अमित कुमार 63 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 अमित कुमार 12 Jul 2021 · 1 min read कभी तो उदास कभी तो उदास रहना भी अच्छा है , कभी तो आंसू बहाना भी अच्छा है, दिखावटी मुश्कराहट लिए फिरते हैं दुनियां के बहते बहाव से हटकर, कभी तो थम जाना... Hindi · मुक्तक 3 2 265 Share अमित कुमार 12 Jul 2021 · 1 min read वर्षा आज मौसम में एक भीगा सुखद एहसास है तेरा होना भी ऐ, वर्षा ! कहीं आस-पास है। बड़ी शीतल सी अंगड़ाइयां हैं तेरी , अल्हड़ सी हवा के साथ, रोमांचित... Hindi · कविता 3 281 Share अमित कुमार 12 Jul 2021 · 1 min read दर्द से भरा दरिया अथाह दर्द से भरा दरिया हूँ, साथी !!! भूलकर भी कूदने की कोशिश मत करना। ©"अमित" Hindi · मुक्तक 3 609 Share अमित कुमार 12 Jul 2021 · 1 min read छोड़ दो तुम साथ मेरा छोड़ दो तुम साथ मेरा मैं बसेरा हूँ निशा का। तोड़ दो तुम प्यार मेरा मैं अकेला हूँ ईशा का। ये काली रात ढलते ही जाना चले आते ऊषा का।... Hindi · कविता 3 272 Share अमित कुमार 11 Jul 2021 · 1 min read सारा जहां जल रहा ये ज़मीं जल रही है ये आसमां जल रहा है जिधर देखो उधर ही ये सारा जहां जल रहा है। नफरतों की आग का आलम तो देखिए ! सूरज के... Hindi · मुक्तक 3 311 Share अमित कुमार 7 Jul 2021 · 1 min read छोटी सी गलती छोटी सी गलती की भी तू खुश हो सज़ा देता है मुझे उनका क्या हाल होगा? जो पाप किये बैठे हैं । ©"अमित" Hindi · मुक्तक 3 318 Share अमित कुमार 7 Jul 2021 · 1 min read जिस्म और जान जिस्म है जान है और जुदा जुदा भी भगवान है अब इश्क की इबादत कहाँ सिर्फ मान है, अभिमान है। ©"अमित" Hindi · शेर 3 261 Share अमित कुमार 7 Jul 2021 · 1 min read भ्रात्र प्रेम बरसात में आंगन की दीवार क्या टूटी !!! लिपट कर रोये जी भर मुद्दतों बाद मिले थे दो भाई आपस में। ©"अमित" Hindi · मुक्तक 4 2 516 Share अमित कुमार 7 Jul 2021 · 1 min read छोटी बेवफ़ाई अपनापन दिखा कर इतनी बेरुखी ठीक नहीं है साहिब!! मुहब्बत की गली में इसको भी छोटी सी बेवफ़ाई मानी जायेगी। ©"अमित" Hindi · शेर 3 422 Share अमित कुमार 7 Jul 2021 · 1 min read विश्व रंगमंच ये विश्व एक रंगमंच है जीवन एक अभिनय। खेलना सभी को पड़ता है कोई दम से खेलता है और कोई दुम से।। ©"अमित" Hindi · कविता 3 249 Share अमित कुमार 6 Jul 2021 · 1 min read आपदा हर अवसर के लिये सनम !!! तुम खुद एक आपदा हो। ©"अमित" Hindi · हाइकु 4 268 Share अमित कुमार 3 Jul 2021 · 7 min read अनमोल हीरा ★अनमोल हीरा★ कोयले की खान में एक हीरा ऐसे ही पड़ा हुआ था जैसे कूड़ेदान में सोने की गिन्नी पड़ी हो। खान में काम करने वाले मजदूर क्या जाने हीरा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 51 2k Share अमित कुमार 2 Nov 2018 · 1 min read माँ ! तेरा समर्पण शब्दों में, माँ ! कह या कोई रच सकता ? तेरे प्रेम की अनुभूति निराली इससे क्या कोई बच सकता? ब्रम्हांड निःशब्द हो जाता है तेरी ममता का... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 39 1k Share Previous Page 2