Indu Singh Language: Hindi 73 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Indu Singh 21 May 2024 · 5 min read महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारत में आजादी के पहले और आजादी के बाद कई महान सपूत हुए जिन्होंने अपने बूते पर समाज को बदलने की कोशिश की, उन्ही सपूतों में... Hindi 2 96 Share Indu Singh 19 May 2024 · 3 min read ईश्वर के नाम पत्र हे परमेश्वर! चरण कमलों में सादर चरण स्पर्श हे प्रभू! बहुत दिनों से मेरे मन में कुछ विचार आ रहे थे। मन बहुत ही चिंतित और व्याकुल था। मैं अपने... Hindi 1 103 Share Indu Singh 18 May 2024 · 5 min read रामकृष्ण परमहंस भारत एक विशाल देश है। इस देश में अनेक भाषा भाषी, संस्कृति तथा जाति के लोग रहते हैं। यहाँ प्रकृति ने प्राणियों के लिए अनेक सुख सुविधाएँ प्रदान की है।... Hindi 106 Share Indu Singh 17 May 2024 · 6 min read संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान भक्तिकाल को हिन्दी साहित्य का स्वर्णिम काल कहा जाता है। हिन्दी साहित्य में गुरुनानक निर्गुण धारा के ज्ञानश्रयी शाखा से संबंधित थे। भक्तिकाल के साहित्य का उद्देश्य सर्वउत्थान था। उनकी... Hindi 91 Share Indu Singh 16 May 2024 · 3 min read महिला खिलाड़ी "न तो हारना जरुरी है, न तो जितना जरुरी है, जीवन एक खेल है, सिर्फ खेलना जरुरी है।" किसी भी सफलता को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प... Hindi 88 Share Indu Singh 15 May 2024 · 4 min read हनी गर्ल बनी 'यूनिसेफ' गर्ल अपने इरादों का इम्तिहान है बाकी, जिंदगी की असली उड़ान है बाकी। अभी तो मापी है मुट्ठी भर जमीं हमने, आगे तो पूरा असमान है बाकी।। “आँखों में सपने और... Hindi 45 Share Indu Singh 14 May 2024 · 4 min read भविष्य के सपने (लघुकथा) एक दिन हिन्दी की एक शिक्षिका दशवीं कक्षा में हिन्दी पढ़ा रही थी। आने वाले कुछ महीनों बाद वार्षिक परीक्षा होने वाली थी। पाठ समाप्त करने के पश्चात् शिक्षिका ने... Hindi 86 Share Indu Singh 13 May 2024 · 1 min read हे ! अम्बुज राज (कविता) हे! अम्बुज राज कहाँ छिपे हो मानव धरा पर प्यासी है गाँव-गाँव और शहर-शहर लोगों में बढ़ी बेचैनी है हे! अम्बुज राज ..... लोग हैं प्यासे धरा है प्यासी बाग-बगीचे,... Hindi · कविता 100 Share Indu Singh 12 May 2024 · 3 min read पंडिताइन (लघुकथा) सब कहते हैं कि जोड़ियाँ भगवान के घर से ही बन कर आती है। पता नहीं यह कहाँ तक सत्य है। कुछ कहना बड़ा ही मुश्किल है। सच में कुछ... Hindi 43 Share Indu Singh 11 May 2024 · 2 min read संगाई (भू-श्रंगी हिरण) संगाई यह भारत के मणिपुर में पाया जाने वाला एक मृग-हिरण है। यह हिरण केवल मणिपुर में ही पाया जाता है। यह मणिपुर का ‘राज्य पशु’ भी है। पहले यह... Hindi · आलेख 1 71 Share Indu Singh 3 May 2024 · 1 min read लौट जायेंगे हम (कविता) जी को उदास न कीजिए, जी भर के जीना सीखिए। छोड़िये उलाहना देना औरों को, बस धन्यवाद दीजिए। गुजरिए जिन रास्तों से होकर, प्यारा सा संदेश दीजिए। देख कर हर... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता 1 1 62 Share Indu Singh 2 May 2024 · 2 min read अच्छे कर्मों का फल (लघुकथा) कहा गया है कि माता-पिता के कर्मो का फल बच्चे को मिलता है। यह कहानी ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में रहनेवाले फ्लेमिंग नामक एक गरीब किसान की है। फ्लेमिंग एक दिन... Hindi · लघु कथा 1 106 Share Indu Singh 30 Apr 2024 · 1 min read मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की मैं कुछ की नजरों से बच कर रहना चाहती हूं जो पहचाते है बस वे ही पहचाते रहे इतना ही काफी है जीने के... Hindi · Attitude Quotes · Quote Writer 1 184 Share Indu Singh 29 Apr 2024 · 1 min read मिथ्या सत्य (कविता) सत्य और मिथ्या दो है भाई, दोनों में थी हुई लड़ाई । साथ कभी ना रह सकते, क्योंकि दोनों की सोच अलग थी। कभी एक आगे बढ़ जाता, और दूसरा... Hindi · कविता 1 71 Share Indu Singh 28 Apr 2024 · 2 min read दिलचस्प (लघुकथा) सन् 1994 की बात है, उस समय हमारे देश के राष्ट्रपति श्री शंकर दयाल शर्मा जी थे। अधिकारिक यात्रा पर वे मस्कट गए थे। उस समय एयर इण्डिया में तीन... Hindi · लघु कथा 64 Share Indu Singh 27 Apr 2024 · 2 min read पल्लू की गरिमा (लघुकथा) पल्लू की गरिमा (लघुकथा) ‘पर्दा’ अरबी भाषा का शब्द है। जिसका अर्थ होता है, ‘ढकना’। ‘बुर्का’ भी एक तरह से घूँघट ही है, जिसे मुस्लिम समुदाय की महिलाएँ और लडकियाँ... Hindi · लघु कथा 1 2 101 Share Indu Singh 26 Apr 2024 · 1 min read गांव तो गांव होना चाहिए गांव तो गांव होना चाहिए नदियां, पोखर और तालाब होना चाहिए बुजुर्ग बरगद बाबा की सेवा होनी चाहिए हर डाल पर गिलहरियों का बसेरा होना चाहिए सभी परिंदों की भी... Hindi · कविता 1 53 Share Indu Singh 25 Apr 2024 · 1 min read समय (कविता) समय-समय की बात है समय बड़ा ही हैं बलवान। समय के आगे सब कोई हारा चाहे दुर्बल हो या पहलवान। समय बदलता रहता सबका चाहे गरीब हो या धनवान। बदला... Hindi · कविता 46 Share Indu Singh 23 Apr 2024 · 1 min read दर्दों का कारवां (कविता) दर्दों का करवां साथ चलता ही रहा आंखें नम हुई दिल थम सा गया अब इतना भी दर्द न दे ऐ ज़िन्दगी कि हिसाब भी इसका कर न सकूं कुछ... Hindi · कविता 2 2 42 Share Indu Singh 19 Apr 2024 · 1 min read वर्दी (कविता) वर्दी (कविता) वर्दी के है विभिन्न प्रकार, सब वर्दियों की अपनी शान। अनेक रंगों कि वर्दी हमारी, विभिन्न रुपों में बदली हैं। वर्दी की है शान निराली जो पहने उसकी... Hindi · कविता 1 56 Share Indu Singh 18 Apr 2024 · 1 min read परछाई (कविता) *परछाईं (कविता* ) जबसे हमने होश सम्भाला, तब से मैं उसे देख रही हूँ कभी देखकर दुखी हो जाती, कभी देख खुश हो जाती हूँ पता नही वो कौन है?... Hindi · कविता 1 1 96 Share Indu Singh 18 Apr 2024 · 1 min read देखे भी तो कैसे? (कविता) *देखे भी तो कैसे? (कविता)* वीरान बस्ती में अब जिए भी तो कैसे? बंजर हो गई है मिट्टी बीज अब बोये भी तो कैसे? फूलों से चोट खाकर बिखर गए... Hindi 1 50 Share Indu Singh 17 Apr 2024 · 1 min read सफ़र जिंदगी का (कविता) *सफ़र जिंदगी का (कविता)* आज एक झलक देखी मैंने अपनी जिंदगी को उससे पूछी ऐ जिंदगी! अभी तक जो मैंने जिया, क्या वही थी मेरी जिंदगी? थोड़ी रुक कर बोली,... Hindi 1 1 105 Share Previous Page 2