मदन मोहन सक्सेना 176 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मदन मोहन सक्सेना 30 Jun 2016 · 1 min read प्यार का बंधन प्यार का बंधन अर्पण आज तुमको हैं जीवन भर की सब खुशियाँ पल भर भी न तुम हमसे जीवन में जुदा होना रहना तुम सदा मेरे दिल में दिल में... Hindi · कविता 1k Share मदन मोहन सक्सेना 14 Aug 2017 · 2 min read अर्थ का अनर्थ (अब तो आ कान्हा जाओ) अर्थ का अनर्थ (अब तो आ कान्हा जाओ) अब तो आ कान्हा जाओ, इस धरती पर सब त्रस्त हुए दुःख सहने को भक्त तुम्हारे आज क्यों अभिशप्त हुए नन्द दुलारे... Hindi · कविता 660 Share मदन मोहन सक्सेना 10 Mar 2017 · 1 min read ग़ज़ल (चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है ) मन से मन भी मिल जाये , तन से तन भी मिल जाये प्रियतम ने प्रिया से आज मन की बात खोली है मौसम आज रंगों का छायी अब खुमारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 599 Share मदन मोहन सक्सेना 10 Oct 2017 · 1 min read भरोसा टूटने पर यार सब कुछ टूट जाता है भरोसा है तो रिश्तें हैं ,रिश्तें हैं तो खुशहाली भरोसा टूटने पर यार सब कुछ टूट जाता है यारों क्यों लगा करतें हैं दुश्मन जैसे अपने भी किसी के यार... Hindi · कविता 572 Share मदन मोहन सक्सेना 1 Jul 2016 · 1 min read वक्त बक्त की बात (मेरे नौ शेर ) (एक ) अपने थे , वक़्त भी था , वक़्त वह और था यारों वक़्त पर भी नहीं अपने बस मजबूरी का रेला है (दो ) वक़्त की रफ़्तार का... Hindi · शेर 1 610 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read मुक्तक (जान) मुक्तक (जान) ये जान जान कर जान गया ,ये जान तो मेरी जान नहीं जिस जान के खातिर जान है ये, इसमें उस जैसी शान नहीं जब जान वह मेरी... Hindi · मुक्तक 565 Share मदन मोहन सक्सेना 15 Jul 2016 · 1 min read अनोखा प्यार का बंधन अर्पण आज तुमको हैं जीवन भर की सब खुशियाँ पल भर भी न तुम हमसे जीवन में जुदा होना रहना तुम सदा मेरे दिल में दिल में ही खुदा बनकर... Hindi · गीत 574 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Sep 2016 · 1 min read हम आप और हिंदी ( १४ सितम्बर ) हिंदी दिवस की आप सबको शुभ कामनाएं लिखो जज्बात हिंदी में करो हर बात हिंदी में हम भी बोले हिंदी में तुम भी बोलो हिंदी में जय हिंदी जय हिंदुस्तान... Hindi · कविता 594 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read मुक्तक(अमाबस की अंधेरी में ज्यों चाँद निकल आया है ) तुम्हारा साथ ही मुझको करता मजबूर जीने को तुम्हारे बिन अधूरे हम बिबश हैं जहर पीने को तुम्हारा साथ पाकर के दिल ने ये ही पाया है अमाबस की अंधेरी... Hindi · मुक्तक 548 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( दिल की बातें) ग़ज़ल ( दिल की बातें) जिनका प्यार पाने में हमको ज़माने लगे बह अब नजरें मिला के मुस्कराने लगे राज दिल का कभी जो छिपाते थे हमसे बातें दिल की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 602 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की) ग़ज़ल (दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की) नरक की अंतिम जमीं तक गिर चुके हैं आज जो नापने को कह रहे , हमसे बह दूरियाँ आकाश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 563 Share मदन मोहन सक्सेना 18 Jul 2016 · 1 min read परायी दुनिया परायी दुनिया अपना दिल जब ये पूछें की दिलकश क्यों नज़ारे हैं परायी लगती दुनिया में बह लगते क्यों हमारे हैं ना उनसे तुम अलग रहना ,मैं कहता अपने दिल... Hindi · गीत 583 Share मदन मोहन सक्सेना 8 May 2018 · 1 min read आजकल का ये समय भटका हुआ है मूल से प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से दर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के नाम पर दोस्तों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 572 Share मदन मोहन सक्सेना 15 May 2017 · 1 min read बेबसी में मन से बहता यह नयन का तीर है गज़ल गाना चाहता हूँ ,गुनगुनाना चाहता हूँ ग़ज़ल का ही ग़ज़ल में सन्देश देना चाहता हूँ ग़ज़ल मरती है नहीं बिश्बास देना चाहता हूँ गज़ल गाना चाहता हूँ ,गुनगुनाना चाहता... Hindi · कविता 557 Share मदन मोहन सक्सेना 28 Oct 2016 · 1 min read दिवाली और मेरे शेर दिवाली और मेरे शेर दिवाली का पर्व है फिर अँधेरे में हम क्यों रहें चलो हम अपने अहम् को जलाकर रौशनी कर लें ************************************* दिवाली का पर्व है अँधेरा अब... Hindi · शेर 535 Share मदन मोहन सक्सेना 18 Nov 2016 · 2 min read लेखनी का कागज से स्पर्श लेखनी का कागज से स्पर्श अपने अनुभबों,एहसासों ,बिचारों को यथार्थ रूप में अभिब्यक्त करने के लिए जब जब मैनें लेखनी का कागज से स्पर्श किया उस समय मुझे एक बिचित्र... Hindi · कविता 2 503 Share मदन मोहन सक्सेना 27 Jul 2016 · 1 min read देकर दुआएँ आज फिर हम पर सितम वो कर गए हम आज तक खामोश हैं और वो भी कुछ कहते नहीं दर्द के नग्मों में हक़ बस मेरा नजर आता है देकर दुआएँ आज फिर हम पर सितम वो कर... Hindi · कविता 554 Share मदन मोहन सक्सेना 21 Jul 2016 · 2 min read (कल की ही बात है) कल की ही बात है जब से मैंने गाँव क्या छोड़ा शहर में ठिकाना खोजा पता नहीं आजकल हर कोई मुझसे आँख मिचौली का खेल क्यों खेला करता है जिसकी... Hindi · कविता 556 Share मदन मोहन सक्सेना 18 Jul 2016 · 1 min read खुशबुओं की बस्ती खुशबुओं की बस्ती खुशबुओं की बस्ती में रहता प्यार मेरा है आज प्यारे प्यारे सपनो ने आकर के मुझको घेरा है उनकी सूरत का आँखों में हर पल हुआ यूँ... Hindi · गीत 503 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( बात अपने दिल की ) गज़ल ( बात अपने दिल की ) सोचकर हैरान हैं हम , क्या हमें अब हो गया है चैन अब दिल को नहीं है ,नींद क्यों आती नहीं है बादियों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 472 Share मदन मोहन सक्सेना 15 Dec 2017 · 1 min read संग साथ की हार हुई और तन्हाई की जीत हो रही पाने को आतुर रहतें हैं खोने को तैयार नहीं है जिम्मेदारी ने मुहँ मोड़ा ,सुबिधाओं की जीत हो रही साझा करने को ना मिलता , अपने गम में ग़मगीन हैं... Hindi · कविता 461 Share मदन मोहन सक्सेना 18 Jul 2016 · 1 min read मुक्तक (जान) मुक्तक (जान) ये जान जान कर जान गया ,ये जान तो मेरी जान नहीं जिस जान के खातिर जान है ये, इसमें उस जैसी शान नहीं जब जान वह मेरी... Hindi · मुक्तक 476 Share मदन मोहन सक्सेना 18 Oct 2016 · 2 min read परम्पराओं का पालन या अँध बिश्बास का खेल (करबा चौथ ) परम्पराओं का पालन या अँध बिश्बास का खेल (करबा चौथ ) करवाचौथ के दिन भारतबर्ष में सुहागिनें अपने पति की लम्बी उम्र के लिए चाँद दिखने तक निर्जला उपबास रखती... Hindi · लेख 1 490 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (माँ का एक सा चेहरा) ग़ज़ल (माँ का एक सा चेहरा) बदलते बक्त में मुझको दिखे बदले हुए चेहरे माँ का एक सा चेहरा , मेरे मन में पसर जाता नहीं देखा खुदा को है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 456 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Apr 2018 · 1 min read जिसे देखिये चला रहा है सारे तीर अँधेरे में क्या सच्चा है क्या है झूठा अंतर करना नामुमकिन है. हमने खुद को पाया है बस खुदगर्जी के घेरे में .. एक जमी वख्शी थी कुदरत ने हमको यारो लेकिन... Hindi · कविता 502 Share मदन मोहन सक्सेना 6 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( क्या जज्बात की कीमत चंद महीने के लिए है ) दर्द को अपने से कभी रुखसत ना कीजिये क्योंकि दर्द का सहारा तो जीने के लिए है पी करके मर्जे इश्क़ में बहका ना कीजिये ख़ामोशी की मदिरा तो सिर्फ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 521 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( सच्चा झूठा) ग़ज़ल ( सच्चा झूठा) क्या सच्चा है क्या है झूठा अंतर करना नामुमकिन है हमने खुद को पाया है बस खुदगर्जी के घेरे में एक जमी वख्शी थी कुदरत ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 450 Share मदन मोहन सक्सेना 25 Jul 2016 · 1 min read सांसों के जनाजें को तो सव ने जिंदगी जाना देखा जब नहीं उनको और हमने गीत ना गाया जमाना हमसे ये बोला की फागुन क्यों नहीं आया फागुन गुम हुआ कैसे ,क्या तुमको कुछ चला मालूम कहा हमने ज़माने... Hindi · गीत 2 492 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( जिंदगी जिंदगी) ग़ज़ल ( जिंदगी जिंदगी) तुझे पा लिया है जग पा लिया है अब दिल में समाने लगी जिंदगी है कभी गर्दिशों की कहानी लगी थी मगर आज भाने लगी जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 487 Share मदन मोहन सक्सेना 6 Dec 2017 · 1 min read जिंदगी तुम हो हमारी और तुम से जिंदगी है जानकर अपना तुम्हें हम हो गए अनजान खुद से दर्द है क्यों अब तलक अपना हमें माना नहीं नहीं है अब सुबह से शाम तक बस नाम तेरा है लबों... Hindi · कविता 480 Share मदन मोहन सक्सेना 30 Jun 2016 · 1 min read प्रीत प्रीत नज़रों ने नज़रों से नजरें मिलायीं प्यार मुस्कराया और प्रीत मुस्कराई प्यार के तराने जगे गीत गुनगुनाने लगे फिर मिलन की ऋतू आयी भागी तन्हाई दिल से फिर दिल... Hindi · गीत 468 Share मदन मोहन सक्सेना 9 Aug 2016 · 3 min read आ गया राखी का पर्ब राखी का त्यौहार आ ही गया ,इस त्यौहार को मनाने के लिए या कहिये की मुनाफा कमाने के लिए समाज के सभी बर्गों ने कमर कस ली है। हिन्दुस्थान में... Hindi · लेख 508 Share मदन मोहन सक्सेना 15 Mar 2018 · 1 min read हालत देखकर मेरी ये दुनिया मुस्कराती है जुदा हो करके के तुमसे अब ,तुम्हारी याद आती है मेरे दिलबर तेरी सूरत ही मुझको रास आती है कहूं कैसे मैं ये तुमसे बहुत मुश्किल गुजारा है भरी दुनियां... Hindi · कविता 484 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (ऐतवार) ग़ज़ल (ऐतवार) बोलेंगे जो भी हमसे बह ,हम ऐतवार कर लेगें जो कुछ भी उनको प्यारा है ,हम उनसे प्यार कर लेगें बह मेरे पास आयेंगे ये सुनकर के ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 488 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (बात करते हैं ) गज़ल (बात करते हैं ) सजाए मौत का तोहफा हमने पा लिया जिनसे ना जाने क्यों बो अब हमसे कफ़न उधार दिलाने की बात करते हैं हुए दुनिया से बेगाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 492 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (अजब गजब सँसार ) अब जीना दुश्बार हुआ अज़ब गज़ब सँसार हुआ रिश्तें नातें प्यार बफ़ा से सबको अब इन्कार हुआ बंगला ,गाड़ी ,बैंक तिजोरी इनसे सबको प्यार हुआ जिनकी ज़िम्मेदारी घर की वह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 456 Share मदन मोहन सक्सेना 18 Aug 2016 · 3 min read राखी रक्षा बंधन और रिश्तें राखी का त्यौहार आ ही गया ,इस त्यौहार को मनाने के लिए या कहिये की मुनाफा कमाने के लिए समाज के सभी बर्गों ने कमर कस ली है। हिन्दुस्थान में... Hindi · लेख 1 476 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Sep 2017 · 1 min read जय हिंदी जय हिंदुस्तान मेरा भारत बने महान जय हिंदी जय हिंदुस्तान मेरा भारत बने महान गंगा यमुना सी नदियाँ हैं जो देश का मन बढ़ाती हैं सीता सावित्री सी देवी जो आज भी पूजी जाती हैं यहाँ... Hindi · कविता 475 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (अपनी जिंदगी) ग़ज़ल (अपनी जिंदगी) अपनी जिंदगी गुजारी है ख्बाबों के ही सायें में ख्बाबों में तो अरमानों के जाने कितने मेले हैं भुला पायेंगें कैसे हम ,जिनके प्यार के खातिर सूरज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 428 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (इनायत) ग़ज़ल (इनायत) दुनिया बालों की हम पर जब से इनायत हो गयी उस रोज से अपनी जख्म खाने की आदत हो गयी शोहरत की बुलंदी में ,न खुद से हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 479 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Feb 2017 · 1 min read प्यार बिन सूना सारा ये संसार है प्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखे प्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार है प्यार पाने... Hindi · कविता 468 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल( ये कल की बात है ) ग़ज़ल( ये कल की बात है ) उनको तो हमसे प्यार है ये कल की बात है कायम ये ऐतबार था ये कल की बात है जब से मिली नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 418 Share मदन मोहन सक्सेना 7 Nov 2017 · 1 min read दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है बक्त कब किसका हुआ जो अब मेरा होगा बुरे बक्त को जानकर सब्र किया मैनें किसी को चाहतें रहना कोई गुनाह तो नहीं चाहत... Hindi · कविता 417 Share मदन मोहन सक्सेना 25 Jan 2018 · 1 min read उसकी यादों का दिया अपने दिल में यार जलता है मुसीबत यार अच्छी है पता तो यार चलता है कैसे कौन कब कितना, रंग अपना बदलता है किसकी कुर्बानी को किसने याद रक्खा है दुनिया में जलता तेल और बाती... Hindi · कविता 412 Share मदन मोहन सक्सेना 1 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (किसी के हाल पर यारों,कौन कब आसूँ बहाता है) दिल के पास है लेकिन निगाहों से जो ओझल है ख्बाबों में अक्सर वह हमारे पास आती है अपनों संग समय गुजरे इससे बेहतर क्या होगा कोई तन्हा रहना नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 407 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Sep 2016 · 1 min read देखते है कि आपका मुँह खुलेगा भी या नहीं होली के अबसर पर पानी की बर्बादी की बात करने बाले शिवरात्रि पर शिव पर दूध अर्पित करने को कुपोषण से जोड़ने बाले और दूध की कमी का रोने बाले... Hindi · कविता 3 422 Share मदन मोहन सक्सेना 4 Apr 2018 · 1 min read अमन चैन से रहने बाले दंगे से दो चार हुए कुर्सी और वोट की खातिर काट काट के सूबे बनते नेताओं के जाने कैसे कैसे , अब ब्यबहार हुए दिल्ली में कोई भूखा बैठा, कोई अनशन पर बैठ गया भूख... Hindi · कविता 472 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( आगमन नए दौर ) गज़ल ( आगमन नए दौर ) आगमन नए दौर का आप जिसको कह रहे बह सेक्स की रंगीनियों की पैर में जंजीर है सुन चुके है बहुत किस्से वीरता पुरुषार्थ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (किस को गैर कहदे हम) ग़ज़ल (किस को गैर कहदे हम) दुनिया में जिधर देखो हजारो रास्ते दीखते मंजिल जिनसे मिल जाए बह रास्ते नहीं मिलते किस को गैर कहदे हम और किसको मान ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 406 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Oct 2017 · 1 min read तुम्हारा साथ जब होगा नजारा ही नया होगा तुम्हारी याद जब आती तो मिल जाती ख़ुशी हमको तुमको पास पायेंगे तो मेरा हाल क्या होगा तुमसे दूर रह करके तुम्हारी याद आती है मेरे पास तुम होगे तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 414 Share Page 1 Next