डॉ. कंवर करतार 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. कंवर करतार 15 Jun 2021 · 1 min read पहुँचूं मैं कैसे प्रियतम के आंगन -गीत पहुँचूं मैं कैसे प्रियतम के आंगन -गीत ( पहाड़ में रिवाज -नव दुल्हन अपनी पहली बरसात मायके में गुजारती है- उसके विरह ग्रस्त मन की व्यथा ) स्पर्श-स्वाद-स्वर-आँख-गंध में साजन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 2 346 Share डॉ. कंवर करतार 4 Jan 2020 · 1 min read सज सँवर अंजुमन में वो गर जाएँगे ग़ज़ल- सज सँवर अंजुमन में वो गर जाएँगे देख परियों के चेहरे उतर जाएँगे जाँ निसार अपनी है तो उन्हीं पे सदा वो कहेंगे जिधर हम उधर जाएँगे ऐ !... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 246 Share