Tag: ग़ज़ल/गीतिका
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ग़ज़ल
kamni Gupta
हर शख्स अब मुझसे दूर हुआ जाता है।
kamni Gupta
स्तिम मैं चुपचाप सहता तो अच्छा था।
kamni Gupta
ग़ज़ल(आजकल)
kamni Gupta
लगता है !
kamni Gupta
सच यह भी झुठला नहीं सकता !
kamni Gupta
ग़ज़ल
kamni Gupta
ग़ज़ल
kamni Gupta
ग़ज़ल
kamni Gupta
बेटियां
kamni Gupta
तिरंगा
kamni Gupta
श्याम
kamni Gupta
खामोश अकसर जब भी मैं रहता हूँ
kamni Gupta
जो रोज़ बड़ों का अपने आशिष पाते हैं
kamni Gupta
कौन किसी के लिए रोता है
kamni Gupta
चेहरा मेरा आया होगा
kamni Gupta
कुछ गीला लिखा नहीं है
kamni Gupta
जिसे चाहकर भी भुलाया न गया
kamni Gupta
याद इक किस्सा पुराना आ गया
kamni Gupta
चाँद तुमको समझने लगे हैं।
kamni Gupta
ज़िन्दगी गुज़रती होगी
kamni Gupta