Vinit kumar Tag: ग़ज़ल 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vinit kumar 12 Oct 2024 · 1 min read शिक़ायत है, एक नई ग़ज़ल, विनीत सिंह शायर कल तक तो कहते थे उन्हे मुझसे मुहब्बत है आँखों में उनकी आज फिर ये क्यों बगावत है बहकता तो नहीं था मैं कभी भी जाम से इतना साक़ी तेरे... Hindi · ग़ज़ल 35 Share Vinit kumar 7 Jun 2024 · 1 min read चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर) आँखों पे अपनी ज़ुल्फ का पहरा लगाए हैं इस दिल पे मेरे घाव जो गहरा लगाए हैं ग़म भरी आँखों पे उनकी हँसी है क़ायम जैसे चेहरे पे एक और... Hindi · ग़ज़ल · शेर 96 Share Vinit kumar 5 Jun 2024 · 1 min read नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar दीवानों का ठिकाना चल रहा है तेरे पीछे ज़माना चल रहा है भूलना तो हमें आया ही नहीं वही रोना रुलाना चल रहा है ज़रा नाज़ुक है तबिअत हमारी वैसे... Hindi · ग़ज़ल 2 80 Share Vinit kumar 1 Jun 2024 · 1 min read आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर भेजा जो किसी ने हमें मुरझा हुआ गुलाब क्या बात है कि आप हमें याद आ गएँ देखा जो किसी को किसी की बाहों में आज क्या बात है कि... Hindi · ग़ज़ल 1 89 Share Vinit kumar 19 May 2024 · 1 min read हिज़ाब को चेहरे से हटाएँ किस तरह Ghazal by Vinit Singh Shayar सरेआम हक़ उन पर जताएँ किस तरह दिल की बात अपनी बताएँ किस तरह जुल्फें हैं कि उड़ उड़ के आती है आँख पे पूनम पे छाया बादल हटाएँ किस... Hindi · ग़ज़ल · शेर 104 Share Vinit kumar 22 Apr 2024 · 1 min read रफ़्ता रफ़्ता (एक नई ग़ज़ल) बनके हमारे दिल के मेहमान रफ़्ता रफ़्ता वो कर रहे हैं मुझ पे अहसान रफ़्ता रफ़्ता संग उसके ही हमारा अब आख़िरी सफ़र हो सजने लगे हैं दिल में अरमान... Hindi · ग़ज़ल 102 Share Vinit kumar 28 Feb 2024 · 1 min read कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar हमारे दिल को ना जाने कब आराम आएगा बेसबब कब तक लब पे तुम्हारा नाम आएगा कभी आना हुआ तेरा हमारे कब्र के तरफ़ दुपट्टा छोड़ कर जाना हमारे काम... Hindi · ग़ज़ल · दर्द शायरी 1 186 Share Vinit kumar 25 Jan 2024 · 1 min read शिक़ायत (एक ग़ज़ल) हक़ीक़त में हुई है आप से क़यामत हो गई है आप से गृह प्रवेश दिल में हमारे विधिवत हो गई है आपसे दोस्ती निभ नहीं सकती है अब मोहब्बत हो... Hindi · ग़ज़ल · शायरी 149 Share Vinit kumar 28 Oct 2023 · 1 min read दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर किसी के हाथ में जैसे कोई ख़ैरात आई है बजी सहनाइयाँ घर उसके बारात आई है तुम्हे गर भूल ना जाते शराबी बन गए होते तुम्हारी याद भी ज़ालिम तुम्हारे... Hindi · ग़ज़ल 1 329 Share Vinit kumar 12 Sep 2023 · 1 min read आवाज़ दीजिए Ghazal by Vinit Singh Shayar कुछ दूर से सही पर आवाज़ दीजिए नई दोस्ती का फिर से आग़ाज़ कीजिए साथ रह के बढ़ गई नज़दीकियाँ बहुत किसी बहाने उनको नाराज़ कीजिए वो पूछते नहीं हैं... Hindi · Hindi Shayari · ग़ज़ल 1 323 Share Vinit kumar 5 Aug 2023 · 1 min read फिर से तन्हा ek gazal by Vinit Singh Shayar मैं पहले की तरह फिर से तन्हा हो गया यारो सुबह सुबह मेरा उनसे झगड़ा हो गया यारो घटा के बिन नहीं मुमकिन है ये बरसात कैसे हो हमारे बीच... Hindi · ग़ज़ल 1 238 Share Vinit kumar 10 Apr 2023 · 1 min read आँख अब भरना नहीं है दिल उसके नाम अब करना नहीं है हमें फिर उसपे तो मरना नहीं है हमें मजबूर ना कर दें वो आँखें हमें इन बातों से डरना नहीं है गोगल डाल... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 258 Share Vinit kumar 23 Mar 2023 · 1 min read अब किसे बरबाद करोगे gazal/ghazal By Vinit Singh Shayar काँपते होठों की फ़रियाद याद करोगे देख लेना तुम इक रोज हमें याद करोगे जानते हैं तेरे छोड़ के जाने का सबब हम इतना बता दो अब किसे बरबाद करोगे... Hindi · ग़ज़ल 1 186 Share Vinit kumar 18 Feb 2023 · 1 min read शायरी संग्रह नई पुरानी शायरियां विनीत सिंह शायर मुँह फेर कर उसकी गली से गुज़रते हो मिजाज़ में इतनी सख़्ती भी ठीक नहीं है हम कह रहे हैं आदमी ये धोकेबाज़ है हमसे ज़ियादा हमको नहीं जानती हैं... Hindi · ग़ज़ल 216 Share Vinit kumar 4 Feb 2023 · 1 min read हज़ारों के दिलबर ग़ज़ल विनीत सिंह शायर ग़ज़ल ये आख़िरी हम पढ़ रहे हैं हम उसको याद कर के मर रहे हैं हमारे बाद क्या बोलेगी दुनियाँ ये किस माहौल से हम डर रहे हैं ग़ज़ल ये... Hindi · ग़ज़ल 105 Share Vinit kumar 12 Jan 2023 · 1 min read अज़ब सा हाल तेरे मजनू ने बना रक्खा है By Vinit Singh Shayar तेरे मिलने के सपने दिल में सजा रक्खा है अज़ब सा हाल तेरे मजनू ने बना रक्खा है तेरी उम्मीद में जीता है इस तरह से कि काँटे सब चुन... Hindi · ग़ज़ल 160 Share Vinit kumar 26 Dec 2022 · 1 min read हाथ मलना चाहिए था gazal by Vinit Singh Shayar हमें कुछ कर गुज़रना चाहिए था उसी दर पर ही मरना चाहिए था मिलाता है तू उस से आँख कैसे तुम्हे तो यार डरना चाहिए था पता गलत जो लिख... Hindi · ग़ज़ल 205 Share Vinit kumar 16 Dec 2022 · 1 min read एक इंतज़ार दीजिए नई गज़ल विनीत सिंह शायर के कलम से आँखों से अपनी यूँ ही शिकार कीजिए हम गरीब लोग हैं हमें मार दीजिए मरते हुए इंसान की ख़्वाइश है आख़िरी इक बार लब से अपने पुकार दीजिए आख़िरी सलाम... Hindi · ग़ज़ल 402 Share Vinit kumar 24 Nov 2022 · 1 min read आजमाना चाहिए था by Vinit Singh Shayar मेरे इस चेहरे पे तरस खाना चाहिए था इक बार हमें भी आजमाना चाहिए था महफ़िल में जिक्र हुई किसी की हुस्न की इक बार आपको भी शर्माना चाहिए था... Hindi · ग़ज़ल 1 182 Share Vinit kumar 10 Nov 2022 · 1 min read आँखों में बगावत है ghazal by Vinit Singh Shayar सुनो! इक बात कहनी है मुझे तेरी ज़रूरत है कहोगी क्या अगर कह दूँ मुझे तुमसे मोहब्बत है तुम्हारे साथ बीते पल कभी जो याद आते हैं ये आँखे भीग... Hindi · ग़ज़ल 2 255 Share Vinit kumar 19 Aug 2022 · 1 min read ज़रा सी बात पर ghazal by Vinit Singh Shayar आज आँखें हुई हैं नम ज़रा सी बात पर मुझसे रूठा मेरा सनम ज़रा सी बात पर मेरी बातों पर ऐतबार नहीं अब उनको आज खाना पड़ा कसम ज़रा सी... Hindi · ग़ज़ल 1 525 Share Vinit kumar 16 Aug 2022 · 1 min read दिल पे क्या क्या गुज़री ghazal by Vinit Singh Shayar दिल पे क्या क्या गुज़री हम बताएँ क्या अपनी बातों पर फिर वापस आएँ क्या फूल, चमन क्या क्या ना पेश किया हमने अब दिल चीरकर सचमुच में दिखाएँ क्या... Hindi · ग़ज़ल 1 211 Share Vinit kumar 2 Apr 2022 · 1 min read दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है Vinit Singh Shayar दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है इस मौसम में गुनगुनाया जा सकता है आज़मा कर हमें वो कहते हैं बज़्म में और इक बार तुम्हें आज़माया जा सकता... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 259 Share