मदन मोहन सक्सेना Tag: ग़ज़ल/गीतिका 105 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (अजब गजब सँसार ) अब जीना दुश्बार हुआ अज़ब गज़ब सँसार हुआ रिश्तें नातें प्यार बफ़ा से सबको अब इन्कार हुआ बंगला ,गाड़ी ,बैंक तिजोरी इनसे सबको प्यार हुआ जिनकी ज़िम्मेदारी घर की वह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 459 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (क्यों हर कोई परेशां है) ग़ज़ल (क्यों हर कोई परेशां है) दिल के पास है लेकिन निगाहों से जो ओझल है ख्बाबों में अक्सर वह हमारे पास आती है अपनों संग समय गुजरे इससे बेहतर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 326 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की) ग़ज़ल (दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की) नरक की अंतिम जमीं तक गिर चुके हैं आज जो नापने को कह रहे , हमसे बह दूरियाँ आकाश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 570 Share मदन मोहन सक्सेना 3 Aug 2016 · 1 min read ग़ज़ल (निगाहों में बसी सूरत फिर उनको क्यों तलाशे है ) कुछ इस तरह से हमने अपनी जिंदगी गुजारी है जीने की तमन्ना है न मौत हमको प्यारी है लाचारी का दामन आज हमने थाम रक्खा है उनसे किस तरह कह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 306 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Dec 2016 · 1 min read मेरी ग़ज़ल प्रिय मित्रों मुझे बताते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है कि मेरी ग़ज़ल जय विजय ,बर्ष -३ , अंक ३ ,दिसम्बर २०१६ में प्रकाशितहुयी है . आप भी अपनी प्रतिक्रिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 253 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Feb 2022 · 1 min read दो पल की जिंदगी दो पल की जिंदगी देखा जब नहीं उनको और हमने गीत नहीं गाया जमाना हमसे ये बोला की फागुन क्यों नहीं आया फागुन गुम हुआ कैसे ,क्या तुमको कुछ चला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 260 Share मदन मोहन सक्सेना 29 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( दिल में दर्द जगाता क्यों हैं ) गर दबा नहीं है दर्द की तुझ पे दिल में दर्द जगाता क्यों हैं जो बीच सफर में साथ छोड़ दे उन अपनों से मिलबाता क्यों हैं क्यों भूखा नंगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share मदन मोहन सक्सेना 29 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल (जिंदगी का ये सफ़र ) कल तलक लगता था हमको शहर ये जाना हुआ इक शक्श अब दीखता नहीं तो शहर ये बीरान है बीती उम्र कुछ इस तरह की खुद से हम न मिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 336 Share मदन मोहन सक्सेना 29 Jun 2016 · 1 min read गज़ल/गीतिका (समय ये आ गया कैसा) गज़ल/गीतिका (समय ये आ गया कैसा) दीवारें ही दीवारें , नहीं दीखते अब घर यारों बड़े शहरों के हालात कैसे आज बदले हैं उलझन आज दिल में है कैसी आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share मदन मोहन सक्सेना 29 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल(दिल की बातें) ग़ज़ल(दिल की बातें) जिनका प्यार पाने में हमको ज़माने लगे बो अब नजरें मिला के मुस्कराने लगे राज दिल का कभी जो छिपाते थे हमसे बातें दिल की हमें बो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 413 Share मदन मोहन सक्सेना 29 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल (इस शहर में ) ग़ज़ल (इस शहर में ) इन्सानियत दम तोड़ती है हर गली हर चौराहें पर ईट गारे के सिबा इस शहर में रक्खा क्या है इक नक़ली मुस्कान ही साबित है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 282 Share मदन मोहन सक्सेना 30 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल( ये जीबन यार ऐसा ही ) ये जीबन यार ऐसा ही ,ये दुनियाँ यार ऐसी ही संभालों यार कितना भी आखिर छूट जाना है सभी बेचैन रहतें हैं ,क्यों मीठी बात सुनने को सच्ची बात कहने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 260 Share मदन मोहन सक्सेना 30 Jun 2016 · 1 min read गज़ल (बोल) गज़ल (बोल) उसे हम बोल क्या बोलें जो दिल को दर्द दे जाये सुकूं दे चैन दे दिल को , उसी को बोल बोलेंगें जीवन के सफ़र में जो मुसीबत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 264 Share मदन मोहन सक्सेना 1 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (किसी के हाल पर यारों,कौन कब आसूँ बहाता है) दिल के पास है लेकिन निगाहों से जो ओझल है ख्बाबों में अक्सर वह हमारे पास आती है अपनों संग समय गुजरे इससे बेहतर क्या होगा कोई तन्हा रहना नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 409 Share मदन मोहन सक्सेना 1 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (सब सिस्टम का रोना रोते) सुबह हुयी और बोर हो गए जीवन में अब सार नहीं है रिश्तें अपना मूल्य खो रहे अपनों में वो प्यार नहीं है जो दादा के दादा ने देखा अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share मदन मोहन सक्सेना 4 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (बचपन यार अच्छा था) जब हाथों हाथ लेते थे अपने भी पराये भी बचपन यार अच्छा था हँसता मुस्कराता था बारीकी जमाने की, समझने में उम्र गुज़री भोले भाले चेहरे में सयानापन समाता था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share मदन मोहन सक्सेना 4 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (हम इंतजार कर लेगें ) बोलेंगे जो भी हमसे बह ,हम ऐतवार कर लेगें जो कुछ भी उनको प्यारा है ,हम उनसे प्यार कर लेगें वह मेरे पास आयेंगे ये सुनकर के ही सपनो में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 285 Share मदन मोहन सक्सेना 4 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (ये कल की बात है) उनको तो हमसे प्यार है ये कल की बात है कायम ये ऐतबार था ये कल की बात है जब से मिली नज़र तो चलता नहीं है बस मुझे दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share मदन मोहन सक्सेना 4 Jul 2016 · 1 min read हुए दुनिया से बेगाने हम जिनके इक इशारे पर सजाए मौत का तोहफा हमने पा लिया जिनसे ना जाने क्यों बो अब हमसे कफ़न उधार दिलाने की बात करते हैं हुए दुनिया से बेगाने हम जिनके इक इशारे पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( मम्मी तुमको क्या मालूम ) ग़ज़ल ( मम्मी तुमको क्या मालूम ) सुबह सुबह अफ़रा तफ़री में फ़ास्ट फ़ूड दे देती माँ तुम टीचर क्या क्या देती ताने , मम्मी तुमको क्या मालूम क्या क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 390 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (हर इन्सान की दुनिया में इक जैसी कहानी है ) हर लम्हा तन्हाई का एहसास मुझको होता है जबकि दोस्तों के बीच अपनी गुज़री जिंदगानी है क्यों अपने जिस्म में केवल ,रंगत खून की दिखती औरों का लहू बहता ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (इश्क क्या है ,आज इसकी लग गयी हमको खबर ) हर सुबह रंगीन अपनी शाम हर मदहोश है वक़्त की रंगीनियों का चल रहा है सिलसिला चार पल की जिंदगी में ,मिल गयी सदियों की दौलत जब मिल गयी नजरें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 303 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (कंक्रीट के जंगल) ग़ज़ल (कंक्रीट के जंगल) कंक्रीटों के जंगल में नहीं लगता है मन अपना जमीं भी हो गगन भी हो ऐसा घर बनातें हैं ना ही रोशनी आये ,ना खुशबु ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 401 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( अहसास) गज़ल ( अहसास) ऐसे कुछ अहसास होते हैं हर इंसान के जीवन में भले मुद्दत गुजर जाये , बे दिल के पास होते हैं जो दिल कि बात सुनता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 380 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (वक़्त की रफ़्तार) ग़ज़ल (वक़्त की रफ़्तार) वक़्त की रफ़्तार का कुछ भी भरोसा है नहीं कल तलक था जो सुहाना कल वही विकराल हो इस तरह से आज पग में फूल से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 330 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (माँ का एक सा चेहरा) ग़ज़ल (माँ का एक सा चेहरा) बदलते बक्त में मुझको दिखे बदले हुए चेहरे माँ का एक सा चेहरा , मेरे मन में पसर जाता नहीं देखा खुदा को है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 456 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (दुआ) ग़ज़ल (दुआ) हुआ इलाज भी मुश्किल ,नहीं मिलती दबा असली दुआओं का असर होता दुआ से काम लेता हूँ मुझे फुर्सत नहीं यारों कि माथा टेकुं दर दर पे अगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 331 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( प्यारे पापा डैड हो गए ) ग़ज़ल ( प्यारे पापा डैड हो गए ) माता मम्मी अम्मा कहकर बच्चे प्यार जताते थे मम्मी अब तो ममी हो गयीं प्यारे पापा डैड हो गए पिज्जा बर्गर कोक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (कुर्सी और वोट) ग़ज़ल (कुर्सी और वोट) कुर्सी और वोट की खातिर काट काट के सूबे बनते नेताओं के जाने कैसे कैसे , अब ब्यबहार हुए दिल्ली में कोई भूखा बैठा, कोई अनशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 440 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (सबकी ऐसे गुजर गयी) ग़ज़ल (सबकी ऐसे गुजर गयी) हिन्दू देखे ,मुस्लिम देखे इन्सां देख नहीं पाया मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में आते जाते उम्र गयी अपना अपना राग लिए सब अपने अपने घेरे में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 368 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (ये कैसा तंत्र) ग़ज़ल (ये कैसा तंत्र) कैसी सोच अपनी है किधर हम जा रहें यारों गर कोई देखना चाहें बतन मेरे वह आ जाये तिजोरी में भरा धन है मुरझाया सा बचपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 229 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (जीबन :एक बुलबुला ) ग़ज़ल (जीबन :एक बुलबुला ) गज़ब हैं रंग जीबन के गजब किस्से लगा करते जबानी जब कदम चूमे बचपन छूट जाता है बंगला ,कार, ओहदे को पाने के ही चक्कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( दिल की बातें) ग़ज़ल ( दिल की बातें) जिनका प्यार पाने में हमको ज़माने लगे बह अब नजरें मिला के मुस्कराने लगे राज दिल का कभी जो छिपाते थे हमसे बातें दिल की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 603 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल(दूर रह कर हमेशा हुए फासले ) ग़ज़ल(दूर रह कर हमेशा हुए फासले ) दूर रह कर हमेशा हुए फासले ,चाहें रिश्तें कितने क़रीबी क्यों ना हों कर लिए बहुत काम लेन देन के ,विन मतलब कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (अपनी जिंदगी) ग़ज़ल (अपनी जिंदगी) अपनी जिंदगी गुजारी है ख्बाबों के ही सायें में ख्बाबों में तो अरमानों के जाने कितने मेले हैं भुला पायेंगें कैसे हम ,जिनके प्यार के खातिर सूरज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (किस को गैर कहदे हम) ग़ज़ल (किस को गैर कहदे हम) दुनिया में जिधर देखो हजारो रास्ते दीखते मंजिल जिनसे मिल जाए बह रास्ते नहीं मिलते किस को गैर कहदे हम और किसको मान ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 407 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (ऐतवार) ग़ज़ल (ऐतवार) बोलेंगे जो भी हमसे बह ,हम ऐतवार कर लेगें जो कुछ भी उनको प्यारा है ,हम उनसे प्यार कर लेगें बह मेरे पास आयेंगे ये सुनकर के ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 489 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( जिंदगी जिंदगी) ग़ज़ल ( जिंदगी जिंदगी) तुझे पा लिया है जग पा लिया है अब दिल में समाने लगी जिंदगी है कभी गर्दिशों की कहानी लगी थी मगर आज भाने लगी जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 498 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (हिम्मत साथ नहीं देती) ग़ज़ल (हिम्मत साथ नहीं देती) किसको अपना दर्द बतायें कौन सुनेगा अपनी बात सुनने बाले ब्याकुल हैं अब अपना राग सुनाने को हिम्मत साथ नहीं देती है खुद के अंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 485 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( जिंदगी का सफ़र) ग़ज़ल ( जिंदगी का सफ़र) बीती उम्र कुछ इस तरह कि खुद से हम न मिल सके जिंदगी का ये सफ़र क्यों इस कदर अंजान है प्यासा पथिक और पास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (रचना ) गज़ल (रचना ) कभी गर्दिशों से दोस्ती कभी गम से याराना हुआ चार पल की जिन्दगी का ऐसे कट जाना हुआ इस आस में बीती उम्र कोई हमें अपना कहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 342 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (खेल देखिये) ग़ज़ल (खेल देखिये) साम्प्रदायिक कहकर जिससे दूर दूर रहते थे राजनीती में कोई अछूत नहीं ,ये खेल देखिये दूध मंहगा प्याज मंहगा और जीना मंहगा हो गया छोड़ दो गाड़ी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( खुदा का रूप ) ग़ज़ल ( खुदा का रूप ) गर कोई हमसे कहे की रूप कैसा है खुदा का हम यकीकन ये कहेंगे जिस तरह से यार है संग गुजरे कुछ लम्हों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 246 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( सच्चा झूठा) ग़ज़ल ( सच्चा झूठा) क्या सच्चा है क्या है झूठा अंतर करना नामुमकिन है हमने खुद को पाया है बस खुदगर्जी के घेरे में एक जमी वख्शी थी कुदरत ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 450 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल(मन करता है) ग़ज़ल(मन करता है) लल्लू पंजू पप्पू फेंकू रबड़ी को अब देख देख कर अब मेरा भी राजनीती में मन आने को करता है सच्ची बातें खरी खरी अब किसको अच्छी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल( ऐतबार) ग़ज़ल( ऐतबार) जालिम लगी दुनिया हमें हर शख्श बेगाना लगा हर पल हमें धोखे मिले अपने ही ऐतबार से नफरत से की गयी चोट से हर जखम हमने सह लिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 287 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (बोल) गज़ल (बोल) उसे हम बोल क्या बोलें जो दिल को दर्द दे जाये सुकूं दे चैन दे दिल को , उसी को बोल बोलेंगें जीवन के सफ़र में जो मुसीबत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (मौका) ग़ज़ल (मौका) गजब दुनिया बनाई है, गजब हैं लोग दुनिया के मुलायम मलमली बिस्तर में अक्सर बह नहीं सोते यहाँ हर रोज सपने क्यों, दम अपना तोड़ देते हैं नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( सेक्युलर कम्युनल ) गज़ल ( सेक्युलर कम्युनल ) जब से बेटे जबान हो गए मुश्किल में क्यों प्राण हो गए किस्से सुन सुन के संतों के भगवन भी हैरान हो गए आ धमके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 359 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (खेल जिंदगी) गज़ल (खेल जिंदगी) दिल के पास है लेकिन निगाहों से बह ओझल हैं क्यों असुओं से भिगोने का है खेल जिंदगी। जिनके साथ रहना हैं ,नहीं मिलते क्यों दिल उनसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share Page 1 Next