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4 Sep 2021 10:10 PM

वाह, लाज़वाब सृजन ! ? ठीक है, अब से कभी भी मैं ग़म नहीं करूंगा ! जी भरके मुस्कुराने का प्रयास करूंगा । आखिर दो-चार दिनों की ही तो ज़िन्दगानी है। जो बनती जा रही इक कहानी है ! शुक्रिया !!

4 Sep 2021 10:27 PM

???

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