हिमांशु Kulshrestha 219 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हिमांशु Kulshrestha 23 May 2024 · 1 min read अंतर्द्वंद.. इश्क़ ओ मोहब्बत के फ़साने गढ़ने जब बैठता हूँ दिल के एक कोने से मुझे सुनाई देती है, कुपोषण के शिकार शिशुओं का क्रंदन कानों में चुभती हैं अनगिनत माँओं... Poetry Writing Challenge-3 7 Share हिमांशु Kulshrestha 22 May 2024 · 1 min read याद है तुम्हे.. याद हैं तुम्हें वो लम्हे.. जब तुम होती थीं, मैं होता था, यूँ कहो कि हम होते थे कुछ वादे होते थे आँखों आँखों में बातेँ होती थीं लब ख़ामोश... Poetry Writing Challenge-3 1 6 Share हिमांशु Kulshrestha 22 May 2024 · 1 min read किताब ए दिल दिल की किताब का एक अनलिखा, कोरा वर्क हो तुम होठों से मेरे बेसबब बरसते हुए अल्फ़ाज हो तुम भरना चाहता हूँ रंग मोहब्बत की स्याही से तुम ही ख़्वाब... Poetry Writing Challenge-3 10 Share हिमांशु Kulshrestha 21 May 2024 · 1 min read रात का रक्स.. रात का रक्स बाकी है दिल को तुमसे मिलने की उम्मीद बाकी है, आसमाँ की आँखों में बन कर दिया सितारों का टिमटिमाना जारी है रक्स कर रही रोशनी चाँद... Poetry Writing Challenge-3 8 Share हिमांशु Kulshrestha 21 May 2024 · 1 min read इस अजब से माहौल में इस अजब से माहौल में भाव बिखरते जा रहे हैं शब्दों ने खो दी है अपनी चमक श्रम वीर के पसीने की बेकदरी हुई है हर युग में अफ़सोस, नर... Poetry Writing Challenge-3 5 Share हिमांशु Kulshrestha 20 May 2024 · 1 min read कोसों लंबी ख़ामोशी, कोसों लंबी ख़ामोशी, पसरी सी, लिपटी एक तन्हाई सब तो है आसपास फिर क्यों सन्नाटा कुंडली मारे बैठा है जीवन में खता क्या रही मेरी बस ये.. मैं सब का... Poetry Writing Challenge-3 1 8 Share हिमांशु Kulshrestha 19 May 2024 · 1 min read नींद, ख्वाब नींद, ख्वाब और ख्याल हर्जाई है, इनका, होना क्या और... खोना क्या.!!!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 13 Share हिमांशु Kulshrestha 18 May 2024 · 1 min read चाँद ज़मी पर.. ज़रा ठहरो तो नज़र भर के देख लूँ तुम को ज़मीन पे चांद कहाँ हर रोज उतरता है हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 11 Share हिमांशु Kulshrestha 17 May 2024 · 1 min read तुम.. आंखों में सजा कर अनगिनत सपने अपने दिल में बसाया था तुमको सपने ही तो थे.... टूटना था, टूट गए आज भी, मगर तन्हाई के लम्हों में तुम्हारा ख्याल आ... Poetry Writing Challenge-3 1 12 Share हिमांशु Kulshrestha 16 May 2024 · 1 min read तेरी यादों का बेहद जिद्दी है तेरी यादों का सिलसिला कभी पल पल तो हर पल कभी कभी हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 14 Share हिमांशु Kulshrestha 15 May 2024 · 1 min read टूट कर सदाएं भी बिलख उठीं तड़प कर मोहब्बत जो टूट गई बिखर कर हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 10 Share हिमांशु Kulshrestha 15 May 2024 · 1 min read सुनो न.. बहुत शोर करती है ख़ामोशी जब तुम ख़ामोश होती हो हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 12 Share हिमांशु Kulshrestha 14 May 2024 · 1 min read कैसे भूल जाऊँ कैसे भूल जाऊँ उस लम्हे को जब तुम ने सर रख कर मेरे कांधे पर जन्मों जन्म साथ रहने का वायदा किया था खायीं थी कसम कई कई बार कैसे... Poetry Writing Challenge-3 15 Share हिमांशु Kulshrestha 14 May 2024 · 1 min read मोहब्बत... मेरे अल्फाजों के मायने बदलते रहते हैं मोहब्बत हूँ मैं, फ़ितरत है मेरी मौसम की तरह बदलना हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 11 Share हिमांशु Kulshrestha 14 May 2024 · 1 min read तुम.. कितना भी मसरूफ क्यूँ न कर लें हम ख़ुद को हवा के झोंके सी यादें तुम्हारी चली आती हैं तन्हाइयों में मेरी सोंधी सी खुशबु तेरे बदन की महका जाती... Poetry Writing Challenge-3 16 Share हिमांशु Kulshrestha 13 May 2024 · 1 min read तेरी याद.. ख्यालों से लिपटा तेरी यादों का कोहरा, सामने रखी चाय की प्याली उस से उठता धुआं तुम्हारी यादें और.... धुंध में उभरता चेहरा तेरा!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 14 Share हिमांशु Kulshrestha 12 May 2024 · 1 min read दिल.. तड़पता भी है दिल तो कभी बहकता भी है दिल तुझ को क्यों खुदा समझता है ये दिल महक महक उठती हैं साँसे धड़क उठता है दिल समेटना चाहे तुझे... Poetry Writing Challenge-3 19 Share हिमांशु Kulshrestha 11 May 2024 · 1 min read जिंदगी जिंदगी एक अनवरत, अविरल सफ़र कभी आशा, आकांक्षा के दीयों से रौशन कभी टूटी ख्वाहिशों के अँधेरों से घिरी कभी बुझी राख सी, कभी मचलती आग सी उल्लासित छोटी छोटी... Poetry Writing Challenge-3 18 Share हिमांशु Kulshrestha 11 May 2024 · 1 min read मैं तुम्हें यूँ ही मैं तुम्हें यूँ ही प्यार नहीं करता... मेरे हर दिन का उजाला हो तुम मेरी हर रात की चाँदनी मेरे जज्बातों का नूर हो तुम तुम से ही तो है... Poetry Writing Challenge-3 1 12 Share हिमांशु Kulshrestha 10 May 2024 · 1 min read क्या करोगे.. ख़बर है तुम्हारी नाराज़गी की ए हुज़ूर ग़र ये रात आखिरी हुई हमारी तो क्या करोगे, जब हम ही ना रहेंगे तब नाराज़गी का क्या करोगे ... हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 12 Share हिमांशु Kulshrestha 10 May 2024 · 1 min read कशमकश.. बड़ी अजीब सी कशमकश से रूबरू हूँ मैं अल्फाजों में ही बस समेट दूँ तुमको या फिर रूह में अपनी उतार लूँ मैं हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 21 Share हिमांशु Kulshrestha 9 May 2024 · 1 min read ज़िद.. कितनी मासूम सी ज़िद थी उनकी इश्क़ तो करो उनसे पर, उम्मीद ए वफ़ा नहीं हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 23 Share हिमांशु Kulshrestha 8 May 2024 · 1 min read सुकून.. किस क़दर सुकून है तन्हा रह जाने में न फ़िक्र किसी की, न अहसान न दिल के टूट जाने का डर!!!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 26 Share हिमांशु Kulshrestha 7 May 2024 · 1 min read लिखूँगा तुम्हें.. मैं लिखूंगा तुम्हें और बेहिसाब लिखूंगा महज चंद अशआर नहीं पूरा एक दीवान लिखूंगा तुम जो ये सोचती हो कि भूल जाऊंगा मैं महज एक वहम है तुम्हारा बेहद चाहा... Poetry Writing Challenge-3 1 14 Share हिमांशु Kulshrestha 6 May 2024 · 1 min read प्रणय गीत अपनी कलम से उकेर कर कागज पर दिल उतार देना, मधुर प्रेम की स्याही से अपने भर कर रंग अनूठे जज़्बातों को संवार देना. विरह के गीतों को अपनी देह... Poetry Writing Challenge-3 1 19 Share हिमांशु Kulshrestha 5 May 2024 · 1 min read मैने वक्त को कहा मैने वक्त को कहा रुक जा उन लम्हों में जो कभी मेरे थे चल वापिस उन घड़ियों में जिन्हें फिर जीना चाहता हूं एक और जिंदगी... कुछ भूल सुधारनी है... Quote Writer 15 Share हिमांशु Kulshrestha 4 May 2024 · 1 min read क्या हिसाब दूँ क्या हिसाब दूँ उन रातों का जो तेरे इन्तिज़ार में गुज़र गयी हमने सोचा था अब जल्द होगा सवेरा रात ही हरजाई थी तेरी यादों के साथ ठहर गई हिमांशु... Quote Writer 30 Share हिमांशु Kulshrestha 3 May 2024 · 1 min read तन्हाई में अपनी तन्हाई में अपनी जो तुम्हें दर्द का एहसास हो आवाज़ लगा लेना मुझे रहे ख्याल हाथ तुमने छोड़ा था हम आज भी है तेरे इंतजार में हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 22 Share हिमांशु Kulshrestha 3 May 2024 · 1 min read बड़ा काफ़िर बड़ा काफ़िर है ये इश्क़ रोके जुबां को तो आंखों से झलक जाता है बड़ा काफिर है ये इश्क़ इसे सब्र कहां आता है हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 29 Share हिमांशु Kulshrestha 2 May 2024 · 1 min read कैसा अजीब है कैसा अजीब है ये एहसास लगता है कभी जिन्दगी पूरी जी ली हो जैसे फ़िर लगता है कभी अभी तो जिन्दगी शुरू की ही नहीं हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 25 Share हिमांशु Kulshrestha 1 May 2024 · 1 min read ख़ता हुई थी ख़ता हुई थी जो ज़ख्म अपने दिखा दिए उन्हें वफ़ा उन्होंने भी की नमक छिड़क के उन पे हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 29 Share हिमांशु Kulshrestha 30 Apr 2024 · 1 min read आया जो नूर हुस्न पे आया जो नूर हुस्न पे अदा आई, ग़ुरूर आया वफ़ा तो आयी नहीं आई पर्देदारियां हज़ारों आफ़तें ले कर उस पर ये शबाब आया....!! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 1 32 Share हिमांशु Kulshrestha 29 Apr 2024 · 1 min read इश्क चख लिया था गलती से इश्क चख लिया था गलती से जुबाँ पे आज भी दर्द के छाले हैं!!!! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 1 27 Share हिमांशु Kulshrestha 28 Apr 2024 · 1 min read किस कदर किस कदर सुकून है इस मिट्टी के आगोश में जो समाया इसमे लौट कर फ़िर आया कहाँ इस बेदर्द दुनियाँ में हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 31 Share हिमांशु Kulshrestha 28 Apr 2024 · 1 min read तुम तुम चंचल, सुकोमल सुनयना, सुकुमार कैसे बिताई रात मीठी नींद में सपनों में रात क्या देखा तुमने कुछ याद भी रहा क्या तुमको? गहरी नींद का मधुर कोई सपना देखा... Quote Writer 28 Share हिमांशु Kulshrestha 27 Apr 2024 · 1 min read साथ.. तुम्हारे साथ ने कभी मुझे असमर्थता, अकेलेपन का आभास नहीं होने दिया.... तुम्हारा दूर रह कर भी हर घड़ी मेरे पास होने का एहसास मुझे अनन्त सम्भावनाओं की प्रेरणा देता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 21 Share हिमांशु Kulshrestha 27 Apr 2024 · 1 min read एक अधूरे सफ़र के एक अधूरे सफ़र के हमराह थे वो उनके जाने का गिला क्या शिकवा क्या हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 21 Share हिमांशु Kulshrestha 25 Apr 2024 · 1 min read उन्हें हद पसन्द थीं उन्हें हद पसन्द थीं और एक हम थे जो बेहद हो गए हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 22 Share हिमांशु Kulshrestha 24 Apr 2024 · 1 min read किस कदर किस कदर तड़प तड़प के गुज़ारी है तन्हा तमाम रात किस्सा ए दिल उन्हें भी सुना लूँ तो क़रार आए हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 17 Share हिमांशु Kulshrestha 23 Apr 2024 · 1 min read सुना था, सुना था, कभी किसी से जो देर से मिलते हैं वो दूर तक साथ चलते हैं हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 34 Share हिमांशु Kulshrestha 21 Apr 2024 · 1 min read अगर प्रेम है अगर प्रेम है तो हो, इस क़दर समर्पण जिसमें पाने की चाह नहीं, लेकिन ख़ुद को समर्पित कर देने का जुनून ना पाने की फ़िक्र न खोने की चिंता, बस... Quote Writer 24 Share हिमांशु Kulshrestha 20 Apr 2024 · 1 min read धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो, धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो, तुम अब वापस मत आना !! जहां पर बसा रखा था तुम्हें वहां सब्र को बसा लिया है मैंने !! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 30 Share हिमांशु Kulshrestha 18 Apr 2024 · 1 min read इतना आसान होता इतना आसान होता तो... हर कोई कर लेता प्रेम कितने ही अंतर्द्वंदों, सामाजिक बेड़ियों, अनगिनत रूढ़ियों को दरकिनार कर... प्रस्फुटित होता है... प्रेम मानो बंजर पड़ी धरती पर बखेर कर... Quote Writer 36 Share हिमांशु Kulshrestha 16 Apr 2024 · 1 min read एक एक अरसा हुआ ख़ुद को ख़ामोशियों में दफ़्न कर लिया है मैंने अब हूँ सुकून में ख़ुद को शिद्दत से जी लिया करता हूँ मैं !!!! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 33 Share हिमांशु Kulshrestha 15 Apr 2024 · 1 min read खैरात में मिली खैरात में मिली ख़ुशी हमें पसंद नहीं हम तो गम में भी नवाबों की तरहे जीते है!! हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 51 Share हिमांशु Kulshrestha 13 Apr 2024 · 1 min read सियासत सियासत अब झूठ, फ़रेब मक्कारी का पर्याय हो गई है भूखे पेट का ज़िक्र नहीं थाली और हाथ में क्या है ये चर्चा की बात हो रही है बात बेरोजगारी,... Quote Writer 37 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Apr 2024 · 1 min read हम भी तो देखे हम भी तो देखे सरगोशिया इश्क़ की जुल्फों को अपनी मचलने दो पलकों को झुकाये बैठे हो क्यूँ मस्तियाँ.. अपनी आंखों की बिखरने दो गिरा के बिजलियाँ अपने हुस्न की... Quote Writer 1 1 42 Share हिमांशु Kulshrestha 10 Apr 2024 · 1 min read मैने वक्त को कहा मैने वक्त को कहा रुक जा उन लम्हों में जो कभी मेरे थे वापिस ले चल जहां फिर जीना चाहता हूं एक और जिंदगी... कुछ भूल सुधारनी है बिगड़ी बातें... Quote Writer 31 Share हिमांशु Kulshrestha 8 Apr 2024 · 1 min read उन से कहना था उन से कहना था तुम बहुत दूर हुए जाते हो, फिर ये सोचा... बहुत दूर हो ही गए तो, अब क्या कहना हिमांशु Kulshrestha Quote Writer 48 Share हिमांशु Kulshrestha 7 Apr 2024 · 1 min read प्रेम..... प्रेम..... जिसे हुआ वो फ़िर वो न रहे वो जो हुआ करते थे वो, वो हो गए , जो सोचा भी न था राधा को हुआ प्रेम और प्रेम का... Quote Writer 54 Share Page 1 Next