guru saxena Tag: घनाक्षरी 59 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 guru saxena 18 Aug 2017 · 1 min read अनुमान प्रमाण (संभव है किसी दिन)- गुरू सक्सेना संभव है किसी दिन ऐसी कोई आंधी चले, कट्टर विचारों वाले पीले पत्ते झड़ेंगे। ज्वालामुखी शांत होंगें भाँति भाँति प्रान्त होंगे, अटल सिद्धांत होंगे ले तिरंगा बढ़ेंगे। कश्मीर का विधान... Hindi · घनाक्षरी 1 623 Share guru saxena 28 Jul 2017 · 1 min read कलाम साहब को समर्पित सादगी सहजता सरलता से भरे हुए मानवतावादी गुण धर्म धारे धाम थे। थे महान इंसान विज्ञान ज्ञान लिए, भारत की प्रगति के चढ़ते मुकाम थे। चरैवेति चरैवेति सूत्र अपनाए हुए,... Hindi · घनाक्षरी 302 Share guru saxena 27 Jul 2017 · 1 min read कृपान घनाक्षरी-गुरू सक्सेना बैरी आज सीना तान करे जंग का ऐलान, ओ सपूतो सावधान,आन-बान जा न पाय। माता भारती का मान,वीरो राखो देके प्रान, ललकारो प्रण ठान,शत्रु बच के न जाए। छत्रसाल के... Hindi · घनाक्षरी 523 Share guru saxena 27 Jul 2017 · 1 min read कारगिल विजय दिवस पर पाकियों को पकड़ पकड़ पीस डाला ऐसे जैसे कोई चटनी सी पीस डालें सिल में । हौसला बुलंद जैसे मत्त से गयंद सारे शत्रुओं को कुचल बिछाया तिल तिल में।... Hindi · घनाक्षरी 389 Share guru saxena 24 Jul 2017 · 1 min read घूमें कभी मन में घने घूमें कभी मन में घने क्षण क्षण यही विचार किस किस पर कविता लिखें किसे छोड़ दें यार किसे छोड़ दें यार व्यंग्य मोदी पर मारें या फिर पाकिस्तान चीन... Hindi · घनाक्षरी 454 Share guru saxena 24 Jul 2017 · 1 min read नेता जी और यमराज एक नेता जाके यमराज की अदालत में, अड़ गया बोला मुझे स्वर्ग भिजवाइये। स्वर्ग भिजवाया बोला क्या धरा सदस्यता में, इंद्र के निकट किसी पद पै बैठाइये। पद पै बैठाया... Hindi · घनाक्षरी 592 Share guru saxena 23 Jul 2017 · 1 min read मनहरण दंडक छंद (सैनिकों से निवेदन) पाक की मिटाने धाक,आगे बढ़ो काटो नाक, मारो शाक पर शाक नहीं रहे दीन का। सिंह से दहाड़ो अरिदल वक्ष फाड़ो, घूम घूम के लताड़ो ताड़ो हर दांव सीन का।... Hindi · घनाक्षरी 289 Share guru saxena 23 Jul 2017 · 1 min read भाषा समक अलंकार राम के अनेक नाम, राम के अनेक धाम, राम के अनेक काम, सेंट परसेंट में। राम की लहर कभी बन के कहर चली, शहर शहर गाँव छाई अरजेंट में। राम... Hindi · घनाक्षरी 1 1 561 Share guru saxena 20 Jul 2017 · 1 min read नया कवि जवानी के जोश में जवान कहां जाके फंसा जोश क्या करा दे कोई होश नहीं रहता अपराधी करे अपराध बार-बार उसे मन में जरा भी अफसोस नहीं रहता नया कवि... Hindi · घनाक्षरी 586 Share Previous Page 2