Krishna Manshi Tag: कविता 22 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Krishna Manshi 21 May 2024 · 1 min read *जख्मी मुस्कुराहटें* *जख्मी मुस्कुराहटें* बड़ी प्यारी लगती है यह जिंदगी हमारी दिला जाती है कई जख्म न्यारी। हर कदम पर जिंदगी की एक जंग है। हर किसी के पास कई जख्म संग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 43 Share Krishna Manshi 21 May 2024 · 1 min read *खुद को चलना है अकेले* *खुद को चलना है अकेले* बैठे-बैठे सोंचने से नहीं होते है सच सपने। कभी उठकर भी पंखों में हौसला भर अपने। चलते जाने से ही मंजिल मिलेगी एक दिन। बहुत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 23 Share Krishna Manshi 21 May 2024 · 1 min read *ना होना तुम उदास* *ना होना तुम उदास* सपनों के हर उड़ान में अंबर दिखता है नीला। एक बार के प्रयास से गले लग जाए अगर निराशा तब विचलित न होना मार्ग से पुन:... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 20 Share Krishna Manshi 21 May 2024 · 1 min read बारिश की मोतियां *बारिश की मोतियां* बारिश की वो मोतियां लाती है अमीरों में ज्यादा खुशियां गरीबों को दिख जाती है असल दुनिया। जब टपकती है छत से, ये मोतियां ढूंढते रहते हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 34 Share Krishna Manshi 16 May 2024 · 1 min read *वृक्ष लगाओ हर साल* *वृक्ष लगाओ हर साल* तपती है धरती बनकर ज्वाला सी, शहरीकरण के चाहत में उजड़े सब छांव जी। तपती धूप के प्रकोप से, जलते अब हैं पांव जी। वृक्षों से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 33 Share Krishna Manshi 15 May 2024 · 1 min read *रिश्तों में दरारें* *रिश्तों में दरारें* रिश्तों में पल-पल दरारें पड़ते देखा है। गरज बदलते ही रंग बदलते देखा है। सच को झूठ और झूठ को सच करने का हर ढंग बदलते देखा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 32 Share Krishna Manshi 12 May 2024 · 1 min read *मौन की चुभन* *मौन की चुभन* मौन की चुभन सही नहीं जाए, कुछ तो बोलो ओ प्रीतम की, मन भर जाए। आपस में मिलकर करते हैं बातें ना जाने समस्याओं का हल निकल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 42 Share Krishna Manshi 12 May 2024 · 1 min read *मेरी कविता की कहानी* *मेरी कविता की कहानी* बिखरे हुए मन को, कविता में संजोकर बिखरे तारों को एक में बांधकर निखरे हुनर को, शब्दों में पिरोती हूं। जाने अनजाने में कहीं बातों को,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 28 Share Krishna Manshi 10 May 2024 · 1 min read *कदर ना कर सके मेरी वफाओं का* *कदर न कर सके मेरी वफाओं का* हवाएं विपरीत चली तो, तुमने साथ छोड़ा। जख्म मिले हजार तो, तुमने भी दिल तोड़ा। कदर न कर सके, मेरी वफाओं का। पल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 28 Share Krishna Manshi 10 May 2024 · 1 min read *यादें प्रियतम की* *यादें प्रियतम की* 🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️ यह बारिश की बूंदे, यह वर्षा का जल मिट्टियों को देती है ,नया जीवन ,🦚🦜🦩🐧🦆🦤🕊️🦅 कोयल की कूक और पंछियों को हौसला, देती है यह बारिश... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 23 Share Krishna Manshi 10 May 2024 · 1 min read मेरी हर अध्याय तुमसे ही *मेरी हर अध्याय तुमसे ही* कर सम्मान जान अपनापन, खोल बैठी जिंदगी की किताब। ओपन होने लगे हर चैप्टर, समझ आने लगी तुमको मेरी हर अध्याय,,,,,, हर कहानी और किस्से,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 25 Share Krishna Manshi 10 May 2024 · 1 min read *हमारा छत्तीसगढ़ महान है* *हमारा छत्तीसगढ़ महान है* यहां की कला, संस्कृति, छत्तीसगढ़ की शान है । रखना इसे जतन कर, यह हमारी आन है। विभिन्नता लिए यह, हमारी एक पहचान है। भारत का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 21 Share Krishna Manshi 10 May 2024 · 1 min read *हीरा बन चमकते रहे* *हीरा बन चमकते रहे* वे जहर पे जहर घोलते रहे, और हम आगे ही आगे बढ़ते रहे । वे चुनौतियों पर चुनौतियां देते रहे, और हम चुनौतियों पे, चुनौतियां लेते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 20 Share Krishna Manshi 10 May 2024 · 1 min read *साहस और स्वर भी कौन दे* *साहस और स्वर भी कौन दे* हमें साहस पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए साहस भी कौन दे, हमारे संघर्षशील जीवन, साहसिक कविता को स्वर भी कौन दे। लिंग एवम रंग के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 22 Share Krishna Manshi 10 May 2024 · 1 min read *मां तुम्हारे चरणों में जन्नत है* * तुम्हारे चरणों में जन्नत है मां* मां तुम्हारे चरणों में जन्नत है। पर यह जन्नत मेरे नसीब में नहीं मां, क्योंकि हो गई आंखों से ओझल तुम, हो गई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 33 Share Krishna Manshi 10 May 2024 · 1 min read "मां के यादों की लहर" *मां के यादों की लहर* मां तेरा आशीर्वाद बना रहे, हम पर, हर पल, हर दम इस जहां में नहीं है, तू ,पर तुम्हारी यादों की लहर, मेरे आंसुओं के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 49 Share Krishna Manshi 2 May 2024 · 1 min read संवेदना मनुष्यता की जान है * *संवेदना मनुष्यता की जान है* संवेदनशील मनुष्य सजीवता का प्रतीक है। संवेदनविहीन मनुष्य निर्जीवता का प्रतीक है। मनुष्य की इंसानियत, सोच समझ, ही करती उसे, अन्य जीव से अलग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 30 Share Krishna Manshi 2 May 2024 · 1 min read मजदूर दिवस मनाएं *मजदूर दिवस मनाएं* आओ चलें सब 1 मई को, मिलजुल कर मजदूर दिवस मनाएं। सलाम है उनके हौसलों को जो, दो वक्त की रोटी पाने को, मेहनत कर परिवार चलाएं।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 21 Share Krishna Manshi 2 May 2024 · 1 min read मैं मजदूर हूं *1 मई श्रमिक दिवस पर विशेष* *मैं मजदूर हूं* मैं मजदूर हूं, सुन लो मेरी भी पुकार। श्रमदान के बदले ना देना, मुझको अपमान। गरीबी की चादर ओढ़ अपने सपनों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 26 Share Krishna Manshi 2 May 2024 · 1 min read झूठी मुस्कुराहटें *झूठी मुस्कुराहटें* माथे पर लगाकर सिंदूर औरतें, झूठी मुस्कुराहट का मास्क लगाए, दर्द और सच को छुपाए फिरती। सबके उम्मीद के बोझ ढोते-ढोते। रिश्तों के ताने-बाने में उलझे हुए। जिम्मेदारियों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 27 Share Krishna Manshi 2 May 2024 · 1 min read एक मजदूर ने सिखाया *एक मजदूर ने सिखाया* एक मजदूर ने सिखाया मुझकों, हुनर को तराशना। एक मजदूर ने सिखाया मुझकों, गरीबी में पलना। हां वह मजदूर है जिसके हाथों, की लकीरों में दिखती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 25 Share Krishna Manshi 26 Apr 2024 · 1 min read संवेदना मनुष्यता की जान है। * *संवेदना मनुष्यता की जान है* संवेदनशील मनुष्य सजीवता का प्रतीक है। संवेदनविहीन मनुष्य निर्जीविता का प्रतीक है। मनुष्य की इंसानियत, सोच समझ, ही करती उसे, अन्य जीव से अलग... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 42 Share