Tag: कविता
51
posts
क्या मदन ये सारी दुनिया है बिरोधाभास की
मदन मोहन सक्सेना
भरोसा टूटने पर यार सब कुछ टूट जाता है
मदन मोहन सक्सेना
दिवाली आज आयी है, जलाओ प्रेम के दीपक
मदन मोहन सक्सेना
चेहरे की हकीकत को समझ जाओ तो अच्छा है
मदन मोहन सक्सेना
दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है
मदन मोहन सक्सेना
भरोसा हो तो किस पर हो सभी इक जैसे दिखतें हैं
मदन मोहन सक्सेना
जिंदगी तुम हो हमारी और तुम से जिंदगी है
मदन मोहन सक्सेना
वह शख्श मेरा यार था ये कल की बात है
मदन मोहन सक्सेना
घायल हुए उस रोज हम जिस रोज मारा प्यार से
मदन मोहन सक्सेना
संग साथ की हार हुई और तन्हाई की जीत हो रही
मदन मोहन सक्सेना
चाँद सूरज फूल में बस यार का चेहरा मिला
मदन मोहन सक्सेना
जो सीधे सादे रहतें हैं मुश्किल में क्यों रहतें है
मदन मोहन सक्सेना
उसकी यादों का दिया अपने दिल में यार जलता है
मदन मोहन सक्सेना
जय हिंदी जय हिंदुस्तान मेरा भारत बने महान
मदन मोहन सक्सेना
दुआओं का असर होता दुआ से काम लेता हूँ
मदन मोहन सक्सेना
हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है .
मदन मोहन सक्सेना
तुम्हारी मोहनी सूरत तो हर पल आँख में रहती
मदन मोहन सक्सेना
हालत देखकर मेरी ये दुनिया मुस्कराती है
मदन मोहन सक्सेना
समय के साथ बहना ही असल तो यार जीबन है
मदन मोहन सक्सेना
अब खुदा बँटने लगा है इस तरह की तूल से
मदन मोहन सक्सेना
क्यों हर कोई परेशां है बगल बाले की किस्मत से
मदन मोहन सक्सेना
जिसे देखिये मिलता है अब चेहरे पर मुस्कान लिए
मदन मोहन सक्सेना
अमन चैन से रहने बाले दंगे से दो चार हुए
मदन मोहन सक्सेना
जिसे देखिये चला रहा है सारे तीर अँधेरे में
मदन मोहन सक्सेना
क़यामत से क़यामत तक हम इन्तजार कर लेंगें
मदन मोहन सक्सेना
किसको दोस्त माने हम और किसको गैर कह दें हम
मदन मोहन सक्सेना
मैं उजाला और दीपावली
मदन मोहन सक्सेना
प्यार का बंधन
मदन मोहन सक्सेना
तुम्हारा तुम जानो
मदन मोहन सक्सेना
शरण में आया तेरी राम जी
मदन मोहन सक्सेना
(कल की ही बात है)
मदन मोहन सक्सेना
चाहें दौलत हो ना हो कि पास अपने प्यार हो
मदन मोहन सक्सेना
देकर दुआएँ आज फिर हम पर सितम वो कर गए
मदन मोहन सक्सेना
आज हम फिर बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की
मदन मोहन सक्सेना
कुछ पाने की तमन्ना में हम खो देते बहुत कुछ है
मदन मोहन सक्सेना
अरमानो के मेले में जब ख्बाबों के महल टूटे
मदन मोहन सक्सेना
देखते है कि आपका मुँह खुलेगा भी या नहीं
मदन मोहन सक्सेना
हम आप और हिंदी ( १४ सितम्बर )
मदन मोहन सक्सेना
फिर एक बार
मदन मोहन सक्सेना
खुशबुओं की बस्ती
मदन मोहन सक्सेना
चलो हो गयी दीवाली
मदन मोहन सक्सेना
लेखनी का कागज से स्पर्श
मदन मोहन सक्सेना
भ्रम
मदन मोहन सक्सेना
रोशनी से आशियाना यारों अक्सर जलता है
मदन मोहन सक्सेना
आम जनता को क्या मिला
मदन मोहन सक्सेना
नूतन बर्ष २०१७ आप सबको मंगलमय हो
मदन मोहन सक्सेना
२६ जनबरी आने बाली है
मदन मोहन सक्सेना
प्यार बिन सूना सारा ये संसार है
मदन मोहन सक्सेना
मुहब्बत में मिटकर फना हो गया हूँ .
मदन मोहन सक्सेना
बेबसी में मन से बहता यह नयन का तीर है
मदन मोहन सक्सेना