Godambari Negi Pundir Tag: मुक्तक 63 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Godambari Negi Pundir 20 Sep 2021 · 1 min read श्राद्ध श्राद्ध में करते तर्पण अर्पण, फल फूल भोजन सभी समर्पण। कपड़ा लत्ता चादर बिस्तर, चप्पल-जूते थाल कनस्तर। जीते जी रोटी दी न समय पर, पास न बैठे हो तुम पल... Hindi · मुक्तक 1 690 Share Godambari Negi Pundir 14 Sep 2021 · 1 min read 'हिन्दी दिवस' 'हिन्दी दिवस' देखो आया है हिन्दी दिवस, ओढ़ स्वर-व्यंजन का दुशाला। कहीं अ आ इ ई के मोती मानिक, तो कहीं क ख ग की झाला। अलंकार की बजा बांसुरी... Hindi · मुक्तक 1 317 Share Godambari Negi Pundir 13 Sep 2021 · 1 min read 'प्रहरी देश का' 'प्रहरी देश का' देखो अद्भुत प्रहरी बनकर,डटकर बैठा है सीमा पर। देश की आन-बान की ख़ातिर, जीता है प्राण हथेली पर रखकर। साक्षी हैं उसके ये पर्वत और नदिया, है... Hindi · मुक्तक 1 1 439 Share Godambari Negi Pundir 8 Sep 2021 · 1 min read 'शहरी जीवन' ‘शहरी जीवन’ शहरी जीवन भी क्या जीवन है ? जिंदगी तो बसती है सिर्फ गाँवों में। खुले आँगन के चौबारों में निर्भय होकर खेलना, खेतों की हरियाली में विचरना ,... Hindi · मुक्तक 1 891 Share Godambari Negi Pundir 7 Sep 2021 · 1 min read जिन्दगी लम्हा-लम्हा मुश्किल से गुज़र रही है जिन्दगी, रेत पर बलखाती फिसल रही है जिन्दगी। कभी तूफानों से टकराती है तानकर सीना, तो कभी दर्दे-ग़म से मचल रही है जिन्दगी। दुनिया... Hindi · मुक्तक 2 4 355 Share Godambari Negi Pundir 4 Sep 2021 · 1 min read ग़म न कर खुश रहो,ग़म न करो, दिन दो की है जिन्दगानी। खून की रवानी, जिस्म की जवानी, ये सब हैं ज्यों बहता पानी। थम जाएगा बन समन्दर , ढह पड़ेगा तन का... Hindi · मुक्तक 1 2 289 Share Godambari Negi Pundir 22 Aug 2021 · 1 min read ऐसा क्यों होता है? 'ऐसा क्यों होता है?' मन कभी बहुत कुछ सोचता है, बहुत कुछ कहना भी चाहता है। फिर क्यों ओढ़ लेता है मौन, रोक लेता उसे है बोलो कौन? शब्द जैसे... Hindi · मुक्तक 1 3 262 Share Godambari Negi Pundir 21 Aug 2021 · 1 min read ईमान ईमान एक बेईमान सरे बाज़ार खड़ा था, सामने बोरों में बंद ईमान पड़ा था। न खरीदार था न ईमानदार था, सभी का ईमान ज़मीन में गढ़ा था। भरी भीड़ में... Hindi · मुक्तक 1 264 Share Godambari Negi Pundir 16 Aug 2021 · 1 min read अगर तुम खुशी से दिन जीवन के कट ही जाते, अगर तुम लौटके घर आ जाते। टूटा था ये दिल क्यों कभी हमारा, खोलकर दिल अपना तुम को बताते। रेत की दीवार... Hindi · मुक्तक 1 1 319 Share Godambari Negi Pundir 11 Aug 2021 · 1 min read वो दिन जब तिनकों की छत और मिट्टी की दीवारें थी, गोबर से लिपा आँगन मेहमानों की कतारें थी। नीम की ठंडी छाँव थी नदिया में तैरती नाव थी, गोरी के सिर... Hindi · मुक्तक 2 2 374 Share Godambari Negi Pundir 9 Aug 2021 · 1 min read 'मैंने देखा!' 'मैंने देखा' मैंने देखा उसे... उछलकर नंगे पाँव चलते हुए, तलवों को काँटों से बचाते हुए, तन का संतुलन बनाते हुए। फीके मैले वस्त्रों को कंटीली झाडिय़ों से बचाते हुए,... Hindi · मुक्तक 2 2 498 Share Godambari Negi Pundir 8 Aug 2021 · 1 min read 'साहित्य' 'साहित्य' वर्णों के पुष्प अंकुरित हो उठते, ले भावों का भार बोझिल हो झुकते। कलम दौड़ती स्याही संग हिल-मिल, तब रूप नए साहित्य के खिलते। कवि कल्पित मन गोते लगाता,... Hindi · मुक्तक 3 5 531 Share Godambari Negi Pundir 6 Aug 2021 · 1 min read 'सौदागर' 'सौदागर' वो महबूब नहीं इक सौदागर था, दिल को बिल्कुल ये मालूम न था। उसकी बातें लगती थी जादू सी , पर अंतरमन छल से लिपटा था। दिल उसका चालाकी... Hindi · मुक्तक 1 2 332 Share Previous Page 2