Mahender Singh Tag: कविता 283 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahender Singh 26 May 2022 · 1 min read कैसे मान ले ये मजहबी बातें ठीक हैं तुम इसे स्वप्न मान भूल चुके, यह मेरे लिए एक दंश हैं तूने जिस चीज़ को ढाल बनाया मुश्किलें हमारी बढ़ी सम्मान से दो टूक कमाई में सामुहिक जगह है... Hindi · कविता 3 3 360 Share Mahender Singh 18 May 2022 · 1 min read धर्म आधारित राजनीति जहान् की जहां से भी सुनी, हताशा ही हरदम हाथ लगी, धंधा धेले का नहीं, चार माणस सब अलबाधी, कमाई धेले की नहीं, एक हजार का सिलेंडर, सब्सिडी एकदम टूटी,... Hindi · कविता 2 1 341 Share Mahender Singh 23 Apr 2022 · 1 min read वो पिता देव तुल्य है पिता है तो घोसला है वरन् एक ढकोसला है जिंदगी है गर एक मेला मेले का हर सामान मेरा है गर , जीवन एक खेला शेष रहता नहीं, कोई झमेला.... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 14 13 548 Share Mahender Singh 12 Apr 2022 · 1 min read हम भारत के लोग हम भारत के लोग. ताकत हैं देश की, लेने देन में देनदार है सबसे पहले. जन्मोपरांत एक लाख के कर्जदार है .. सोचो सांस की कीमत मेरे देश की.. .... Hindi · कविता 3 2 518 Share Mahender Singh 11 Apr 2022 · 1 min read चिट्ठी का जमाना और अध्यापक एक हास्य व्यंग्य *.*.*.*.*.*.*.* डाकघर और चिट्ठी कालीन समय में. दो चार पांच गावों एकाध पढ़े लिखा व्यक्ति मिला करते थे. चिट्ठी लिखना और पढना, एक मुश्किल भरा दौर था,... Hindi · कविता 2 1k Share Mahender Singh 9 Apr 2022 · 1 min read अस्त व्यस्त कट गये पेड़ बच गये ठूंठ तपती धूप, बढ़ती झूठ, निगल गये हरियाली सहमे फरियादी, चढ़ गई फ्लैट सी बेल बढ़ गये बैल, अजब खेल, एकाध पार्क नाम के उपवन,... Hindi · कविता 4 4 402 Share Mahender Singh 1 Apr 2022 · 1 min read भेड और गडरिया मिल गई गडरिये को भेड़, भेड़ों को गडरिया मिल गया, भेड़ के कान पर, चप्पल रखने की आदत, पर काम कर गया, अपनी बरबादी पर जश्न, मनाने वाले, लोगों का,... Hindi · कविता 2 552 Share Mahender Singh 29 Mar 2022 · 1 min read तुम हो कहाँ किसी ने कहां तुम मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरिजाघर, में हो, मैंने कहा, तुम्हें तो कण-कण में बताने वाले लोग हैं तुम हो कहाँ, पेड़ पौधों में, पशु पक्षियों में, बहते... Hindi · कविता 2 351 Share Mahender Singh 11 Mar 2022 · 1 min read बिक जाते है वोट बिक जाते हैं वोट. इशारे इशारों में. वो इशारे इशारों में बिक गई, हम करोडों लिए बैठे रहे, वो इक्कीस से बारह में सीमट गई. वो सौदा जीत गई, व्यवहार... Hindi · कविता 3 3 387 Share Mahender Singh 11 Mar 2022 · 1 min read भारतीयता और व्यख्यान अनजान शहर में जाने पहचाने लोग कहें या, या कहें, जाने अंजाने शहर सब जगह फैले पड़े हैं, भटके हुए लोग. . सब कुछ बदल रहा इतने तेज भारतीय खोजते... Hindi · कविता 2 3 401 Share Mahender Singh 26 Feb 2022 · 1 min read खरीद विक्रय शरीर है शारीर है. है सब क्रिया कलाप, . खुशियाँ हैं तभी तक, स्वास्थ्य है पास जब तक, सुंदर है बाल, लाल सुर्ख गाल, . तन है शरीर माफिक, मन... Hindi · कविता 4 4 388 Share Mahender Singh 26 Feb 2022 · 1 min read बंद लिफाफा बंद लिफाफा भला इजाफा लिहाफ अच्छा घर में पोछा काम नहीं ओछे खुल कर पूछे हमेशा रखे मूंछें हाथ भले. भले हट गई पूंछे, फिर भी इंसान पशुओं से नहीं... Hindi · कविता 5 6 549 Share Mahender Singh 26 Feb 2022 · 1 min read जरा ठहरो तुम गर अतीत पर गर्व और वर्तमान इसे ही मान रहे हो तो भविष्य खत्म कर लोगे. . यह इतने तीव्र घटित होता है. संभाल नहीं पावोगे Mahender Bhartiya Hindi · कविता 3 2 342 Share Mahender Singh 19 Feb 2022 · 1 min read प्रेम में इजहार के दिन नहीं होते भेज रहा हूँ जो मुझे मिला , दया, करुणा, प्रेम, प्रवाह. भीड़ जिसकी आयोजक है. बहती बन नफरत अथाह. . बहती है जो ,दो धारों बीच. आदि प्रवाह अंत अनंतहीन.... Hindi · कविता 3 2 394 Share Mahender Singh 15 Feb 2022 · 1 min read डरा सो मरा डर डरकर जो जीवन जिआ करते है डरकर ही **डर से वो *मरा करते है. सीना तान कर जो *सामना करते है वे ही आखिर *इतिहास *रचा करते है. प्रधानमंत्री... Hindi · कविता 3 3 392 Share Mahender Singh 15 Feb 2022 · 1 min read शायद ही कोई हो. शायद ही कोई है, जो संतुष्ट हो. काम से अपने, नाम से भले हो. दुखी है कोई मिल गया, गम है हर एक को खो जाने का, कोई परेशान कद... Hindi · कविता 3 3 350 Share Mahender Singh 7 Feb 2022 · 1 min read पाषाण से विज्ञान तक विज्ञान *वरदान या *अभिशाप मोबाइल से पहले मोबाइल था इंसान साथ इसे रख हो गया कितना आसान. आदि मानव युग को कहते युग पाषाण. छोड व्यर्थ की जदोजहद अहं अभिमान.... Hindi · कविता 3 3 395 Share Mahender Singh 3 Feb 2022 · 1 min read दिल्ली अभी दूर *हास्य *कविता दिल्ली अभी दूर लोगों ने कहा उन्हें लगा मैं हूँ मजबूर मैंने तंज कसा चलते जाऊंगा तो पहुंच पाऊंगा जरूर लोग हट गये पीछे कह कर इस आदमी... Hindi · कविता 4 4 527 Share Mahender Singh 30 Jan 2022 · 1 min read बेहोश अवस्था तुम जी रहे हो, पर कैसे ! धक्के खा खाकर, या धोखे खाकर. डर डरकर. या किसी की बतलाई, घडी से बंधकर. या किसी ग्रंथ की, संजीवनी पाकर. निसर्ग की... Hindi · कविता 4 5 426 Share Mahender Singh 28 Jan 2022 · 1 min read अल्फाज तुम्हारे है अल्फाज तुम्हारे है. मोहताज जमाना मेरे बन सबके बन गये, अल्फाज़ हमारे हैं. सरफराज अल्फ है. अल्फा बीटा गामा परमाणु एक इकाई. हाइड्रोजन अमलीजामा. जरा बताओ कौन है हिंदू कौन... Hindi · कविता 4 4 430 Share Mahender Singh 19 Jan 2022 · 1 min read मन दिल हृदय स्पर्श को आतुर है जल, जड़ तना कलि फल और फूल, क्या करें तब,जब रूठ जाये मूल. मन तो विषय विकारी है सबल, कर बैठता है, कोई न कोई... Hindi · कविता 2 1 338 Share Mahender Singh 3 Jan 2022 · 1 min read कौन है ये राष्ट्रवादी दुनिया को बदलने वाले प्रचारकों, विज्ञापनों से बाहर आओ. और देखों, कमाकर पेट भरना, कितने मुश्किल हो गया हैं. कब तलक करें, तिलक और चोटी पर, गर्व. आपसी तालमेल को... Hindi · कविता 5 5 530 Share Mahender Singh 31 Dec 2021 · 1 min read अरदास लगा लो,उम्मीद जगा लो. अरदास लगा लो, उम्मीद जगा लो, मनोबल बढ़ा लो, जज्बा दिखा दो. . कुछ करने, कुछ कर गुजरने की, ठान कर आना, ऐसी मजबूर हुकूमत, मत लाना, दोस्तों ! तुम्हें... Hindi · कविता 3 3 527 Share Mahender Singh 11 Dec 2021 · 1 min read मुलाकात इत्तेफाक नहीं है, तेरा मेरा मिल जाना. कुछ तमन्ना तुम्हारी. चाहत रही कुछ हमारी. भले वो मुलाकात तुम्हारी. याद न हो तुम्हें. हमने सोच लिया था. तुम्हें अपनाने को. धड़कने... Hindi · कविता 1 1 373 Share Mahender Singh 6 Dec 2021 · 1 min read अनाडी अपने हकों का करें सम्मान मत करों पर हको का हनन. सबसे बुरा है औरों का दमन. आ जायेंगे, घर पर कभी समन तालीम करनी होती नहीं आसान. खुद से... Hindi · कविता 1 1 375 Share Mahender Singh 1 Dec 2021 · 1 min read नफरत के बीज भौर हुआ पक्षियों की चहक सुबहा का होना, मध्याह्न होना संध्या लेकर, सब ढल गई, ये क्रियाशैली, जिसे थका गई, बिन स्वप्न गहरी निद्रा लाई. रोज रोज के चक्र, निसर्ग... Hindi · कविता 1 1 587 Share Mahender Singh 30 Nov 2021 · 1 min read हाथ खाली है झूठ बोला, पर हाथ, खाली है. सच बोला, भले हाथ खाली है, सुकून मिलता है मन को.. लोग सूली की बात करते है.. परवाह नहीं उनको,एक जान गई. परमेश्वर बन... Hindi · कविता 2 2 517 Share Mahender Singh 23 Nov 2021 · 1 min read अनुशासन हास्य व्यंग्य अनुशासन भी तबही संभव है, जब शासन का आधार मालूम हो, एक आदर्श शिक्षक को ही देख लो. तुलनात्मक अध्ययन का जनक. आँकड़े नहीं बतायेंगे. नफरत सिखायेंगे. अपना विद्यार्थी उसे... Hindi · कविता 2 2 1k Share Mahender Singh 20 Nov 2021 · 1 min read समझ कर निर्णय लो समझ को अपनी, संभाल कर रखना, दोस्तों, प्रदूषित हवा से तो शरीर को है बचना, दोस्तों, जहरीले विचारों के प्रति किनारे है रखना दोस्तों, मुल्क के मुल्क जल जाते ,... Hindi · कविता 3 2 767 Share Mahender Singh 17 Nov 2021 · 1 min read मत मानना अतीत को सत्य , मत मान लेना, भविष्य उज्ज्वल चाहिए परखना, जी सको वर्तमान को सही जीना, पीढियां संवर जायेगी, लिख लेना. मत मानना जानकर ही चैन लेना. Hindi · कविता 3 2 317 Share Page 1 Next