीते दिनों के पिटारे खुल गएहैं हँसते -रोते वाक़ये यूँ बिखर गए जैसे बीती कहानियां सुना गए हों हर कोई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 120 Share Mahima shukla 9 May 2024 · 1 min read 15🌸बस तू 🌸 15-- 🌸' बस तू '🌸 ========== आज फिर तुम सामने हो सोचा न था तुम यूँ मिलोगे, बिन दस्तक दिए आमद दोगे क्या कुछ कमी थी उन वादों में क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 75 Share Mahima shukla 8 May 2024 · 1 min read 16-- 🌸उठती हुईं मैं 🌸 16- 🌸 - "उठती हुई मैं "🌸 ============= हाँ! " मैंने देखा है ऊँची उठते हुये आसमान की ओर नज़र टिकाये अपनी असीम आशाओं को तितर बितर होती सँभावनाओं को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 82 Share Mahima shukla 8 May 2024 · 1 min read 15--🌸जानेवाले 🌸 .15-- कविता 💐 जाने वाले.... 🙏💐 ... 🔸स्मृति शेष 🔸... == ========= जाना था मैंने, कि एक दिन यूँ जाना होगा पर किसे, कहाँ, कब, कैसे नहीं जाना था. ऐसे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 97 Share Mahima shukla 8 May 2024 · 2 min read 14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸 " अस्तित्व ."🌸 ----====--- चलो फिर सोचें हम कहाँ आ गये हैं. हर ओर वीरानियाँ क्यूँ छायी हुईं हैं ? बस्तियाँ बसीं पर खामोशियाँ पसरी हैं. हवा में ताज़गी नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 71 Share Mahima shukla 7 May 2024 · 1 min read 🌸साहस 🌸 -🌸साहस 🌸- ========= छोड़ दिया जाए हमें अपनी किस्मत पर अपनी दुनिया हमें खुद ही बसानी है नहीं सहना किसी के जुल्म और ज्यादा हमें हक़ अपने खुद ही लेने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 97 Share Mahima shukla 7 May 2024 · 1 min read 11-🌸-उम्मीद 🌸 11- "🌸उम्मीद 🌸" ======== किसी तारीख- किसी जलसे की ख्वाहिश नहीं, सुबह-ओ- शाम हम अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं नज़र उठाये आगे बढ़ने की बस कोशिश की है मंज़िल दूर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 89 Share Mahima shukla 7 May 2024 · 1 min read कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸 10 *मातृ दिवस पर कविता * ============== ( -महिमा शुक्ला -इंदौर।) 🌸 माँ की छवि '🌸 ==================== 🌸 ---माँ --🌸 ========== क्या कोई दिन भी माँ के नाम होता है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 124 Share Mahima shukla 6 May 2024 · 1 min read 9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸 कविता -9--छोड़ आये वो गलियां".. ----------=====--------- 🔸यादों का एक पिटारा है. गहरे दबा मन के भीतर कहो तो इसे खोलूं - देखूँ या फिर आगे बढ़ जाऊँ? कुछ यादें हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 98 Share Mahima shukla 6 May 2024 · 1 min read 8--🌸और फिर 🌸 कविता -8-----== 🌸----और फिर ---🌸 ============= शाम की खामोशी ले ये रात आ रही है। नीँदों की आस में ये शम्मा बुझ रही है-- जलती शमा पर जैसे परवाने मंडरा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 74 Share Mahima shukla 6 May 2024 · 1 min read 🌸प्रकृति 🌸 कविता --7-🌸-प्रकृति 🌸 - ------------------ महकी -महकी हवा है फैली कली कली है खिली-- खिली फूलों ने जो मुखड़ा खोला है रगीं - सुन्दर समां बनाया है तितली उड़तीं फर-... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 102 Share Mahima shukla 6 May 2024 · 1 min read 🌸अनसुनी 🌸 कविता 🌸अनसुनी 🌸 ======== " कोई जिस्म बिकता नहीं कभी. बिकती है लाचारी कभी बिक जाती है म1!।ज़बूरी कभी बिकती है मजबूरीaa2aa2wa0 भूख का सौदा होता है कभी. कभी धोखों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 76 Share Mahima shukla 4 May 2024 · 1 min read नया साल नया साल ====== हर दिन क्या ? साल दर साल बीत जाते हैं यह साल बीता आ रहा फिर साल नया, हम कल, आज और कल से जूझते रहते हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 76 Share Mahima shukla 4 May 2024 · 1 min read 🌸*पगडंडी *🌸 कविता -3 -- 🌸*पगडण्डी*🌸 ============= चल दिया गाँव से शहर की ओर वह कंकड भरी पगडंडी से होते छोड़ मोह माया अपने गाँव -घर की रह गया कुआँ- मठ- मंदिर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 82 Share Mahima shukla 3 May 2024 · 1 min read कविता- 2- 🌸*बदलाव*🌸 कविता -2 🌸 बदलाव 🌸 -------------- हर चीज - हर बात बदल रही है क्यूँकि समय जो बदल रहा है समय के कई हाथ -पैर होंगे तभी तो चक्र सा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 74 Share Mahima shukla 3 May 2024 · 1 min read *🌸बाजार *🌸 1-- 🌸बाजार 🌸 ======= खरीद -फरोख्त का ज़माना है जो चाहे कोई भी खरीद ले बस जेब भरी हो सिक्कों से छल- बल हो,दम्भ हो सब पाने का मान -सम्मान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 100 Share Mahima shukla 3 May 2024 · 1 min read 🌸 आने वाला वक़्त 🌸 -🌸=आने वाला वक़्त -🌸 ================ बीते दिन बीतीं रातें, यह वक़्त भी बीत रहा सोचा,क्या आँखों में बसे दुख भी बीतेगें ? होंगे कम वो अँधेरे जो घेरे हैं मीठे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 97 Share