kamni Gupta 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 kamni Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल हवाएं भी कहीं नदी का रुख बताती तो हैं। खामोशी से ही मगर पैगाम दे जाती तो हैं। तुम क्या समझोगे लहरों की इस बेचैनी को; रह रह कर साहिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 249 Share kamni Gupta 30 Jul 2016 · 1 min read कौन किसी के लिए रोता है कहीं चाहतों का असर बेशुमार होता है। पर सच में कौन किसी के लिए रोता है। बदल भी ले कोई राहें अपनी मर्ज़ी से मगर काटता वही इन्सान जो वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share kamni Gupta 1 Aug 2016 · 1 min read जो रोज़ बड़ों का अपने आशिष पाते हैं जो रोज़ बड़ों का अपने आशिष पाते हैं। कांटे उनकी राहों से खुद हट जाते हैं । है मान हमें अपनी सभ्यता पर भी जैसे आओ गुण औेंरों के हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share kamni Gupta 8 Jul 2016 · 1 min read चाँद तुमको समझने लगे हैं। वो तूफानों से यूूं दूर रहने लगे हैं। संभल के बहुत वो चलने लगे हैं। मिला जब से फरेब अपनो से है हर कदम पे रूक के चलने लगे हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share kamni Gupta 7 Jul 2016 · 1 min read इंतज़ार आज भी इंतज़ार में वो आंगण तुम्हारा है, बचपन को तुम्हारे याद अब भी वो करता है, तुम व्यस्त हो खबर यह गांव की मिट्टी को भी है, जिसकी सौंधी... Hindi · कविता 231 Share Previous Page 2