आशीष गुर्जर पटेल 74 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 आशीष गुर्जर पटेल 2 Jan 2020 · 1 min read नया साल 2020 हवा लगी पश्चिम की, सारे कुप्पा बनकर फूल गए। ईस्वी सन तो याद रहा, पर अपना संवत्सर भूल गए।। चारों तरफ नए साल का, ऐसा मचा है हो-हल्ला। बेगानी शादी... Hindi · कविता 1 590 Share आशीष गुर्जर पटेल 25 Feb 2020 · 1 min read सायरी रुखसत हुआ था इस कदर, जुल्फ घटा हटी जैसे कुछ हुआ था इस कदर , मिटा दो लफ्ज़ अल्फ़ाज़ मोहब्बत के नहीं करनी हमें मोहहब्त इन बेवफाओं से । Hindi · लेख 1 261 Share आशीष गुर्जर पटेल 11 Mar 2020 · 1 min read प्रणाम रूबरू होने का मौका नहीं मिला इसलिए शब्दों से नमन कर रहा हूं प्रत्येक व्यक्ति कहीं ना कहीं मुझसे श्रेष्ठ है अतः सभी श्रेष्ठ व्यक्तियों को अपने हृदय की गहराइयों... Hindi · लेख 1 2 273 Share आशीष गुर्जर पटेल 16 Mar 2020 · 1 min read काफी है रुको मैं बताता हूं एक कहानी वो रात थी बड़ी सुहानी हवाओं की थी सनसनी सारी चारों ओर अंधेरा था तू जिसको छोड़कर गई वह दिल मेरा था यह तो... Hindi · लेख 1 398 Share आशीष गुर्जर पटेल 16 Apr 2020 · 1 min read चारों धाम तेरी यादों को मेरी मां मैं अपना काम लिखता हूं मेरे हृदय के हर पन्ने पर तेरा ही नाम लिखता हूं मेरे लहजे कि छेनी में गढ़े है सिपु के... Hindi · कविता 1 1 319 Share आशीष गुर्जर पटेल 17 Sep 2020 · 1 min read जख्म दर्द सीने में समा बनके पलने लगे है आंखो मैं आशु अश्क के झरने लगे है जख्म पर मरहम लगाने से क्या फायदा , क्योंकि मुझसे अपने ही आजकल जलने... Hindi · मुक्तक 1 414 Share आशीष गुर्जर पटेल 6 Feb 2020 · 1 min read हालात ऎ मौसम इन हालातो को दोष क्यों दे हम हालातो को बदलने में देर नहीं लगती साहेब रही मुस्कान की बात ऎ जाने दिल मुस्कुराना तो तुम ही से सीखा है ।... Hindi · लेख 1 221 Share आशीष गुर्जर पटेल 18 Jan 2020 · 1 min read "शिवी कलश" स्याही ना देखो इस कलम सी धार की कोरे है पन्ने सारे लिखती बारीक सी सहजन तुम लेखनी ऎशे "विशाल" की कलम की तुम नोक हो तुम छत्रसाल सी जीवनी... Hindi · कविता 1 265 Share आशीष गुर्जर पटेल 16 Jan 2020 · 1 min read "बचपन से सीख" कभी खो जाता हूं अपने बचपन की यादों में इस कदर मालूम पड़ता है सपना था वह मेरा अब नींद से जागा हूं बड़ी रुखसत के बाद । कुछ अजीब... Hindi · लेख 1 379 Share आशीष गुर्जर पटेल 14 Jan 2020 · 1 min read "हुनर है मुस्कुराना" कुछ पल की खुशी तो कुछ पल का गम कुछ पल है भले ही साथ हम जिंदगी इसी का नाम है ना कर कभी आंखे नम मुस्कुराने की वजह कभी... Hindi · कविता 1 342 Share आशीष गुर्जर पटेल 14 Jan 2020 · 1 min read "बच्ची सी बात" लोग खामोशी को अपना आशियाना समझ बैठे है तकदीर तो उसने लिखी , और मिटा दी मुझे पता नहीं लोग "बच्ची सी बात" को क्यों गले से लगाकर बैठे हैं... Hindi · लेख 1 466 Share आशीष गुर्जर पटेल 14 Jan 2020 · 1 min read "कुछ पल मुमकिन नहीं" अहम लालच को जरा सा छोड़कर के चलिए हर इंसान अच्छा लगेगा जरा मुस्कुरा के चलिए कुछ लोगों का साथ चलना मुमकिन नही पता है थमा है हाथ तो जरा... Hindi · लेख 1 226 Share आशीष गुर्जर पटेल 11 Jan 2020 · 1 min read कल किसने देखा कभी मतलब से मतलब कि तरफ नहीं देखा कभी जिंदगी को जिंदगी की तरह नहीं देखा मुझे पता है लोग मतलबी है कभी विष को "शिवी,"अमृत सा नहीं देखा Hindi · कविता 1 2 499 Share आशीष गुर्जर पटेल 7 Jan 2020 · 1 min read किसी की मुस्कुराहट इन मुस्कुराहटों का राज मालूम नहीं ऐसी मुस्कुराहट देखी नहीं कहीं रखें हो कुछ बात दिल के कोने में भरे ऎसे मौसम की घटा देखी नहीं कहीं इस मुस्कुराहट को... Hindi · कविता 1 263 Share आशीष गुर्जर पटेल 28 Dec 2019 · 1 min read चित्त की बात महीने में एक बार बरसो में बार बार मौका जरूर मिलता है अपनी गलती सुधारने का मौका मिले तो उसे चित्त के साथ मौका समझो क्योंकि ऎसा काम जरूरी है... Hindi · लेख 1 502 Share आशीष गुर्जर पटेल 26 Dec 2019 · 1 min read तरु के दोहे पेड़ कहे लकड़हार से तू क्यों काटे मोए एक दिन ऎसा आएगा मे जलाऊंगा तोए ।। मत लगाओ रे मेरे भैया, मन को कछु ना होए ऎसो तो मत करो... Hindi · दोहा 1 2 382 Share आशीष गुर्जर पटेल 25 Dec 2019 · 1 min read हे इंसान हे इंसान.. तू इस रश का ना कर कभी पान अब खोलना पड़ेगा तुझको अपने कान अक्सर सीधे पेड़ जल्दी टूट जाते है इसकी वजह से अच्छे अच्छे रिश्ते टूट... Hindi · कविता 1 386 Share आशीष गुर्जर पटेल 15 Oct 2022 · 1 min read आखरी यादें बिता दिया वक्त उसके लिए मैंने भुला दिया हर शख्स उसके लिए मैंने, ठहरे आज भी हैं उसकी महफिल की खातिर, किए हैं कई दान उसके लिए मैंने, उसकी सौतन... Hindi 136 Share आशीष गुर्जर पटेल 15 Oct 2022 · 1 min read मोहब्बत की समझदारी अब नहीं मिलना तुझ में मिट्टी मैं पानी की तरह तुम जो आजकल समझदार बन बैठे हो नहीं लगता मुझे बुरा तुम्हारी बातों का तुम जो मेरी बातें मुझ पर... Hindi 145 Share आशीष गुर्जर पटेल 14 Oct 2022 · 1 min read श्रद्धा दे बचन सूरज को निकलते देखा है तारो को चमकते देखा है , तुम बैठे रहो उजाले मैं मैंने हर शाम को ढालते देखा है भगवान के मंदिर में मैंने घंटे को... Hindi 153 Share आशीष गुर्जर पटेल 9 Oct 2022 · 1 min read प्यार कभी खत्म नहीं होता उसने हाथ जो पकड़ा एक दफा यारों छूकर उसने मुझे जिंदा कर दिया♥ लेखक आशीष गुर्जर Hindi 183 Share आशीष गुर्जर पटेल 23 Jan 2021 · 1 min read "धुआं "लोग किसी का दोस्त होना भी इल्जाम होता है , कोई समझे तुमको गलत (बुरा) हाल होता है, कोई तोड़ दे वर्षों की दोस्ती तो समझो.आंखो मैं चुभने बाले धुएं को... Hindi · लेख 474 Share आशीष गुर्जर पटेल 27 Mar 2020 · 1 min read क़तील हवा बेवजह घर से निकलने की ज़रूरत क्या है मौत से आंख मिलाने की ज़रूरत क्या है सबको मालूम है बाहर की हवा क़ातिल है यूँ ही क़ातिल से उलझने की... Hindi · कविता 427 Share आशीष गुर्जर पटेल 25 Dec 2019 · 1 min read फार्मेसिस्ट हर दर्द दिल की दवा जाता हूं मैं जो बेह रही है हवा पहचानता हूं मैं मुझे पता है हवा क्यों पलटी है ये मौसम की मार को हटना जानता... Hindi · कविता 503 Share Previous Page 2