Kuldeep mishra (KD) Tag: कविता 78 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Kuldeep mishra (KD) 8 Sep 2020 · 1 min read मति भ्रम! अति भ्रम , मति भ्रम न कोई हमसा , न कोई में हैं हम न बुद्धि ,विवेकम न कोई कमी , हर जगह हमीं हम मैं से पूरित अति, विश्वासी... Hindi · कविता 7 4 470 Share Kuldeep mishra (KD) 6 Sep 2020 · 1 min read आकर्षण का सिद्धांत! “यह कविता मेरे “”आकर्षण के सिद्धांत””( law of Attraction) पर बहुत दिनों से” किये जा रहे लघुशोध को काव्यरूप देने का छोटा सा प्रयास है जिसे मैंने जिज्ञासाओं के माध्यम... Hindi · कविता 3 2 369 Share Kuldeep mishra (KD) 5 Sep 2020 · 1 min read कुछ नूतन करो! क्षण क्षण हर क्षण, पल पल प्रति पल यह ध्यान करो कुछ नया करो यथार्थ में जिओ ,बीता भूलो संबारो भविष्य, इतिहास रचो प्रति स्वांस, स्वांस यह ध्येय रमो निः... Hindi · कविता 6 479 Share Kuldeep mishra (KD) 5 Sep 2020 · 1 min read प्राकृतिक अहसास! क़ुदरती अहसास को काव्य रूप देने का एक छोटा सा प्रयास…… कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन एक ऐसा मिलन मिले ,अंतः करण बाते भी हुई, अहसासों में मिली स्वांस... Hindi · कविता 4 267 Share Kuldeep mishra (KD) 4 Sep 2020 · 2 min read पापा आपकी ,बहुत याद आती है! पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों का तर्पण करते समय पापाजी की बहुत याद आ रही थी,उन्ही यादों को काव्यरूप देने का लघुतम प्रयास। ●पापा आपकी बहुत याद आती है हर... Hindi · कविता 4 2 570 Share Kuldeep mishra (KD) 3 Sep 2020 · 1 min read पितरों का आशीर्वाद है! पितृपक्ष विशेष! जहां जहां श्रध्दा है, वहीं वहीं श्राद्ध है। आज हम जो भी हैं, पितरों का आशीर्वाद है। उन्नति ,सुख-दुःख बैभव, आस और उत्साह है। हो रहा है सब... Hindi · कविता 4 7 823 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Sep 2020 · 1 min read गिलहरी की अंत्येष्टि! प्राकृतिक विद्युत शवदाह हो गया। ●पितृ पक्ष के प्रथम दिवस दो दिवसों से जीवमृत बारिश के हल्के झोंके से प्राकृतिक विद्युत शवदाह हो गया। •वो भटक रही थी दाने की... Hindi · कविता 3 3 346 Share Kuldeep mishra (KD) 30 Aug 2020 · 1 min read जिंदगी कैसी रही! यह कविता मेरे द्वारा अनुभव किये एक घटनाक्रम काव्य रूप है मौत उसके सामने खड़ी मुस्कुरा के उससे कहने लगी जिंदगी कैसी रही थी वो उथले जल भंबर के रूप... Hindi · कविता 6 523 Share Kuldeep mishra (KD) 30 Aug 2020 · 1 min read अंग अंग में जिसके शूल ,अपनी गाथा बतलाता बबूल! अंग अंग में जिसके शूल, अपनी गाथा बतलाता बबूल। हूँ बदनाम कांटो के कारण बनस्पतियों में हूँ ,मैं आसाधारण मेरी पत्तियाँ छाल,फल और फूल , सब में है औषधीय गुणों... Hindi · कविता 4 2 518 Share Kuldeep mishra (KD) 28 Aug 2020 · 1 min read तोते का जलवा! तोते की चोंच वो गाजर का हलवा…. चप चप करती चोंच , ऐसा है इनका जलवा। अंगूर न भाये, न भाये इन्हें जाम , भाता है केवल इनको गाजर का... Hindi · कविता 3 6 306 Share Kuldeep mishra (KD) 25 Aug 2020 · 1 min read झींगुर,झिं-झि ध्वनी करता! ●झींगुर झिं-झि ध्वनी करता। ●छोटे से नाजुक से चौड़े चोड़ें भूरे से दो पंखों से उड़ता कुलाचे भरता। ●कभी बैठता माथे पर कभी हथेली पर कभी कानों के पास आकर... Hindi · कविता 3 690 Share Kuldeep mishra (KD) 22 Aug 2020 · 1 min read टर टर टर टर , करते दादुर! ●टर टर टर टर करते दादुर। शायद हमसे कुछ कहते दादुर। •कहते धरा पर हम भी हैं, है अस्तित्व हमारा भी भूल न जाओ मानव तुम हमको यह बतलाने रहते... Hindi · कविता 7 2 642 Share Kuldeep mishra (KD) 22 Aug 2020 · 1 min read हे बप्पा ,लंबोदर महाराज! ।। गणेश वंदना! ।। गणेश चतुर्थी! ।। ।हे बप्पा ,लंबोदर महाराज, नमन तुम्हें ,आ जाओ गणराज। गजानन ,बिगड़े बनाओ काज , हे बप्पा , लंबोदर महाराज। प्रथमेश्वर ,एकदन्त ,ओमकार, आओ ,सुनो हमारी पुकार। विश्व में सुख और... Hindi · कविता 5 4 464 Share Kuldeep mishra (KD) 20 Aug 2020 · 1 min read बर्षा! ●वर्ष के एक विशेष मौसम में होंने वाली घटना वर्षा । ●बादलो का बनना और बूंदों के रूप में बरसना बर्षा। ●टप टप की आवाज कर आसमान को धरती से... Hindi · कविता 3 300 Share Kuldeep mishra (KD) 18 Aug 2020 · 1 min read अच्छा लगता है "एक खेल" ●अच्छा लगता है जब एक खेल ढलती उम्र के साथ भी, यौवन का अनुभव कराता है। ●अच्छा लगता है जब हजार जिम्मेदारियों वाला बेहद गंभीर चेहरा भी मुस्कुराता... Hindi · कविता 4 2 291 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Aug 2020 · 1 min read स्वांस स्वांस में भारत बसता है। चाह नही सब कुछ पाने की स्वांस स्वांस में भारत बसता है। खुशनसीब हूँ ,आभारी हूँ, जन्मभूमि भारत माता है। -जारी Hindi · कविता 3 277 Share Kuldeep mishra (KD) 4 Aug 2020 · 2 min read हालातों से युद्ध हो हुआ। इस काव्य रचना में उन क्षणों का दर्द है जिसे इस संसार में कोई जब तक नही समझ सकता जब तक वो क्षण उस व्यक्ति की जिंदगी में ना आएं।... Hindi · कविता 5 4 320 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read मित्र ह्रदय का संम्बल है ! मित्रता दिवस विशेष ! सुख में दु:ख में हर मुश्किल में, हंँसकर साथ निभाता है। खड़ी दुपहरी में जो सर पर, बनकर छांँव बचाता है। अवगुण को जो छांँट-छांँट कर मन से दूर भगाता... Hindi · कविता 5 4 382 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read परममित्र ,एक सी जिंदगानी हम तीनों की एक कहानी परममित्र ,एक सी जिंदगानी अनहोनी हुई ,तीनों के साथ में कोई पिता,कोई माँ के सुख से बंचित प्राणी साध्य ,साधन तीनो के एकसम एक लक्ष्य... Hindi · कविता 3 384 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read बहन! रक्षाबंधन विशेष! कौन सी कविता लिंखू बहनों तुम्हारे लिए , कौन सा गीत लिंखू बहनों तुम्हारे लिए तुम ही मेरी कविता ,गीतो की शब्दसः बोली हो , मेरी हर खुशियो की तुम... Hindi · कविता 6 6 670 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read पुलिस सिपाही ,कोरोना योद्धा। पुलिस सिपाही ,कोरोना योद्धा, बहुशः सभी का अभिनन्दन। संकटकाल में बुलंद हौसले, बारम्बार आप सब को वंदन। घर परिवार का मोह त्यागकर, मानव धर्म का कर विस्तार। भूख प्यास तज,कर्म... Hindi · कविता 3 2 235 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read प्रयत्न कर, तू हल निकलेगा प्रयत्न कर, तू हल निकलेगा आज नहीं तो, कल निकलेगा। अर्जुन के तीर सा, तू सध, मरूस्थल से भी, जल निकलेगा। मेहनत कर, सपने रूपी पौधों को पानी दे, बंजर... Hindi · कविता 4 4 470 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read गुरु ईश का रूप धरा पर गुरु ईश का रूप धरा पर जग को यही चलाते है। पंचतत्व के पुतले को, नर से भगवान बनाते हैं। बचपन में , प्रथम रूप में, माँ बनकर के आते... Hindi · कविता 2 4 270 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read स्वयं का स्वयं बचाव करो! एक विषाणु जो है जन्मा, हमारी मानवीय भूल से। पड़ा विश्व खतरे में , जिसके भीषण शूल से। अब रहना होगा संयमित , खुद के प्रति होकर संकल्पित। तभी होगा... Hindi · कविता 2 4 246 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read इश्क़ हो गया। अजीब कशमकश में है परीक्षार्थी ए जिंदगी मंजिल की तलाश में सफर से इश्क़ हो गया ये उम्र थी , इश्क ,प्यार मोहब्बत, जताने की हम लगे रहे पढ़ाई में... Hindi · कविता 2 325 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read खुला लोकतंत्र हमारे लिए , हमारे द्वारा हमारा भविष्य निर्माता, ज्ञानार्जन हेतु वेदमंत्र खुला लोकतंत्र ,सफलता का मंत्र मंजिल जब हो निकट हमारे , हर यत्न हो रहा हो विफल। राह दिखाता... Hindi · कविता 2 282 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read मैं स्वयं एक संसार हूँ! ईश का , स्यम्भू का उस ,सर्वशक्तिमान का अंश हूँ, आकार हूँ, मैं स्वयं एक संसार हूँ। जीवन-धारा में प्रवाहित, जीवन का संचार हूँ। जगत मे जीता-जागता, ब्रह्माण्ड का आधार... Hindi · कविता 3 2 387 Share Kuldeep mishra (KD) 2 Aug 2020 · 1 min read ।सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ । हे मैया ,शारदे माँ, ज्ञान दे ,विज्ञान दे। तम को दूर कर सकूं , मुझको ये वरदान दे। मुझको हे वागीश्वर।, लाड़ दे , दुलार दे। कठिनाइयों से लड़ने का,... Hindi · कविता 5 4 665 Share Previous Page 2