Arun Prasad Tag: मुक्तक 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arun Prasad 9 Sep 2021 · 1 min read क्षणिकाएँ शरम बेशरम हम हो गये तो शर्म में डूबी हो तुम। शर्म तब आयी मुझे जब बेशरम बन खुल पड़ी। ---------------------------------------------- सौन्दर्य को डर --------------- किसी लावण्यमयी के कपोलों को... Hindi · मुक्तक 221 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read क्रांति स्याही का रंग जब लाल होगा मुर्दा पड़े लोगों में तब कमाल होगा। इस कमाल को लोग कहेंगे भ्राँति। पर‚ हम तो कहेंगे क्राँति। ---------------------------------------------------- Hindi · मुक्तक 209 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 2 min read वर्षों बाद तुम्हें देखा --------------------------------------------------- वर्षों बाद तुम्हें देखा आशंकित तमन्ना नगर देखने की थी। किन्तु, तुम बेतरतीब थे आज भी जंगल की तरह। तुम्हारे बेतरतीब ज़ुल्फों से ही तो हमें प्यार था। छूने... Hindi · मुक्तक 202 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read पहचान का चिट पहचान का चिट गरीबी पर चिपकाने को लालायित हम सामंतवादी चिट। क्यों न हो वह आतुर लगाने को मुहर करने को जाहिर सामंतवाद मेरे पीठ ही नहीं मन पर भी।... Hindi · मुक्तक 171 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read मुकरीयां तेरे बिन सावन है सूना। दिन रातों से सूना दूना। भोर मचाए झूठा शोर। वो सखी साजन? नहीं सखी घटा घनघोर। रात में दिन का भरा उजाला। आगे सब कुछ... Hindi · मुक्तक 150 Share