Karuna Goswami 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Karuna Goswami 23 Nov 2024 · 1 min read जो मिला उसे स्वीकारो या बदलाव करो, जो मिला उसे स्वीकारो या बदलाव करो, यू कुन्ठित होकर जीवन ना बर्बाद करो।। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° हर परिवर्तन कुछ ना कुछ तो सिखलाता है, उसी परिवर्तन से सीखो, यूं ना आँह... Hindi · कविता 4 6 103 Share Karuna Goswami 19 Nov 2024 · 1 min read धीरे-धीरे कदम बढ़ा नयी डगर पर चलना है,निश्चित बाधा तो आएगी। नया सफर और नई डगर, थोड़ा तो तुम्हें सताएगी। नई जगह पर रहना हो तो,विचलित ना हो जाना तुम। ***************************************** धीरे-धीरे कदम... Hindi · कविता 6 3 126 Share Karuna Goswami 31 May 2024 · 1 min read समस्याओं की मेजबानी इतने बेहतर ढंग से कि मेने समस्याओं की मेजबानी इतने बेहतर ढंग से कि मेने कि वह बार-बार आ जाती है मेहमान बन के बेशक इन समस्याओं से परेशान रहती हूं मैं पर यह मुझे मेरे... Poetry Writing Challenge-3 · कोटेशन 5 1 147 Share Karuna Goswami 31 May 2024 · 1 min read क्यों इन आंखों पर चश्मे का पर्दा लगाए फिरते हो , क्यों इन आंखों पर चश्मे का पर्दा लगाए फिरते हो , कोई राज है क्या इनमें जो छुपाए फिरते हो । सुना है तुम्हें डर है बदनाम होने का शायद,... Poetry Writing Challenge-3 · कोटेशन 3 133 Share Karuna Goswami 31 May 2024 · 1 min read समय की प्यारे बात निराली । समय की प्यारे बात निराली । समय का पहिया सब पर भारी। दौड़ दौड़ कर नाच नचाए। हरदम ढूंढे अपनी बारी। Poetry Writing Challenge-3 · कोटेशन 1 137 Share Karuna Goswami 31 May 2024 · 1 min read कलम तो उठा ली, कलम तो उठा ली, चिराग भी जलाया। जैसे ही कलम को कागज पर लगाया, तभी तुम्हारा नाम जहन में आया, कलम तो मेरी आगे ना बड़ी, पर पूरा खत आंसुओं... Poetry Writing Challenge-3 · कोटेशन 2 2 136 Share Karuna Goswami 31 May 2024 · 1 min read जीवन का बस यही फसाना , जीवन का बस यही फसाना , पल पल इसका घटते जाना । अंत समय कुछ ऐसा लिख दूं, जिसे याद करे सारा जमाना। Poetry Writing Challenge-3 · कोटेशन 137 Share Karuna Goswami 31 May 2024 · 1 min read यह तापमान क्यों इतना है यह तापमान क्यों इतना है क्यों सूरज है गुस्साया सा कुछ तो भूल हुई हमसे जो इतना है गरमाया सा और काट लो सारे वृक्ष और बना लो वन को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 204 Share Karuna Goswami 31 May 2024 · 2 min read मेरी दादी मुझसे बहुत लाड़ लडाती थी। मेरी दादी मुझसे बहुत लाड़ लडाती थी। वह हर वक्त मुझे नए-नए नामों से बुलाती थी । जैसे मानो उसे मेरा नाम पता ही न हो जब भी मम्मी मुझे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 180 Share Karuna Goswami 27 May 2024 · 1 min read माँ सरस्वती वंदना वीणा वादिनी ,मातु सरस्वती, स्वर सम्राज्ञी तुम्हें नमन । तुम्हरे आशीर्वाद से माता सबकी बुद्धि हो पावन। कुंभकरण ने किया तप भारी, इंद्रलोक पर दृष्टि डारी । तुम ज्यों ही... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 3 271 Share Karuna Goswami 27 May 2024 · 1 min read लगता है🤔 दुख मेरे मन का लगता है🤔 दुख मेरे मन का मकान मालिक बनकर बैठा है और खुशियां किराएदार 😞 जो आती तो बड़ी मुश्किल से हैं पर जब चाहे तब चली जाती है यह... Poetry Writing Challenge-3 · हास्य 125 Share Karuna Goswami 27 May 2024 · 1 min read बेशक उस शहर में हम अनजान बन के आए थे । बेशक उस शहर में हम अनजान बन के आए थे । आंखों में सपना और मन में जज्बात भर के लाए थे। तुमने भी हमें बड़े सम्मान और प्यार से... Poetry Writing Challenge-3 · कोटेशन 149 Share Karuna Goswami 27 May 2024 · 1 min read सडा फल मेरे पापा ने भी एक आम का वृक्ष लगाया था । अपने अनुभव के जल से पल-पल उसे सजाया था। फिर अब फल आने की बारी थी मन उनका हरषाया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 206 Share Karuna Goswami 25 May 2024 · 1 min read एक छोटी सी मुस्कान के साथ आगे कदम बढाते है मुश्किलों से डर कर जब हम हार जाते हैं। तभी अंतरमन में आशा की एक किरण जगाते है। ***********और यह सब तभी होता है जब हम एक छोटी सी मुस्कान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 159 Share Karuna Goswami 24 May 2024 · 1 min read वह प्रेम तो उससे करती, पर विवाह न करती वह प्रेम तो उससे करती, पर विवाह न करती तो क्या वह राधा कहलाती। गर उसकी याद में दर दर भटकती , तो क्या वो मीरा कहाती। और अगर उसके... Poetry Writing Challenge-3 1 130 Share Karuna Goswami 23 May 2024 · 1 min read रेस गधे और घोड़ों को रेस में दौड़ना था । और प्राथमिकता यह थी, कि गधों को ही प्रथम स्थान लाना था। कुछ शिक्षक, कुछ चिकित्सक, कुछ व्यापारी और कुछ मंत्रीगण... Poetry Writing Challenge-3 · हास्य-व्यंग्य 119 Share Karuna Goswami 23 May 2024 · 1 min read मजबूत हाथों से कच्चे घरौंदे बना रहे हैं। मजबूत हाथों से कच्चे घरौंदे बना रहे हैं। और और अपने घरों में अल्ट्राटेक सीमेंट लगा रहे हैं । मोटी रकम लेकर नकल कर रहे हैं । और स्वयं के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 117 Share Karuna Goswami 23 May 2024 · 1 min read चार दिन की जिंदगी चार दिन की जिंदगी है खुल के जियो, इसी विचार ने उन्हें निकम्मा बना दिया। जब पांचवें दिन मरना ही है, तो ऐसी ऐश की, कि चार दिन में पूरा... Poetry Writing Challenge-3 · कोटेशन 137 Share Karuna Goswami 20 May 2024 · 1 min read उम्मीद की नाव उम्मीदों की नाव बनाकर उस पर बैठा मन का परिंदा। विपदा बाधा टल जाएगी धीरज तो धर तू थोड़ा सा ।। खुद को क्यों तू कमतर आकें करता हरदम नम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 150 Share Karuna Goswami 19 May 2024 · 1 min read मैं कुछ दिन घर से दूर क्या गई , 😠 मैं कुछ दिन घर से दूर क्या गई , 😠 इंसान तो छोड़ो 🤔घर का सामान भी मुझसे रुसवा हो गया। कुर्सी पर बैठी तो वह मेरी याद में एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 124 Share Karuna Goswami 15 May 2024 · 1 min read लुटेरा ख्वाब जब बंधे हम तुम बंधन में ,तुमने एक खवाब दिखाया था। बोले थोड़ा पढ़ लिख लो तुम तुमने यह स्वप्न सजाया था । फिर जॉब लगी सरकारी ,जॉइनिंग में ट्राइबल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 164 Share Karuna Goswami 15 May 2024 · 1 min read नव संवत्सर स्वागत स्वागत स्वागत नव संवत्सर। नव वर्ष के स्वागत में हम सब हैं नतमस्तक ।। चैत्र पक्ष की शुक्ल प्रतिपदा में यह पर्व मनाते। हिंदू भगवा धारण करके संघ का... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 193 Share Karuna Goswami 15 May 2024 · 1 min read सत्य कहां सत्य सत्य सत्य सत्य सत्य ढूंढता मना (मन) सत्य के अनेक सत्य सत्य बाकी फिर कहां भोगी को देख ले जो भोग लगे सर्व सत्य योगी के साथ बैठ योग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 108 Share Karuna Goswami 15 May 2024 · 1 min read मुझको तो घर जाना है मुझसे मेरी बिटिया कहती कितना और कामना है । क्या इतना भी भूल गई मां वापस घर भी आना है।। नहीं चाहिए नए खिलौने ना कोई भी इच्छा है, भाई... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 178 Share Karuna Goswami 13 May 2024 · 1 min read ऋतु बसंत प्रकृति ने की है संपूर्ण तैयारी, अब है ऋतु बसंत की बारी। सरसों ने स्वागत में इसके पीली चादर डारी, शीत ऋतु अब आसान छोड़ो, है ऋतुराज की बारी, अब... Poetry Writing Challenge-3 · Poem 2 153 Share Karuna Goswami 12 May 2024 · 1 min read स्क्रीनशॉट बटन 🤔काश मेरे दिमाग में कोई स्क्रीनशॉट जैसा विकल्प होता। 🤗 तो मैं सहेज पाती उन विचारों को और खींच लेती चलचित्र उन विचारों का जो वे वक्त चले आते हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 157 Share Karuna Goswami 11 May 2024 · 1 min read मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का पहले दिन, फिर हफ्ते ,फिर महीने और अब ये साल खत्म होने का, मुझे इंतजार है इंतजार ............. जीवन का हर एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 202 Share