प्रजापति कमलेश बाबू Language: Hindi 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रजापति कमलेश बाबू 8 Sep 2022 · 1 min read स्कूल का समय 📙📘✏️📚 *स्कूल का समय*🖋️✏️📝🗃️📚 जब स्कूल में पढ़ते थे, तब आपस में हम लड़ते थे बात बात पर कैसे, एक दूसरे से झगड़ते थे। आजकल सब अनजानी हो गई स्कूल... Hindi 2 1 161 Share प्रजापति कमलेश बाबू 14 Dec 2021 · 2 min read पांच मिनट ??पांच मिनट?? एक बार एक व्यक्ति को रास्ते में यमराज मिल गये वो व्यक्ति उन्हें पहचान नहीं सका। यमराज ने पीने के लिए व्यक्ति से पानी माँगा, बिना एक क्षण... Hindi · कहानी 1 496 Share प्रजापति कमलेश बाबू 10 Aug 2021 · 1 min read दिल का हाल दिल का हाल बताना नही आता, हमे ऐसे आपको तड़पाना नही आता, सुनना तो चाहतें हैं हम आपकी आवाज़ को, पर हमे आपसे बात करने का बहाना नही आता। Hindi · शेर 3 497 Share प्रजापति कमलेश बाबू 8 Aug 2021 · 1 min read यादें गांव की छोड़ एसी की हवा,पीपल की छांव में मैं लौट जाना चाहता हूं,फिर से अपने गांव में।। जन-जन का जब गांव में,लगता है चौपाल। सुख-दुख आपस में बांटते,पूछते हैं हाल-चाल।। कोई... Hindi · कविता 4 9 505 Share प्रजापति कमलेश बाबू 4 Aug 2021 · 1 min read साहस जिंदगी की। उठ,चल,तैयार हो, अब ना रह निराश तु। बदल जाएगा वक्त एक दिन, रख जिंदगी पर विश्वास तु।। जो भी है मजबूरियां, उनको बना हथियार तु। कुछ भी है मुश्किल नहीं,... Hindi · कविता 6 8 562 Share प्रजापति कमलेश बाबू 27 Jul 2021 · 1 min read ना तेरा है ना मेरा है क्या राजा क्या रंक हर आदमी हैरान है, जो जहां,जिस पद पर है वह वही परेशान है। सोचते होंगे गरीब की अमीर बहुत खुशहाल है, लेकिन ऐसा नहीं है भैया,... Hindi · कविता 8 12 510 Share प्रजापति कमलेश बाबू 17 Jun 2021 · 1 min read एक नमन उन विरों को ????एक नमन उन वीरों को???? मत भूलो उन वीरों को, जिसने आजाद कराया है। राष्ट्र की रक्षा हेतु, अपना खून बहाया है। लड़ते-लड़ते दुश्मन से, इस धरा पर सो गए।... Hindi · कविता 3 2 290 Share प्रजापति कमलेश बाबू 16 Jun 2021 · 1 min read मदिरा ? ।। मदिरा ।।? अगर दोस्त मिल जाते कहीं पर। तब मदिरा खुल जाता वहीं पर।। लगता है कि अब वही यार है। इंसा़ में नहीं मदिरा में प्यार है।।... Hindi · कविता 4 6 295 Share प्रजापति कमलेश बाबू 16 Jun 2021 · 1 min read आधुनिक होली ?आधुनिक होली? बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया, मांस मदिरा पर भईल बा मार ऐ भईया। बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया।। दूध दही पूरी पकवान;... Hindi · कविता 3 4 358 Share प्रजापति कमलेश बाबू 16 Jun 2021 · 1 min read परिचय एक किसान की ?? *परिचय एक किसान की*?? हैरान हूं,परेशान हूं दर-दर ठोकर खाकर भी खड़ा रहने वाला चट्टान हूं। हालातों से जो हार न माने, मैं वो इंसान हूं हां मैं किसान... Hindi · कविता 6 5 635 Share