Kirti 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kirti 14 Jun 2021 · 1 min read व्यंग्य बारिश के मौसम में जैसे मेढ़क करते टर्र-टर्र। वैसे ही कुछ कवियों को लगता वो हो गए चर-फर।। रचनाओं में ना कोई रस ना भावनाओं का समंदर। पढ़ लिया तो... Hindi · मुक्तक 7 7 739 Share Kirti 25 Jun 2021 · 1 min read "मैं कौन हूँ" "मैं कौन हूँ" दे के मुझे कई उपनाम, कभी दिखा के दिखावटी सम्मान, कभी कर के अपमान, कभी बहला-फुसला कर, कभी डरा-धमका कर, भर दिया मेरे मस्तिष्क मेें, मैं ममता... Hindi · कविता 8 14 751 Share Kirti 14 Jun 2021 · 1 min read "आज के कुछ कवि" कविता "आज के कुछ कवि" कवियों में होड़ लगी उत्तम कवि कहलाने की, कोशिश करते हैं अनगिनत कविता बरसाने की। आलोचना नहीं स्वीकार, कविता रह गई केवल दिखाने की।। लिखते... Hindi · कविता 8 9 627 Share Kirti 16 Jun 2021 · 1 min read दुविधा *मुक्तक* "दुविधा" पढ़-पढ़ कर कवियों को। इच्छा हुई मेरी की मैं भी कुछ लिखूँ। रुक गई इस भय से की, स्वयं का लिखा स्वयं ही ना झेल सकूँ। स्वरचित एवं... Hindi · मुक्तक 8 8 440 Share Kirti 26 Jun 2021 · 1 min read "लेखनी का उद्देश्य" कविता "लेखनी का उद्देश्य" नियमों और व्याकरण से परे, लिखो वही जो हृदय कहे, जो हो सच्चाई से ओत-प्रोत, भावनाएं ही हों जिनका स्रोत, पढ़ जिसे मन में हो उत्तपन्न... Hindi · कविता 7 12 431 Share