Harshvardhan Bhardwaj Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Harshvardhan Bhardwaj 24 Jul 2017 · 1 min read बात बाकी थी कहां चले गए थे तुम। मुझे अकेला छोड़ के।। अभी मेरी बात बाकी थी ।। रोशन बेशक थे चिराग । अधेंरी रात बाकी थी ।। अभी बहुत दूर जाना था... Hindi · कविता 416 Share Harshvardhan Bhardwaj 24 May 2017 · 1 min read दर्द बाहर निकले लगा है जो सीने मे दर्द भरा लिखने बैठा तो बाहर निकलने लगा | बरस बीत गए इसे संजोते संजोते बचपन मैं थोड़ा कम हो जाता था रोते रोते | आज... Hindi · कविता 374 Share Harshvardhan Bhardwaj 13 Apr 2017 · 1 min read मेरा एक दोस्त खो गया है (नज़म ) पता नहीं कहाँ गुम है वक़्त की गलियों मे वो ही गलियां जिनका शोर मुझे रात भर सोने नहीं देता कैद है नीदें एक अरसे से किसी कारागाह मे बिना... Hindi · कविता 1k Share