Kamini Khurana 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kamini Khurana 15 Jun 2023 · 1 min read " जी लो यारों कुछ कहने का, कुछ सुनने का,कुछ करने का वक्त न अब तुम ढूंढो यारों कठपुतली का खेल है जग ये,कब गिरकर फिर उठ न सकेंगे अनुमान नहीं है इसका यारों... Poetry Writing Challenge 4 220 Share Kamini Khurana 2 Jun 2023 · 1 min read नारी का जीवन स्वछन्द परिन्दों सी उड़ान का सु -स्वप्न था देखा नहीं था विदित कि इतनी सीधी नही होती ,भाग्य रेखा न जाने कब फ़र्ज़ो केपिंजरे में कैद हो गयी उसको बनानी... Poetry Writing Challenge 4 2 395 Share Kamini Khurana 15 Jun 2023 · 1 min read """" मैं और मेरी तन्हाई """" हां तन्हाई.... जरूरी है जीवन में तभी तो स्वयं से रू-ब-रू हो पाती हूं मैं तभी तो अपने अंतर्मन को सुन पाती हूं मैं अन्यथा तो अपनी आत्मा को... Poetry Writing Challenge 3 274 Share Kamini Khurana 2 Jun 2023 · 1 min read सकारात्मकता गुज़र जायेगी विपदा की ये घड़ियां भी यूं ही गुज़र जायेगी विपदा की ये घड़ियां भी यूं ही वक्त भी कभी थमता है कहीं, प्रकृति की तो प्रथा है यही... Poetry Writing Challenge 2 171 Share Kamini Khurana 4 Jun 2023 · 1 min read " ज़िन्दगी का सत्य" हर इन्सा इक मुसाफिर है यहाँ नहीं पता किसी को गन्तव्य है कहाँ दिशाहीन है हम सब यहाँ क्योंकि हमें स्वयं नहीं पता कि आखिरी पडाव हैं कहाँ ? अनवरत... Poetry Writing Challenge 2 99 Share Kamini Khurana 25 May 2023 · 1 min read "दोस्तों की महफिल" यारों की महफिल का तो अलग ही होता है अहसास, यहाँ तो सबके मिज़ाज होते हैं बिंदास लौट जाते हैं हम अपने पुराने दिनों की यादों में क्योंकि वही दिन... Poetry Writing Challenge 1 154 Share Kamini Khurana 14 Jun 2023 · 1 min read " सकारात्मकता का दीप" सूखी शाख पर झांकती कपोलों को देखा,तो ये ख्याल आया कि ज़िंदगी का सफर भीतो है इसी की है प्रतिछाया आज है पतझड़ तो कल बसन्त भी आयेगा सूखा पड़ा... Poetry Writing Challenge 1 2 173 Share Kamini Khurana 13 Jun 2023 · 1 min read " रामराज्य की पुनर्स्थापना" फैली चंहू ओर आज ये अराजकता क्यूं हर कोई धनार्जन की होड़ मे व्यस्त क्यूं है भाई ही बना भाई की जान का दुश्मन क्यूं है पुरुष बना स्री की... Poetry Writing Challenge 1 196 Share Kamini Khurana 8 Jun 2023 · 1 min read " प्रभु वंदना" प्रभु जी मेरी नैय्या पार लगाओ बीच भंवर में फंस गई आकर तार कराओ प्रभु जी मेरी नैय्या पार लगाओ ये तो जग है झूठा सारा तेरा ही नाम सांचा... Poetry Writing Challenge 1 1 381 Share Kamini Khurana 6 Jun 2023 · 1 min read " पर्यावरण" *उठो, जागो* इस धरा को प्रदूषण से मुक्त करायें हम वक्त है अभी भी, जागरूकता का संदेश फैलाये हम आधुनिकता की परिभाषा में बंजर हुई धरती को फिर से लहलहाये... Poetry Writing Challenge 1 184 Share Kamini Khurana 4 Jun 2023 · 1 min read " पिता की स्मृति" पापा आप हमें बहुत याद आते हैं आपके कहे शब्द हमें आज भी सुहाते हैं आपके दिये संस्कार आज भी काम आते हैं आपकी दी शिक्षा से ही तो असंभव... Poetry Writing Challenge 1 117 Share Kamini Khurana 22 May 2023 · 1 min read कल हो न हो जाने कौन सी मुलाकात, आखिरी हो जाये जाने यह क्षण कब बीता हुआ पल हो जाये जी लो जी भर कर इन लम्हों को दोस्तों न जाने कब, यह बात... Poetry Writing Challenge 1 1 194 Share Kamini Khurana 19 May 2023 · 1 min read मां को समर्पित अतीत के झरोखों से यादो के धुन्ध में झांका तो धुंधली सी छाया में , मां का चेहरा था नज़र आया उन्ही के कारण ही तो, मैने ये अस्तित्व है... Poetry Writing Challenge 1 115 Share Kamini Khurana 25 May 2023 · 1 min read स्वतन्त्रता स्वतन्त्रता का अर्थ शायद सबके लिये अलग होता है, तो मैं स्वतन्त्रता को लेकर क्या सोचती हूँ, उसके लिये पंक्तियाँ लिखी हैं ,भाव है----- स्वतन्त्रता सामाजिक कुरीतियो एवं सामाजिक अत्याचारो... Poetry Writing Challenge 1 74 Share Kamini Khurana 30 May 2023 · 1 min read "स्वतंत्रता दिवस" कुर्बान हुए जो इस जननी पर, क्यूं भूल उन्हें हम जाते हैं याद करने को फिर उनकी गाथा. क्यूं एक दिवस ही पाते हैं। हर रोज जिन्होंने दिया रक्त, हिन्द... Poetry Writing Challenge 168 Share Kamini Khurana 21 May 2023 · 1 min read *जिन्दगी का सत्य हर इंसान इक मुसाफिर है यहाँ नहीं पता किसी को गन्तव्य है कहाँ दिशाहीन ही तो है हम सब यहाँ क्योंकि हमें स्वयं नहीं पता कि आखिरी पडाव हैं कहाँ... Poetry Writing Challenge 123 Share Kamini Khurana 28 May 2023 · 1 min read मेरा प्यार इस दिल की धड़कन हो तुम, मेरी श्वास भी तुम तुम हो आधार मेरे जीवन संचार के मेरा चैन हो तुम, मुस्कान भी तुम तुम हो स्तम्भ मेरे विश्वास के... Poetry Writing Challenge 111 Share Kamini Khurana 28 May 2023 · 1 min read कर्तव्य उम्मीदों के साये में जी रहे थे हम फर्ज की लड़ियों में मोती पिरो रहे थे हम उद्देश्य था उस कड़ी को पूर्ण करना, क्योंकि उसकी पूर्णता, मे ही अपनी... Poetry Writing Challenge 90 Share Kamini Khurana 28 May 2023 · 1 min read बचपन भागती हुयी जिन्दगी में आज फिर बचपन है याद आया पिता का वह स्नेह भरा स्पर्श फिर कहाँ है मैनें पाया माँ का आँचल और ममत्व याद कर उस अनुभूति... Poetry Writing Challenge 67 Share Kamini Khurana 13 Jun 2023 · 1 min read सरहद पे सिपाही को होता है शायद अनहोनी का पूर्वाभास सरहद पे सिपाही को होता है शायद अनहोनी का पूर्वाभास तभी तो लिखा ये खत उसने अपने कुछ यारों को खास यारों मेरी शहादत की खबर देने का कुछ अलग... Poetry Writing Challenge 195 Share Kamini Khurana 28 May 2023 · 1 min read मां और सासू मां इक माँ थी जन्मदायनी दुजी को था विवाहोपरान्त पाया दोनों ही को था इक दूजे के समान पाया इसीलिये तो था ममता का तात्पर्य और भी गहराया एक थी की... Poetry Writing Challenge 117 Share Kamini Khurana 15 Jun 2023 · 1 min read " जीवन चक्र" जिन्दगी……………………….एक पहेली है! ये कल भी अकेलीथी, आज भी अकेली है यूँ तो सफर मे मिलें हम सफर अनेक, पर व्यस्तता के चक्रव्यूह मे खो गये प्रत्येक सीमित साधनो का... Poetry Writing Challenge 240 Share Kamini Khurana 15 Jun 2023 · 1 min read """"" पथिक"""""" हे पथिक,,,,,,, अकेले है तू आया, अकेले ही है जाना जिन्दगी के पथ मे है 'अनेक कर्मों को निभाना राह मे बाधाएँ आयेगी असंख्य उन सबसे स्वयं ही तो है... Poetry Writing Challenge 85 Share Kamini Khurana 21 May 2023 · 1 min read ज़िन्दगी की गणित कितने अनभिज्ञ थेजिन्दगी की गणित से हम तुम सुलझा लेंगे हर प्रश्नावली यही सोचे थे हम तुम असंख्य गुणा-भाग के बाद भी उत्तर न मिला तो समझे कि कितने नासमझ... Poetry Writing Challenge 111 Share Kamini Khurana 21 May 2023 · 1 min read परिवर्तन हमने वक्त को बदलते देखा है ममत्व के अर्थ को अर्थहीन विश्वास को शीशे की तरह चकनाचूर होते देखा है। समय की विडम्बना कहे या कहें खेल किस्मत का, हमनें... Poetry Writing Challenge 114 Share