Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 37 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 1 Jul 2024 · 1 min read कठिन परिश्रम कर फल के इंतजार में बैठ कठिन परिश्रम कर फल के इंतजार में बैठ मंजिलों को ध्यान रख संघर्षमय जीवन बना हार की एक डाल मिलने से ना डर कभी चुनौतियों को स्वीकार करने में ना... Quote Writer 3 387 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 1 Jul 2024 · 1 min read चुनौतियों और परेशानियों से डरकर चुनौतियों और परेशानियों से डरकर कैसे प्रगति मार्ग पर रुक जाऊं मुझे तो समुंदर की गहराइयों तक जाना है लहरों का निमंत्रण स्वीकार करके अपनी कस्ती आगे खुद बढ़ाना है। Quote Writer 2 326 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 29 Jun 2024 · 1 min read बेटियां कदम से कदम मिला रही बेटियां घर परिवार कुल का नाम बढ़ा रही बेटियां पुराने जमाने की तोड़ रूढ़िवादी परंपरा नया जमाना ला रही है बेटियां जाकर हर क्षेत्र में... Hindi · कविता 1 212 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 29 Jun 2024 · 1 min read मन में जीत की आशा होनी चाहिए मन में जीत की आशा होनी चाहिए कर्मों पर अपने भरोसा होना चाहिए मंजिल ना मिले तो निराश ना होना एक बार के असफलता से, हताश न होना कदमों में... Quote Writer 1 354 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 29 Jun 2024 · 1 min read बेवफाई से मिली तन्हाई बेवफाई से मिली तन्हाई दे जाती है जीवन को नई कहानी यह बारिश का पानी और तेरी मेरी कहानी होगी एक दिन सबके जुबानी कटे पंखों के साथ भी उड़ना... Quote Writer 2 434 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 29 Jun 2024 · 1 min read ना तुझ में है, ना मुझ में है ना तुझ में है, ना मुझ में है काबिलियत इतना कि समुद्र की गहराइयों से विश्वास के मोती निकाल ला सके तुझे गुरूर है अपने गुरूर पर और मुझे गुरूर... Quote Writer 1 254 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 29 Jun 2024 · 1 min read हरियाली के बीच मन है मगन हरियाली के बीच मन है मगन मंजिल को पाने लगी है लगन मौसम ने कर दी कम सूरज की तपन बारिश की बूंदे पड़ने से हुआ शीतल मन Quote Writer 1 296 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 28 Jun 2024 · 1 min read घर संसार का बिखरना घर संसार का बिखरना आंख में पड़ा तिनका, पांव में चुभा हुआ कांटा बंद आंखों से देखा हुआ सपना, मन में उथल-पुथल ला देता है। किसी अपने का दूर चले... Quote Writer 1 628 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 21 Jun 2024 · 1 min read सच्ची लगन सच्ची लगन मेहनतकश तन परिश्रम का फल धैर्य, तपस्या और तपन ले जाती है मंजिल के पास असफलता के एक हार को करो स्वीकार सफलता के कई हार होंगे शोभायमान। Quote Writer 1 264 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 21 May 2024 · 1 min read *जख्मी मुस्कुराहटें* *जख्मी मुस्कुराहटें* बड़ी प्यारी लगती है यह जिंदगी हमारी दिला जाती है कई जख्म न्यारी। हर कदम पर जिंदगी की एक जंग है। हर किसी के पास कई जख्म संग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 349 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 21 May 2024 · 1 min read *खुद को चलना है अकेले* *खुद को चलना है अकेले* बैठे-बैठे सोंचने से नहीं होते है सच सपने। कभी उठकर भी पंखों में हौसला भर अपने। चलते जाने से ही मंजिल मिलेगी एक दिन। बहुत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 176 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 21 May 2024 · 1 min read *ना होना तुम उदास* *ना होना तुम उदास* सपनों के हर उड़ान में अंबर दिखता है नीला। एक बार के प्रयास से गले लग जाए अगर निराशा तब विचलित न होना मार्ग से पुन:... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 189 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 21 May 2024 · 1 min read *अपना सरगम दे जाना* *अपना सरगम दे जाना* हर आह में दबी हुई आवाज गीत बन जाती है। हर शायर की शायरी को अल्फाज दे जाती है। तड़पते हैं शब्द मेरे तेरे हुस्न की... Poetry Writing Challenge-3 · Poem 1 199 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 21 May 2024 · 1 min read बारिश की मोतियां *बारिश की मोतियां* बारिश की वो मोतियां लाती है अमीरों में ज्यादा खुशियां गरीबों को दिख जाती है असल दुनिया। जब टपकती है छत से, ये मोतियां ढूंढते रहते हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 226 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 16 May 2024 · 1 min read *वृक्ष लगाओ हर साल* *वृक्ष लगाओ हर साल* तपती है धरती बनकर ज्वाला सी, शहरीकरण के चाहत में उजड़े सब छांव जी। तपती धूप के प्रकोप से, जलते अब हैं पांव जी। वृक्षों से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 186 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 15 May 2024 · 1 min read *रिश्तों में दरारें* *रिश्तों में दरारें* रिश्तों में पल-पल दरारें पड़ते देखा है। गरज बदलते ही रंग बदलते देखा है। सच को झूठ और झूठ को सच करने का हर ढंग बदलते देखा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 235 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 12 May 2024 · 1 min read *उठो,उठाओ आगे को बढ़ाओ* *उठो, उठाओ आगे को बढ़ाओ* मजदूर को करें हालात मजबूर। मेहनतकश जीवन रखें उसे महफूज। इमारत और महलों की नींव रखते नदी नालों पर बांध बनाते। पर्वतों पर जाकर, चट्टान... Poetry Writing Challenge-3 2 273 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 12 May 2024 · 1 min read *मौन की चुभन* *मौन की चुभन* मौन की चुभन सही नहीं जाए, कुछ तो बोलो ओ प्रीतम की, मन भर जाए। आपस में मिलकर करते हैं बातें ना जाने समस्याओं का हल निकल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 256 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 12 May 2024 · 1 min read *मेरी कविता की कहानी* *मेरी कविता की कहानी* बिखरे हुए मन को, कविता में संजोकर बिखरे तारों को एक में बांधकर निखरे हुनर को, शब्दों में पिरोती हूं। जाने अनजाने में कहीं बातों को,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 195 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 10 May 2024 · 1 min read *कदर ना कर सके मेरी वफाओं का* *कदर न कर सके मेरी वफाओं का* हवाएं विपरीत चली तो, तुमने साथ छोड़ा। जख्म मिले हजार तो, तुमने भी दिल तोड़ा। कदर न कर सके, मेरी वफाओं का। पल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 254 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 10 May 2024 · 1 min read *हाले दिल बयां करूं कैसे* *हाले दिल बयां करूं कैसे* नजर से नजर जब मिलती है, नजरों को नजरों से होता है प्यार। नजर से नजर जब मिलती है, नजरों को नजरों से होता है... Poetry Writing Challenge-3 · Poem 2 244 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 10 May 2024 · 1 min read *यादें प्रियतम की* *यादें प्रियतम की* 🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️ यह बारिश की बूंदे, यह वर्षा का जल मिट्टियों को देती है ,नया जीवन ,🦚🦜🦩🐧🦆🦤🕊️🦅 कोयल की कूक और पंछियों को हौसला, देती है यह बारिश... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 190 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 10 May 2024 · 1 min read मेरी हर अध्याय तुमसे ही *मेरी हर अध्याय तुमसे ही* कर सम्मान जान अपनापन, खोल बैठी जिंदगी की किताब। ओपन होने लगे हर चैप्टर, समझ आने लगी तुमको मेरी हर अध्याय,,,,,, हर कहानी और किस्से,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 215 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 10 May 2024 · 1 min read *हमारा छत्तीसगढ़ महान है* *हमारा छत्तीसगढ़ महान है* यहां की कला, संस्कृति, छत्तीसगढ़ की शान है । रखना इसे जतन कर, यह हमारी आन है। विभिन्नता लिए यह, हमारी एक पहचान है। भारत का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 199 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 10 May 2024 · 1 min read *हीरा बन चमकते रहे* *हीरा बन चमकते रहे* वे जहर पे जहर घोलते रहे, और हम आगे ही आगे बढ़ते रहे । वे चुनौतियों पर चुनौतियां देते रहे, और हम चुनौतियों पे, चुनौतियां लेते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 259 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 10 May 2024 · 1 min read *मेरी कविता कहती है क्या* *मेरी कविता कहती है क्या* अंतर्मन का कोना करता पुकार, भावनाओं में बहकर करूं शुरुआत। कविताएं लिखूं और बनाऊं, अपने मन की भावनाओं को, यूं बाहर लाऊ, करते हैं परेशान... Poetry Writing Challenge-3 · Poem 2 237 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 10 May 2024 · 1 min read *साहस और स्वर भी कौन दे* *साहस और स्वर भी कौन दे* हमें साहस पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए साहस भी कौन दे, हमारे संघर्षशील जीवन, साहसिक कविता को स्वर भी कौन दे। लिंग एवम रंग के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 209 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 10 May 2024 · 1 min read *मां तुम्हारे चरणों में जन्नत है* * तुम्हारे चरणों में जन्नत है मां* मां तुम्हारे चरणों में जन्नत है। पर यह जन्नत मेरे नसीब में नहीं मां, क्योंकि हो गई आंखों से ओझल तुम, हो गई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 253 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 10 May 2024 · 1 min read "मां के यादों की लहर" *मां के यादों की लहर* मां तेरा आशीर्वाद बना रहे, हम पर, हर पल, हर दम इस जहां में नहीं है, तू ,पर तुम्हारी यादों की लहर, मेरे आंसुओं के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 418 Share Krishna Manshi (Manju Lata Mersa) 2 May 2024 · 1 min read संवेदना मनुष्यता की जान है * *संवेदना मनुष्यता की जान है* संवेदनशील मनुष्य सजीवता का प्रतीक है। संवेदनविहीन मनुष्य निर्जीवता का प्रतीक है। मनुष्य की इंसानियत, सोच समझ, ही करती उसे, अन्य जीव से अलग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 212 Share Page 1 Next