Sushil chauhan 37 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sushil chauhan 12 Jan 2024 · 1 min read पागल मैं खुद से खुद में बात करता हूं। मैं पागल नहीं मैं दूसरों से अलग दिखाता हूं। मैं जानवर नहीं मैं अंजान बना रहता हूं । लोगों की फरेब वाली... Hindi · Poem 1 145 Share Sushil chauhan 8 May 2023 · 1 min read बारिश आज बारिश की बूंदे आई है। मैं झूम झूम कर हवा के साथ नाच दिखाईं है। कोयल को रहा नहीं गया। वह भी मुझ पर बैठकर राग सुनाई है। आज... Hindi · कविता 1 274 Share Sushil chauhan 7 May 2023 · 1 min read पहले सा मौसम ना रहा अब धरती पर गर्मी बढ़ रहा पहले सा मौसम ना रहा जो पेड़ था उसका फल खा रहा पेड़ लगाने की फुर्सत ना रहा अब कह रहा की मौसम बदल... Hindi · कविता 329 Share Sushil chauhan 6 May 2023 · 1 min read संघर्ष जो मुस्कुरा रहा है। उसे दर्द ने पाला होगा। जो चल रहा है। उसके पांव में छाला होंगा। बिना संघर्ष के इंसान चमक नहीं सकता जिस प्रकार सोना बिना तपे... Hindi · कविता 1 296 Share Sushil chauhan 5 Apr 2023 · 1 min read कुछ बातें ईश्वर पर छोड़ दें कुछ बातें ईश्वर पर छोड़ दें। खुद समझने की कोशिश ना कर जो मिल रहा है उसी में खुश रह। सब कुछ पाने की कोशिश ना कर। कुछ काय समय... Hindi · कविता 1 1 483 Share Sushil chauhan 30 Mar 2023 · 1 min read अपने और पराए बुझ गये हैं आशा के दिये अब , अंधेरा ही अंधेरा लगने लगे है। राह तो अब दिखती नहीं , पग पग ठोकर खाने लगे हैं। जिंदगी ने समझा दिये... Hindi · Poem 188 Share Sushil chauhan 29 Mar 2023 · 1 min read प्रकृति का विनाश जो आजाद है उसे आजाद ही रहने दो। जो जिसका घर है उसके घर में ही रहने दो। माना कि तुम बुद्धि में सर्वश्रेष्ठ हो। पर तुम किसी का घर... Hindi · कविता 325 Share Sushil chauhan 4 Mar 2023 · 1 min read बेटी बहुत सिमट गयी अब बिखरना चाहती हूं। घुट घुट कर बहुत जी लिया। अब दुनिया को घूमना चाहती हूं। नदी की जल की तरह कल कल कर यहां से वहां... Hindi · Poem 1 305 Share Sushil chauhan 26 Feb 2023 · 1 min read स्वार्थ दुल्हन की तरह सजी इस धरती को मानव ने धीरे धीरे कर उजाड़ डाला अपने स्वार्थ को पाने के लिए मानव ने दूसरों का घर उजाड़ डाला स्वार्थ इतनी भरी... Hindi · कविता 224 Share Sushil chauhan 30 Dec 2022 · 1 min read कुकुरा लोग कहेला कुकुरा बड़ा हारामी बा। चोराके रोटी खाए ला ओकरो पेटवा के आग बा। जो शांत करें चाहे ला रोड पर छोड़ के आपन बच्चा केकरो जूठन खाए आईल... Bhojpuri · कविता 2 220 Share Sushil chauhan 30 Dec 2022 · 1 min read याद तोहर याद में हम आंसू बहावल करी ला आपन दिल के हम आंसू से बुझावल करी ला कोई देखे ला हमके त हंस के मुस्कूराइल करी ला सुशील चौहान फारबिसगंज... Bhojpuri · कविता 1 206 Share Sushil chauhan 27 Dec 2022 · 1 min read सरकारी नौकरी ये नौकरी तू कितना इठलाती है माना कि तू बहुत जवां और खूबसूरत है। हजारों लड़के तेरे पीछे घूमते हैं। पर भाव किसी को तू देती नहीं है। जवानी भर... Hindi · कविता 1 2 173 Share Sushil chauhan 15 Dec 2022 · 1 min read कामयाब लोग कहते हैं हर कामयाब व्यक्ति के पीछे एक औरत का हाथ होता है मैंने देखा है हर कामयाब व्यक्ति के पीछे उनके बूढ़े मां बाप की पूरी जवानी होती... Hindi · कविता 1 1 210 Share Sushil chauhan 12 Dec 2022 · 1 min read मां बाप जो लाखों के बात करते हैं। उनकी मां बाप की जिंदगी ओल्डज होम में गुजर जाती है। मजदूर की जिंदगी तो मां बाप की सेवा में गुजर जाती है। सुशील... Hindi · कविता 232 Share Sushil chauhan 11 Dec 2022 · 1 min read कलम गोरी पन्ने पर खींच दो तो दाग है यह कमजोर लोगों का ब्रह्मास्त्र है यह भ्रष्ट से भ्रष्ट सब डरते हैं जाने गोरे पन्नों पर छोड़ देता कौन सा दाग... Hindi · कविता 174 Share Sushil chauhan 28 Nov 2022 · 1 min read शव ना जाने क्यों मेरी मरने के बाद जो देखने नहीं आते थे वो आंसू क्यों बहा रहे है अपनी आंसुओं की बारिश से मुझे नहलाये क्यों जा रहे हैं आज... Hindi · कविता 2 1 154 Share Sushil chauhan 26 Nov 2022 · 1 min read पहला प्यार वो मेरा पहला प्यार छिपा रह गया दिल के किसी कोने में ना कह पाया जिसका अफसोस रह गया दिल के किसी कोने में वो मासूम सा चेहरा जो दिल... Hindi · कविता 1 244 Share Sushil chauhan 13 Nov 2022 · 1 min read पक्षी अब सुबह होने पर पक्षी की कलरव सुनाई नहीं पड़ती सूरज के स्वागत में कोई पक्षी गीत नहीं गाती बसंत में कोयल की कूक बड़ी मुश्किल से सुनाई देती है... Hindi · कविता 2 228 Share Sushil chauhan 10 Nov 2022 · 1 min read स्वंग का डर कोई आपको कितना भी डराए आपको डरा नहीं सकता स्वंग का डर ही आपको डरा देती है सुशील चौहान फारबिसगंज अररिया बिहार Hindi · कविता 1 207 Share Sushil chauhan 10 Nov 2022 · 1 min read डर डर भी बड़ी अजीब चीज है मन में सोचा हुआ शब्द मुंह से निकलता नहीं निडर को देखिए मुंह में जो शब्द आता है बक देता है सुशील चौहान फारबिसगंज... Hindi · कविता 1 171 Share Sushil chauhan 10 Nov 2022 · 1 min read भूख भूख ने उम्र के मतलब बदल दिए जो कदम स्कूल के तरफ जानी चाहिए वो रोटी के लिए चल दिए पढ़ना तो मैं भी चाहता था पर परिवार के भूख... Hindi · कविता 1 1 341 Share Sushil chauhan 9 Nov 2022 · 1 min read घर शहर की शोर-शराबा से दूर गांव में कितना आराम है घर तो गांव में होता है शहर में तो मकान है सुशील चौहान फारबिसगंज अररिया बिहार Hindi · कविता 3 1 291 Share Sushil chauhan 8 Nov 2022 · 1 min read कलम 1.ये कलम नहीं तलवार है ये उगलती आग है कितने गुनाहगारों को जमींदोज किया कोई नहीं ठहर पाया इनकी पेनी धारों से सब नतमस्तक हो जाते हैं इनकी बार से... Hindi · कविता 2 349 Share Sushil chauhan 7 Nov 2022 · 1 min read पेड़ मत काटो मत काटो टुकड़ों में मत बांटो मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है सूरज की कड़कती धूप खाकर छांव तुम्हीं को दिया है गंदी हवा खा कर शुद्ध हवा तुम्हीं... Hindi · कविता 5 1 370 Share Sushil chauhan 6 Nov 2022 · 1 min read औलाद मेरे आंखों के सपने दिल के अरमान हो तुम तुम से ही तो मैं हूं मेरी पहचान हो तुम मैं जमीन हूं अगर तो तुम मेरे लहलहाते फसल हो सच... Hindi · कविता 6 2 336 Share Sushil chauhan 4 Nov 2022 · 1 min read मां मां तेरी बहुत याद आती है बुलाकर खिलाना खाना लेकर पीछे-पीछे घूमना दोस्तों के साथ देर तक घूमने पर फटकार लगाती है मां तेरी बहुत याद आती है पिता का... Hindi · कविता 5 3 347 Share Sushil chauhan 3 Nov 2022 · 1 min read हर रोज में पढ़ता हूं हर दिन मैं पढ़ता हूं हर दिन मैं लिखता हूं कब मिलेगी नौकरी यही मैं सोचता हूं रोज की परेशानियों से हर दिन की थकानी से यही तो मैं लिखता... Hindi · कविता 3 1 208 Share Sushil chauhan 1 Nov 2022 · 1 min read तू इंसान है तेरे गिरने में तेरी हार नहीं तू इंसान है भगवान नहीं तू उठ चल दौड़ फिर तु डरता काहे को है हार जीत लगी रहती है अपने मेहनत पर विश्वास... Hindi · कविता 2 2 168 Share Sushil chauhan 27 Oct 2022 · 1 min read उम्मीद तुम अपने गम भुला कर तो देखो दोस्ती के हाथ बढ़ा कर तो देखो दुःखी तो बहुत बार हुए बिना बात मुस्कुरा कर तो देखो भाई भाई मे झगड़े तो... Hindi · कविता 2 1 216 Share Sushil chauhan 25 Oct 2022 · 1 min read शक हर दिन शक की निगाह से देखा कर न मुझे मैं तेरा हूं मैं तेरा ही रहूंगा तू शक न कर मुझ पे मैं सच कहता हूं तो तुम्हें झूठ... Hindi · कविता 2 248 Share Sushil chauhan 22 Jun 2022 · 1 min read सावन सावन की बूंदे जब बरसती होगी दिल ही दिल में वह मुझे याद करती होगी मेरी यादों में वो सो न सकी होगी रात भर वह बिस्तर पर करवटें बदलती... Hindi · कविता 2 258 Share Sushil chauhan 18 Jun 2022 · 1 min read इंद्रधनुष सूरज की रोशनी बिंदो पर पड़ती है । तब सात रंग का इंद्रधनुष दिखाई पड़ती है। पूरी प्राकृति सुंदरता की चादर में लिपट जाता है जब एक तरफ छोटे बूंदे... Hindi · कविता 3 1 1k Share Sushil chauhan 13 Jun 2022 · 1 min read चंद सांसे अभी बाकी है टूट चुका हूं खटते खटते बिखरना अभी बाकी है। चंद सांसे अभी हैं। जिसका जाना अभी बाकी है। मौत रोज हमें सिरहाने खड़ी हो कर पूछती है। आजा भाई क्या... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 3 360 Share Sushil chauhan 11 Jun 2022 · 1 min read मेहनत मेहनत करने वाले कभी भूखे नहीं मरते, और बुरी नियत वालों के कभी पेट नहीं भरते यू टुकुर टुकुर देख कर यूं ही, जलते रहते हैं और मेहनत करने वाले... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 1 298 Share Sushil chauhan 10 Jun 2022 · 1 min read संघर्ष मैं थका जरूर हूं। पर हरा नहीं हूं। मुझ में हिम्मत अभी बाकी है। मैं असफल जरूर हुआ हूं।। पर संघर्ष करना अभी बाकी है। असफलता तो जिंदगी का हिस्सा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 6 9 611 Share Sushil chauhan 8 Jun 2022 · 1 min read पैसा पैसे की भूख ऐसी लगी कि कमाने निकल गए । जब पैसा मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए। बच्चों के साथ रहने की फुर्सत न मिल सकी। जब फुर्सत... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 3 773 Share Sushil chauhan 23 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता होना आसान नहीं होता। ना होते तो मेरा जन्म नहीं होता। पिता परिवार का वो छत है जो बारिश और धूप का दीवार बने होते हैं। घर के हर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 15 277 Share