Simmy Hasan Tag: कविता 68 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Simmy Hasan 2 Feb 2020 · 1 min read लिखती हूँ लिखती हूँ , जो लिख सकती हूं पर अक्सर जब नहीं लिखती तो पढ़ रही होती हूँ हवा की सरसराहट रात का मद्धम गीत ख़्वाबों का तिलिस्म उगते सूरज की... Hindi · कविता 9 2 273 Share Simmy Hasan 20 Jan 2020 · 1 min read भगवान मेरे हिस्से का भगवान अंधा बहरा दिल का खुरदुरा दिल की नरम रेत पर खींचता है पत्थर से लकीर फिर उन पत्थरों को एहसासों के समन्दर मे उछाल लगाता है... Hindi · कविता 3 718 Share Simmy Hasan 17 Jan 2020 · 1 min read कलयुगी रक्तबीज उग रहें हैं रक्तबीज की तरह एक के बाद एक संविधान के हर गिरते लहू के साथ थामते जाते एक दूसरे का कन्धा की लड़खड़ाते हाथों की पकड़ कहीं ढीली... Hindi · कविता 4 2 290 Share Simmy Hasan 5 Aug 2018 · 1 min read वजूद अक्सर ढूंढती हूँ अपना वजूद, एक बेटी की तरह.. एक बहन की तरह, बड़ी हसरत से.. बड़ी बेचैनी से, और पाती हूँ बस ; खुद को तन्हा.. बेबस यतीम सी,... Hindi · कविता 4 2 401 Share Simmy Hasan 16 Jun 2018 · 1 min read ये राजनेता एक वेश्या भी धंधा करती है, पर देह का.. क्योंकि पेट का सवाल उसे स्त्री से, वेश्या बनने को करता है मजबूर .. पर ये राजनेता, देह के साथ बेच... Hindi · कविता 3 327 Share Simmy Hasan 12 Jun 2018 · 1 min read बच्चा गरीब का अचानक से हुमकते, ज़िद करते नन्हे बच्चे, बड़े हो जाते हैं। जब बाप के पैरों के छाले, उनसे लाख छुपाने पर भी, नज़र आ जाते है। खुद के पुराने कपडे,... Hindi · कविता 5 262 Share Simmy Hasan 11 Jun 2018 · 1 min read विधवा जनता.. जनता जैसे कोई जवान विधवा, सब्ज़बाग दिख कर सुहाने दिनों के.. राजनेता हर पांच साल के लिए, पटक देतें हैं लोकतंत्र के बिस्तर पर, और तब तक नोचते हैं, जब... Hindi · कविता 5 2 459 Share Simmy Hasan 8 Jun 2018 · 1 min read जनपथ .. जनपथ.. जिस पर चलते हुए, देश की जनता.. करती है तुम्हारा सम्मान, क्योंकि एक गौरवशाली.. मर्यादित स्थान, जिसपर राज कर गयीं.. न जाने कितनी, महान हस्तियां.. सँवार कर देश का... Hindi · कविता 3 493 Share Simmy Hasan 6 Jun 2018 · 1 min read अनाथ सोच रही हूं, मरने से पहले .. अपनी कब्र , फूलों से सजा दूंगी.. और कुछ पैसे पेशगी में, माली को दे कर .. वसीयत कर जाऊंगी, की मेरी कब्र... Hindi · कविता 2 560 Share Simmy Hasan 2 Jun 2018 · 1 min read एक दिन .. एक दिन जब तुम जागो, और मैं न मिलूं कहीं भी.. न मेरी कोई खबर , मत ढूंढना मुझे.. उजालों में दिन के, न दुनिया के किसी कोने में.. अपने... Hindi · कविता 2 523 Share Simmy Hasan 1 Jun 2018 · 1 min read बुरा वक्त बुरा वक्त जिसमे, छोड़ जाता है भगवान भी.. कोई मन्नत ,कोई दुआ ; काम नही आती.. ऐसे में हम उनसे, क्यों रूठे? जो हमारी खुशियों में , शामिल थे हरदम..... Hindi · कविता 2 1 364 Share Simmy Hasan 23 May 2018 · 1 min read अबोध मन.. अबोध मन.. आज फिर ज़िद पे अड़ा है, जाने कैसी? आज फिर से कैद, मन की अंधेरी कोठरी में, आंसू बहाना चाहता है... जाने कैसा बोझ मन में? जिसको भुलाना... Hindi · कविता 2 366 Share Simmy Hasan 8 May 2018 · 1 min read हथियार... हथियार मिटाते हैं इंसानियत, लातें हैं भयावह तबाही .. असीम शांति की , गुंज उठती हैं चीखें .. दर्द भरी , कराहती आवाजें .. बिखर जाते हैं इंसान , बन... Hindi · कविता 2 1 441 Share Simmy Hasan 7 May 2018 · 1 min read प्रतीक कण कण में ज़िसका वास फिर क्यूँ उसका एक निवास ये प्रतीक बस नाम मात्र है हर हृदय में करे जो निवास क्या वो कोई मलमल का लठ्ठ जिस पर... Hindi · कविता 2 574 Share Simmy Hasan 12 Apr 2018 · 1 min read हे राम ! हे राम ! तुम्हारी सेना ने , कैसा अनर्थ कर डाला है ? जहाँ वास तुम्हारा होता है , वहाँ घोर पाप कर डाला है .. एक फूल सी बच्ची... Hindi · कविता 3 1 562 Share Simmy Hasan 26 Mar 2018 · 1 min read "एक रूपाजीवा" एक स्त्री बिकती है, या बेच दी जाती है जिस्मफ़रोशो की मंडी में; संसार के लिए , खो देती है स्त्रीत्व, न बहन, न बेटी, न बेटी, न माँ; रह... Hindi · कविता 2 708 Share Simmy Hasan 22 Mar 2018 · 1 min read चहकार गर्मी के इस मौसम में, एक सूखे दरख्त की शाख पर. एक नन्ही सी चिड़िया बैठी; जाने क्या क्या कहती है.. कभी कूदती इस डाल पर; कभी उस दाल पर... Hindi · कविता 2 627 Share Simmy Hasan 22 Mar 2018 · 1 min read पतंग डोर से नथी पतंग डोलती रहती है उंगलियो के इशारो पर कन्नी ,मंझा ,ढील इनमे उलझी हवाओ के चक्कर काटती डोर से नथी पतंग .... इतराती इठलाती पंछियो को भी... Hindi · कविता 3 661 Share Previous Page 2