भूरचन्द जयपाल Tag: लेख 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भूरचन्द जयपाल 3 Aug 2020 · 6 min read गीता आत्मतत्त्व सार ( क्रमशः) प्राक्कथन भगवद्गीता समस्त वैदिक ज्ञान का नवनीत है। ------------------------------------------------------ ओउम श्री परमात्मने नम: श्री गुरूवाये नम: ऊँ अज्ञान तिमिरांधस्य ज्ञानञ्जनशलाकया । चक्षुरुमिलितं येन तस्मै श्री गुरुवे नमः ।। मैं घोर... Hindi · लेख 4 4 797 Share भूरचन्द जयपाल 29 Mar 2017 · 4 min read किशोर/किशोरियों में एच आई वी /एड्स के प्रति जागरूकता-एक अध्ययन प्रस्तावना कबीरदास ने कहा है - कबीरा सोई पीर है,जो जाने पर पीर जो परपीर न जानई,सो काफिर बेपीर।। वर्तमान समय में गम्भीर एवं असाध्य बिमारियों की चर्चा की जावे... Hindi · लेख 1 470 Share भूरचन्द जयपाल 29 Mar 2017 · 5 min read * वन्दे मातरम् --मेरा नजरिया * मैं सर्वप्रथम मातृभूमि,कर्मभूमि,जन्मभूमि की मानस पूजा करता हूं।उपन्यासकार श्री बंकिमचन्द्र चटर्जी ने अपने उपन्यास आनन्दमठ में जिस गीत की सर्जना की वह आज़ादी की लड़ाई को आगे बढ़ाने एवं स्वतन्त्रता... Hindi · लेख 1 460 Share भूरचन्द जयपाल 19 Jul 2017 · 4 min read *** दलित बनाम सवर्ण राजनीति *** आज दलित राजनीति महज़ दलितों के साथ राजनीति हो गयी है । जिस कारवां को बाबा साहेब भीमराव अम्बेडर ने जिस बुद्धिमता से आगे बढ़ाया और कहा था ये कारवां... Hindi · लेख 1 459 Share भूरचन्द जयपाल 5 Aug 2017 · 5 min read *** हमारे कर्मों का साक्षी : शरीर *** 5.8.17 *** प्रातः *** 5.5 हमारे अच्छे और बुरे कर्मों का साक्षी शरीर ही है । हम जो भी कार्य करते हैं उस कार्य को सर्वप्रथम देखनेवाला हमारा शरीर ही... Hindi · लेख 1 628 Share भूरचन्द जयपाल 11 Feb 2024 · 2 min read कबीर ज्ञान सार भक्ति पद्धति को कबीर से अच्छा कोई समझ सका है ना समझा सका है , मैं केवल कबीर ज्ञान का अति संक्षिप्त ज्ञान जो मेरी बुद्धि और आत्मा की पकड़... Hindi · लेख 1 576 Share भूरचन्द जयपाल 12 Feb 2024 · 3 min read अथ ज्ञान सागर सोरठा- सत्य नाम है सार,बूझो संत विवेक करी। उतरो भव जल पार, सतगुरू को उपदेश यह ।। सतगुरू दीनदयाल, सुमिरो मन चित एक करि छेड़ सके नहीं काल,अगम शब्द प्रमाण... Hindi · लेख 1 65 Share भूरचन्द जयपाल 12 Feb 2024 · 3 min read ज्ञान सागर गतांक से आगे धर्मदास जी कहते हैं कि मुझे बताओ कि कैसे पुरूष वह लोक बनाया साहेब कबीर वचन सृष्टि के प्रारम्भ में पुरूष यानि परमात्मा अद्वेत अर्थात अकेले थे... Hindi · लेख 70 Share