Mahender Singh Tag: मुक्तक 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahender Singh 23 Feb 2022 · 1 min read समूह में सुरक्षा मालूम न तुम लड़ रहे हो खुद से, इस तरह सब जीत जायेंगे तुमसे. पहचान लो समय रहते बचें ऐसे. समूह में रहना,अकेली सुरक्षा जैसे Hindi · मुक्तक 3 2 458 Share Mahender Singh 23 Feb 2022 · 1 min read खुला आसमान तुम्हारा जीवन किले ,बंदी में भले बीता होगा, प्रजा कमा कर तुम्हें खिलाती है याद होगा. भूल गये हो गर, तो बाहर निकल कर देखना, खुशी दीवारों के भीतर नहीं,खुले... Hindi · मुक्तक 2 1 453 Share Mahender Singh 10 Feb 2022 · 1 min read खुशहाल गरीब खुशी गर बाहर ,भौतिकता में होती, गरीब वर्ग हमेशा वंचित, ही रह जाता, अनुभूति में छुपी हुई,चाहत है वो पाता, वो दुखियों के दुख भी, सदा है हर लेता. महेन्द्र... Hindi · मुक्तक 4 3 380 Share Mahender Singh 30 Jan 2022 · 1 min read दीनहीन की बातें अब न ही दीश इमाम की बातें, भूखे पेट नहीं कटती अब रातें. बहुत हुई अब बस मन से बातें, ले जमीं पे कटती जिनकी रातें. Hindi · मुक्तक 2 1 329 Share Mahender Singh 12 Jan 2022 · 1 min read कान्हा तुम जमाने भर की खुशियां ले आते हो. दुनिया में सिर्फ़ फसाद छोड़ आये हो.. कौन तुम्हें याद करेगा और किस लिये. तुम कान्हा के नकलची हो,याद दिलाते रहो. Hindi · मुक्तक 4 3 585 Share Mahender Singh 14 Dec 2021 · 1 min read मुलाकात लगता है तुम्हें, प्यार की भाषा कम समझ आने लगी है, हर उम्मीद , हबीब बनकर जिंदगी में उतरने लगी है, अब भी चाहो तो, मैदान खाली है, उतर आओ... Hindi · मुक्तक 1 1 635 Share Mahender Singh 18 Sep 2021 · 1 min read जब तुम्हारी सरकार जब तुम्हारी सरकार जायेगी, जाने कौनसी हुकूमत आयेगी. तुम से तो अच्छे ही तेवर होंगे. जमीन भी होगी, जमीर भी होगा. . जैसा देश, वैसा भेष, बहरूपिया होता, जाकि खावे... Hindi · मुक्तक 1 2 329 Share Mahender Singh 10 Aug 2021 · 1 min read *सफर आओ मिलकर *सफर करें, क्यों न नेता हमें डफर कहें. बन गया है ये कैसा कल्चर, शिक्षा चिकित्सा बैठी पेंचर. Hindi · मुक्तक 3 2 322 Share Mahender Singh 6 Aug 2021 · 1 min read बातें चंद बातें चिकनी चुपडी बोल दिया करो, भूना कर उनको फिर से मन की बात हो, गड़बड़ लगे कुछ, घडियाल आँसू बहा दो, आँकडे अस्सी लाख पहुंचे, अब शर्म करो. Hindi · मुक्तक 6 5 687 Share Mahender Singh 24 Jul 2021 · 1 min read शौक अजब गजब दुनिया है ये, अजीब से लोग, कोई कामी,क्रोधी कोई, बहुतेरे ठहरे लोभी. ये तो पैमाने नहीं है जीवन मूल्य मापतौल. याद रख चुन ले, सहजता से अनमोल पल.... Hindi · मुक्तक 3 2 290 Share Mahender Singh 24 Jul 2021 · 1 min read यातना रोकना है रोक ले,भोगना है भोग लें, सफर जिंदगी के,है तेरे हाथ में अब. भोग चाहे, रोक ले, हंस हंस मौज ले. दो दिन खेला, भले रो रोकर गुजार दें... Hindi · मुक्तक 3 2 299 Share Mahender Singh 24 Jul 2021 · 1 min read प्ररेणा थोडे कभी, अधिक भी,मंजिल ओर बढे चल, सफर सुहाने, दृश्य लुभावने, भूला कर कल, जलाकर मशाल, छोड कर मिले सब मलाल. पहुंच जायेगा जरूर, इतने से हौसले लिए चल डॉक्टर... Hindi · मुक्तक 4 4 644 Share Mahender Singh 15 Dec 2020 · 1 min read नज़र चलन के दौर से बाहर आइए जरा जलन पीडा पर नज़र डालिए जरा रुठ बैठे क्यों नब्ज टटोल लेते जरा, हर मुकाम पर आज उतरे जो खरा, वो भी जीवित... Hindi · मुक्तक 1 1 601 Share Mahender Singh 18 Dec 2019 · 1 min read रहस्य बेनकाब मत दे *जवाब भले चुप रह, तेरा *आगाज़ तो बता दिखा, कैसे है तू सरताज़ बना हुआ, काबिल तू नहीं न ही काबिज, हरेक लेता तेरा नाम क्यों भला. डॉ.... Hindi · मुक्तक 4 1 640 Share Mahender Singh 7 Jan 2018 · 1 min read आभार आपका जो कंठ मेरा चुना. तमन्नाओं रुख मोड़ लो अपना, ये घर घर नहीं रहा अब..तुम्हारा अपना, जाग गया.. वो ,, जो अक्सर हर किसी का नहीं जगता, अब चैन है अमन है हर गुस्ताखी... Hindi · मुक्तक 2 1 684 Share Mahender Singh 6 Jan 2018 · 1 min read आपके कर्तव्य ही आपके अधिकार बनते हैं, मुझे नहीं लिखना.. तेरा नसीब, तू स्वयं लिख ले..मैं तेरा संरक्षक हूँ.., मैं तुझे वो हर हक देता हू.., जो नहीं मिलने वाले तुझे मेरे सिवा, .महेंद्र. Hindi · मुक्तक 1 1 571 Share Mahender Singh 6 Jan 2018 · 1 min read उठे जागे..मुक्तक पढ़े. बंधन में कब तक जीवित रह पाओगे, कब तक घुट घुट पीड़ा सहते रहोगे, एक न एक दिन तो करना पड़ेगा विरोध, कहीं न कहीं से ! क्यों न वो... Hindi · मुक्तक 1 1 493 Share