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ग़ज़ल( उम्र भर जिसको अपना मैं कहता रहा)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( इस आस में बीती उम्र कोई हमें अपना कहे)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है )
मदन मोहन सक्सेना
प्यार बिन सूना सारा ये संसार है
मदन मोहन सक्सेना
२६ जनबरी आने बाली है
मदन मोहन सक्सेना
नूतन बर्ष २०१७ आप सबको मंगलमय हो
मदन मोहन सक्सेना
आम जनता को क्या मिला
मदन मोहन सक्सेना
मेरी ग़ज़ल
मदन मोहन सक्सेना
रोशनी से आशियाना यारों अक्सर जलता है
मदन मोहन सक्सेना
भ्रम
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल (सभी पाने को आतुर हैं , नहीं कोई चाहता देना)
मदन मोहन सक्सेना
लेखनी का कागज से स्पर्श
मदन मोहन सक्सेना
(ग़ज़ल/गीतिका)मुझे दिल पर अख्तियार था ये कल की बात है
मदन मोहन सक्सेना
मेरी ग़ज़ल जय विजय ,बर्ष -३ अंक २ ,नवम्बर २०१६ में
मदन मोहन सक्सेना
कुछ शेर
मदन मोहन सक्सेना
चलो हो गयी दीवाली
मदन मोहन सक्सेना
मैं उजाला और दीपावली
मदन मोहन सक्सेना
दिवाली और मेरे शेर
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (रिश्तों के कोलाहल में ये जीवन ऐसे चलता है )
मदन मोहन सक्सेना
परम्पराओं का पालन या अँध बिश्बास का खेल (करबा चौथ )
मदन मोहन सक्सेना
मेरी ग़ज़ल जय विजय ,बर्ष -३ अंक १ ,अक्टूबर २०१६ में प्रकाशित
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (जिसे देखे हुए हो गया अर्सा मुझे)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( मुहब्बत है इश्क़ है प्यार है या फिर कुछ और )
मदन मोहन सक्सेना
फिर एक बार
मदन मोहन सक्सेना
हम आप और हिंदी ( १४ सितम्बर )
मदन मोहन सक्सेना
देखते है कि आपका मुँह खुलेगा भी या नहीं
मदन मोहन सक्सेना
मुक्तक (सब अपनी अपनी किस्मत को ले लेकर खूब रोते हैं)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( क्या जज्बात की कीमत चंद महीने के लिए है )
मदन मोहन सक्सेना
श्री कृष्णजन्माष्टमी का पर्ब आप सबको मंगलमय हो
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल( समय से कौन जीता है समय ने खेल खेले हैं)
मदन मोहन सक्सेना
राखी रक्षा बंधन और रिश्तें
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (गज़ब हैं रंग जीबन के)
मदन मोहन सक्सेना
आ गया राखी का पर्ब
मदन मोहन सक्सेना
अरमानो के मेले में जब ख्बाबों के महल टूटे
मदन मोहन सक्सेना
कुछ पाने की तमन्ना में हम खो देते बहुत कुछ है
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (निगाहों में बसी सूरत फिर उनको क्यों तलाशे है )
मदन मोहन सक्सेना
मेरी ग़ज़ल जय विजय ,बर्ष -२ , अंक ११ ,अगस्त २०१६ में प्रकाशित
मदन मोहन सक्सेना
आज हम फिर बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की
मदन मोहन सक्सेना
देकर दुआएँ आज फिर हम पर सितम वो कर गए
मदन मोहन सक्सेना
सांसों के जनाजें को तो सव ने जिंदगी जाना
मदन मोहन सक्सेना
चाहें दौलत हो ना हो कि पास अपने प्यार हो
मदन मोहन सक्सेना
(कल की ही बात है)
मदन मोहन सक्सेना
खुशबुओं की बस्ती
मदन मोहन सक्सेना
परायी दुनिया
मदन मोहन सक्सेना
मुक्तक (जान)
मदन मोहन सक्सेना
मेरी नजर (मुक्तक)
मदन मोहन सक्सेना
शरण में आया तेरी राम जी
मदन मोहन सक्सेना
अनोखा प्यार का बंधन
मदन मोहन सक्सेना
जिस गली जिस शहर में चला सीखना , दर्द उसके मिटाने भी जाया करो
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (आये भी अकेले थे और जाना भी अकेला है)
मदन मोहन सक्सेना