लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 7 Feb 2024 · 1 min read गुलाब कि काँटों से लड़कर इक गुलाब, तेरे पास लाया हूँ। मेरे सपनों की दुनिया में अकसर, मै तुम्हे पाया हूँ। रूठ न जाओ कहीं किसी बात पे मुझसे, ऐ सनम,... Poetry Writing Challenge-2 110 Share लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 7 Feb 2024 · 1 min read देश है तो हम हैं //मुक्तक// देश है तो हम हैं, यह भान होना चाहिए। देश के प्रति दिल में, सम्मान होना चाहिए। जीते तो सभी हैं यहांँ, आन-बान-शान के लिए। देश के लिए जो... Poetry Writing Challenge-2 112 Share लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 8 Sep 2023 · 1 min read अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती,पर, अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती,पर, आपको हर कोई समझे जरुरी नहीं होती। हम तो चाहते हैं हर कोई खुश रहे हमसे,पर, इंसान की हर इच्छा तो पूरी नहीं... Quote Writer 123 Share लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 8 Sep 2023 · 1 min read अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती। अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती,पर, आपको हर कोई समझे जरुरी नहीं होती। हम तो चाहते हैं हर कोई खुश रहे हमसे,पर, इंसान की हर इच्छा तो पूरी नहीं... Quote Writer 376 Share लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 19 Aug 2023 · 0 min read मुक्तक ...... Hindi · Quote Writer 136 Share लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 3 Mar 2023 · 1 min read बिगड़ जाते हैं रिश्ते,जरा सी भूल से। बिगड़ जाते हैं रिश्ते,जरा सी भूल से। अपने पराये हो जाते हैं, कुछ उसूल से। रिश्ते बनाने से बड़ा है,उसको निभाना, सीख लो खुश रहना,बगिया की फूल से।। - *लोकनाथ... Quote Writer 1 164 Share लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 3 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक बिगड़ जाते हैं ये रिश्ते, जरा सी भूल से। अपने पराये हो जाते हैं, कुछ उसूल से। रिश्ते बनाने से बड़ा है,उसको निभाना, सीख लो खुश रहना,बगिया की फूल से।।... Hindi 1 133 Share लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर'' 20 Feb 2023 · 1 min read बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है, बाहर जो दिखती है, वो झूठी शान होती है, दिल के एहसास, रिश्तों की जान होती है। सच ही कहते हैं लोग, अच्छे समय में नहीं, मुसीबत में ही अपनों... Quote Writer 1 726 Share