ज्योत जलाई जिसने बुद्धि की
@@@@@ ज्योत जलाई जिसने बुद्धि की (महात्मा ज्योतिबा)@@@@@ एक और एक जनता दो होते हैं ,दो से ही ये सृष्टि रची है दो कि शक्ति जानोगे, तो दो नहीं सौ...
Poetry Writing Challenge · महात्मा ज्योतिबा · संघर्ष की दास्तान · सावित्री फुले