Ravi Ranjan Goswami 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Ravi Ranjan Goswami 13 Sep 2016 · 1 min read विडम्बना मैं साँस ले रहा हूँ , सूंघ रहा हूँ निर्वात l कड़ी धूप में देख रहा हूँ अंधकार , समुन्दर की तलहटी में सूखा पड़ा है भेड़ियों का दल मंथन... Hindi · मुक्तक 461 Share Ravi Ranjan Goswami 12 Sep 2016 · 5 min read मंकी -बंदर सर्दी की एक दोपहर की गुनगुनी धूप में बंदरों का एक समूह पप्पू की छत पर सुस्ता रहा था । घर के लोग सब बाहर गए हुए थे इसलिए छत... Hindi · कहानी 391 Share Ravi Ranjan Goswami 10 Sep 2016 · 1 min read समस्या उन्हें मालूम है - अपने इंतज़ार की तड़प और - मेरा न आना । मुझे मालूम हैं - वजहें - न पहुँच पाने की । न उन्होंने जानना चाहा ।... Hindi · कविता 262 Share Ravi Ranjan Goswami 2 Sep 2016 · 1 min read खफा दुश्मनों की बात मत पूंछों , दोस्त भी बर्दाश्त नहीं होते । न जाने क्या हो गया मुझको ! खुद से बहुत खफा हूँ मैं । ला देता वक्त से... Hindi · मुक्तक 661 Share Ravi Ranjan Goswami 2 Sep 2016 · 1 min read शराब ,साकी और गम साकी था खूबसूरत । शराब भी कमाल थी । और बहाने मुश्किल थे , खुशी से जहर पी लिया हमने । डुबोना चाहा था जाम में गम -ए -बेवफाई किस्मत... Hindi · शेर 2 397 Share Ravi Ranjan Goswami 31 Aug 2016 · 1 min read मेरे बचपन से (संस्मरण ) बचपन मैं सभी बच्चों की तरह मुझे भी कहानी सुनने का बड़ा शौक था । खुशकिस्मती से मुझे कहानी सुनाने के लिये घर में अनेक लोग थे जैसे दादा दादी... Hindi · लेख 3k Share Ravi Ranjan Goswami 29 Aug 2016 · 1 min read बारिश की वे साँझें (स्मृति चित्र ) काली घटाएँ , साँझ , तेज हवायेँ और बारिश की फुहारें । छातों में सिमटते दामन बचाते लोग उड़ते आँचल ,भीगते बदन तेज कदम लड़कियां । सड़क में गड्ढे ,गड्ढों... Hindi · कविता 314 Share Ravi Ranjan Goswami 11 May 2017 · 1 min read कुछ लोगों से पूंछो तो ...(व्यंग ) सच जो भी हो । कुछ लोगों से पूंछों तो - ---------- क्या हुआ ? ईवीएम में छेड़ छाड़ । आप कैसे है ? ईवीम खराब है । चुनाव क्यों... Hindi · कविता 217 Share Ravi Ranjan Goswami 7 Aug 2017 · 1 min read राह जाने किस राह जाते हैं वो, राह में मिलते नहीं हैं वो । मुझे उनकी जरूरत क्यों जिन्हें मेरी तलब न हो । जुनूने सफर में सोचा न था ,... Hindi · शेर 581 Share Ravi Ranjan Goswami 3 Aug 2017 · 1 min read आज ,कल ,कभी आज उसने बहुत बातें की , क्या न कहने की कोशिश की? सालों तक लटका रहा था, बस एक पल का फैसला था । कभी चाहा था आसमां छू लूँ... Hindi · शेर 642 Share Ravi Ranjan Goswami 28 Jul 2017 · 1 min read भूल गये बड़ी बड़ी किताबें पढ़ीं , छोटे सबक भूल गये। शास्त्र पढ़ कर कैसे , संस्कार भूल गये ! शेर के दाँत गिनने वाले , अपना बल भूल गये । कोई... Hindi · कविता 528 Share Ravi Ranjan Goswami 27 Jul 2017 · 1 min read अंधेरे में रोशनी अपने साये को नज़र अंदाज़ मत कर वो रहता है वक्त का हमराज़ बनकर। ज्यों ज्यों रात गहराई आँख खुलती गयी, दिन के करतबों की पोल खुलती गयी। अंधेरा छा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 421 Share Ravi Ranjan Goswami 27 Jul 2017 · 1 min read बदलता मौसम हर रोज बदलते मौसम में बेचैन हवाएँ चलतीं हैं । तय करना कितना मुश्किल है ! किस ओर हवाएँ चलतीं हैं । राही कब कौन जतन कर ले । धूप... Hindi · कविता 1k Share Ravi Ranjan Goswami 20 Jul 2017 · 1 min read श्री राम (प्रार्थना ) इस अंतस की पीड़ा को, कौन सुनेगा ? राम । जीवन के इस खालीपन को कौन भरेगा ? राम । मेरे मन के टेड़ेपन को , कौन सुधारे ? राम... Hindi · गीत 623 Share Ravi Ranjan Goswami 30 Jun 2017 · 1 min read दायरे अपने दायरे हमने खुद बनाये कुछ हालात ने मजबूर किया , कुछ हम खुद से ठहर गये। पैर हमारे बेड़ियों में जकड़ गये । इनसे अब आज़ाद होना चाहिये ।... Hindi · कविता 348 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2017 · 1 min read अशीर्षक कुछ मेरे पास हो जो दे सकूँ मैं , अना कम हो तो कुछ ले सकूँ मैं । मुहब्बत के दावे बढ़चढ़ के न कर कर सकता है तो सिर्फ... Hindi · मुक्तक 224 Share Ravi Ranjan Goswami 15 May 2017 · 1 min read लाश लाश का चेहरा पुरसुकून था । उस पर गज़ब का नूर था । लगता था नाच उठेगा । मरने में क्या कोई लुत्फ था ? दरअसल उस गरीब को ज़िंदगी... Hindi · कविता 446 Share Ravi Ranjan Goswami 29 Aug 2016 · 1 min read धुंधली तस्वीर आज रात , आँखों में गुजर जायेगी । एक पुरानी किताब के बीच मिली तुम्हारी एक धुंधली तस्वीर जगा गयी कितनी यादें ! अब तुम तसब्बुर में हो और नींद... Hindi · कविता 545 Share Ravi Ranjan Goswami 15 Mar 2017 · 1 min read परिंदा अभी दिन है तो,रात भी जरूर आयेगी । चाँद तारों से, मुलाक़ात भी हो जाएगी । फिर आसमानी चादर का वहम टूटेगा । परिंदा फिर अपने घर वापस लौटेगा । Hindi · मुक्तक 424 Share Ravi Ranjan Goswami 4 Mar 2017 · 1 min read जिंदा रहते हैं कमाल करते हैं छोड़िये ये बेकरारी, बेसबब , लोग चिल्लाते हैं बेमतलब, जिंदा रहते हैं कुछ लोग मर कर भी , जायेँ श्मशान में या रहें कब्रों में सही । जो जिंदा रहते... Hindi · शेर 446 Share Ravi Ranjan Goswami 10 Feb 2017 · 1 min read विवाद उन्हें विवाद पसंद है हम संवाद करते है । वे शब्दों को पकड़ते हैं , उछाल देते हैं । शब्द भी पत्थर सा मार देते हैं । कभी बिखेर देते... Hindi · कविता 222 Share Ravi Ranjan Goswami 5 Jan 2017 · 1 min read क्या देखूँ कहीं गुजरे वक्त के निशां देखूँ । कहीं जाते हुए लम्हों के निशां देखूँ । अपनी दीवानगी में क्या देखूँ ! उम्मीद गिर गिर के उठती है । तिश्नगी बढ़ती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share Ravi Ranjan Goswami 24 Dec 2016 · 1 min read मिलन का डर किसे खोजता है मन किसकी तलाश है । ऐसा क्यों लगता है , कि वो आसपास है ? मिलने की चाह है पर ड़र लगता है । सुना है वो... Hindi · कविता 497 Share Ravi Ranjan Goswami 23 Dec 2016 · 1 min read काम करने दो ये कमी है , वो कमी है , ऐसा कैसे होगा ? वैसा कैसे होगा ? ऐसा हो नहीं सकता । वैसा हो नहीं सकता । काश ऐसा होता ।... Hindi · कविता 206 Share Ravi Ranjan Goswami 22 Dec 2016 · 1 min read मसीहाई मुझे नजरअंदाज़ करता है । मुझ पर नज़र भी रखता है । मैं बेशर्मी से पर्दा करता हूँ । वो समझता हैं देखता नहीं । मैंने उसे उठाया कि अब... Hindi · शेर 402 Share Ravi Ranjan Goswami 17 Dec 2016 · 1 min read खामोश तस्वीर कहीं बरसे बादल । कहीं बरसे नयन । बारिश से धुले मौसम । आसुओं से धुले मन । जाते हुए पल कितने खामोश हैं ! वो चुप सी तस्वीर यादों... Hindi · कविता 248 Share Previous Page 2