Kavi Kuldeep Prakash Sharma Tag: कविता 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read कवि बनने का राज मैं इक सीधा साधा बच्चा था। पढ़ने में बहुत न अच्छा था।। तो इक दिन मिली मुझे माया। संगेमरमर थी उसकी काया।। देख उसे पेड़ में एक नया फूल खिल... Hindi · कविता 357 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read अर्थी-सच्चे प्रेमी की जिस दिन उठेगी तेरी डोली,किसी और के घर; उस दिन इस मजनू की अर्थी उठेगी; फूल तुझ पर भी लोग बरसाएंगे; फूल मुझ पर भी लोग बरसाएंगे; अंतर सिर्फ इतना... Hindi · कविता 506 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read नववर्ष-जिंदगी का एक वर्ष कम एक वर्ष जिंदगी का,दोस्तों कम हो गया है। पुरानी यादों पे फिर से,मरहम हो गया है।। कुछ तमन्नाएं थी दिल में,दिल में ही रह गयी। तो कुछ बिन माँगे ही... Hindi · कविता 343 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर कविता चला गया वो आधुनिक;भगवान हमारा। धरती सूनी हुई है;जग सूना हुआ हमारा।। चले गए भगवान वो;तो जहाँ सारा रोया है। देखो यारो मेरे देश ने;कलाम को खोया है।। देश का... Hindi · कविता 759 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read महात्मा गाँधी जयंती पर कविता अहिंसा के पुजारी गाँधी को; नमन हमारा है। ये देश है बलिदानों का;जो प्राणों से प्यारा है।। देखा था बापू जी ने ;जो देश खातिर सपना। किये कई आंदोलन पर;हुआ... Hindi · कविता 207 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read स्वामी विवेकानंद जयंती पर कविता आओ युवाओं फिर से,आज हम लेखनी चलाते है। शत-शत नमन करें उनको,विकेकानंद जो कहलाते है।। माता भुवनेश्वरी और पिता विश्वनाथ घर,था जन्म पाया। निर्भीकता और कुशाग्रबुद्धि से,था कइयों को चोकायाँ।।... Hindi · कविता 618 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read महिला सशक्तिकरण दिवस पर कविता महिलाओं तुम आगे आओ,है जरूरत तुमको सशक्त बनने की। आ गयी है बारी अब,इस समाज की संकीर्ण सोच बदलने की।। महिलाओं स्वयं तुमको ही खुद आगे बढ़ना होगा। हो युगों-युगों... Hindi · कविता 337 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read बदलते दिन-माँ-बाप पर कविता सब देवो में सबसे पहले पूजे जाते है,श्री गणेश भगवान। की मात-पितु परिक्रमा ब्रह्माण्ड सम,कहा मात-पितु महान।। याद कर अपने बचपन को,तू मेरे लाल। रखती थी ध्यान माँ तेरा,जो हर... Hindi · कविता 503 Share Kavi Kuldeep Prakash Sharma 28 Feb 2018 · 1 min read जिंदगी से पश्चाताप आज मैं अपनी जिंदगी का सबसे प्यारा गीत अर्ज करता हूँ, सभी का जीवन बहुत महत्वपूर्ण(स्वर्णिम) है, इस गीत में अर्ज किया है कि व्यक्ति आत्महत्या करते समय अपनी जिंदगी... Hindi · कविता 468 Share