कवि लोकेन्द्र ज़हर Tag: कविता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि लोकेन्द्र ज़हर 25 Nov 2022 · 1 min read *संविधान गीत* तुमने गर्दिश में भी हर्ष लिखा, हर पिछड़े का संघर्ष लिखा। अनगिनत यातना झेली पर, विचलित न किंतु तनक दिखा। तूफां में जो बन बाज़ उड़ा, ऐसे थे भीम महान।... Hindi · कविता · गीत 3 2 362 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 3 Apr 2021 · 1 min read हर घर इक मधुशाला है चुंबन करता रोज अहाते में, प्याले को प्याला है ! साकी बन मधुरस बरसाती, नित होठों पर हाला है !! हर घर इक मधुशाला है ! हर घर इक मधुशाला... Hindi · कविता 1 398 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 3 Apr 2021 · 1 min read गली के उस मोड़ पर... उस पीली मीनार से सटी साफ दिखती है वो छत गली के उस मोड़ से जिसकी मुंडेर पर गुलाबी पल्लू में सिमटता मुस्कुराता हुआ एक हसीन चेहरा दांतो में चूनर... Hindi · कविता 1 570 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 29 May 2020 · 2 min read चिंगारी हर मजलूम के घर तक,पहुँचा दो चिंगारी को | फेंक उखाड़ो सत्ता की, गद्दी से अत्याचारी को || बस ! दीवारों पै लिखे स्लोगन,पोस्टरों में छापा है| वरना बेटी की... Hindi · कविता 4 5 770 Share कवि लोकेन्द्र ज़हर 29 May 2020 · 1 min read प्रेंम घुलने का बिषय है.... बस! पलों का वक्त लगता,तन से तन के तो मिलन में| बीत जाती सदियाँ लेकिन,मन से मन के तो मिलन में|| पत्थरों को मोंम करना, पड़ता है तपकर यहाँ, तब... Hindi · कविता 4 1 285 Share